India Ban: पाकिस्तान से आयात पर पूरी तरह रोक, मोदी सरकार का कड़ा फैसला क्यों बना बड़ा संदेश?
भारत ने पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर तत्काल रोक लगाकर आतंकवाद के खिलाफ बड़ा संदेश दिया है। यह फैसला सुरक्षा और राष्ट्रीय नीति को ध्यान में रखकर लिया गया है। जानिए इसके पीछे की पूरी रणनीति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि।

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रही कूटनीतिक खींचतान एक बार फिर चरम पर है। शनिवार को केंद्र सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया जो दोनों देशों के रिश्तों में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। भारत ने पाकिस्तान से सभी वस्तुओं के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है — न सिर्फ प्रत्यक्ष, बल्कि अप्रत्यक्ष आयात पर भी।
यह फैसला उस आतंकी हमले के बाद आया है जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए लगातार कई बड़े कदम उठाए हैं।
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड का नोटिस
वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले Directorate General of Foreign Trade (DGFT) ने एक स्पष्ट नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है। यह रोक “अगले आदेश तक” लागू रहेगी। इससे पहले भी भारत ने कई बार पाकिस्तान को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के प्रयास किए हैं, लेकिन यह कदम सबसे निर्णायक माने जा रहे हैं।
FATF और IMF में भी बढ़ेगा दबाव
जानकारी के अनुसार, भारत अब दो और कूटनीतिक चालें चलने की तैयारी में है — पहला, पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डालने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाना, और दूसरा, IMF की मई में होने वाली बैठक में पाकिस्तान की फंडिंग पर आपत्ति जताना। ये दोनों कदम पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका साबित हो सकते हैं।
ISI और लश्कर की मिलीभगत की पुष्टि
NIA की शुरुआती जांच में जो खुलासे हुए हैं, वो चौंकाने वाले हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस आतंकी हमले में ISI और लश्कर-ए-तैयबा की मिलीभगत सामने आई है। दो आतंकियों की पहचान भी हो चुकी है — हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई। इन आतंकियों के साथ जुड़े करीब 20 Over Ground Workers (OGWs) को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
PoK में भी हलचल, मदरसे बंद और पर्यटक बैन
इस हमले के बाद सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में भी हलचल देखी जा रही है। नीलम घाटी और LoC के आसपास के इलाकों में टूरिज्म पर रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी मीडिया ‘The Dawn’ के मुताबिक सरकार ने सभी मदरसों को 10 दिन के लिए बंद रखने का आदेश भी जारी किया है।
इतिहास से सीख: भारत की पुरानी नीति से अलग रुख
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार हमेशा से तनावों के बीच संतुलन साधने का जरिया रहा है। 1999 के कारगिल युद्ध, 2001 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमले के बाद भी व्यापारिक संबंधों को पूरी तरह खत्म नहीं किया गया था। लेकिन अब भारत की नीति में बड़ा बदलाव साफ दिखाई दे रहा है — आतंकवाद के साथ कोई व्यापार नहीं।
क्या है इसका असर?
इस फैसले से पाकिस्तान को आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान हो सकता है। भारत, पाकिस्तान के लिए कभी बड़ा बाजार हुआ करता था, खासकर कृषि और वस्त्र उत्पादों के लिए। अब भारत का यह रुख उसकी वैश्विक छवि को और मजबूत करेगा कि वह आतंकवाद को लेकर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करता।
भारत का यह फैसला न केवल एक व्यापारिक निर्णय है, बल्कि एक कड़ा राजनीतिक संदेश भी है। यह दिखाता है कि देश आतंकवाद को लेकर अब और अधिक zero tolerance की नीति अपना रहा है। आने वाले दिनों में भारत की ये रणनीति पाकिस्तान पर और भी दबाव बनाएगी।
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