Ranchi Chain Terror: मंदिर से लौट रहीं महिलाओं पर बाइकर्स गैंग का हमला, दिनदहाड़े छीनी गई चेन!
रांची के कांके और खेलगांव थाना क्षेत्रों में महिलाओं से बाइक सवार अपराधियों ने सोने की चेन छीन ली। घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, पुलिस सीसीटीवी के जरिए जांच में जुटी है।

रांची में चेन स्नैचिंग की घटनाएं अब सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि खुलेआम महिलाओं के खिलाफ अपराध बन चुकी हैं। कांके और खेलगांव थाना क्षेत्र में एक ही हफ्ते में तीन महिलाओं को दिनदहाड़े बाइकर्स गैंग ने अपना निशाना बनाया। क्या राजधानी अब अपराधियों की आरामगाह बन चुकी है, जहां महिलाएं मंदिर तक सुरक्षित नहीं?
कांके में मंदिर जा रही महिला से चेन झपट कर भागे अपराधी
घटना 2 मई की सुबह करीब 10:30 बजे की है। बुकरु निवासी 52 वर्षीय गीता कुमारी दुर्गा मंदिर की ओर जा रही थीं। जतरा मैदान के समीप पहुंचने पर, पीछे से तेज रफ्तार बाइक पर सवार दो युवक आए और उनके गले से सोने की चेन झपट कर भागने लगे।
गीता कुमारी ने हिम्मत दिखाते हुए पीछे बैठे बदमाश को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उसने महिला को धक्का दिया और भाग निकला। यह घटना कांके थाना क्षेत्र की है और इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।
एक और वारदात — अरसंडे में महिला की चेन पर हाथ साफ
इससे पहले, 30 अप्रैल को अरसंडे इलाके में जय प्रकाश नगर की निवासी सीता देवी भी बाइकर्स गैंग का शिकार बनीं। दो युवक तेज रफ्तार बाइक पर आए और उनके गले से चेन झपट कर चंपत हो गए।
खेलगांव में तीसरी वारदात, शाम को महिला की चेन छीनी
2 मई की शाम, खेलगांव थाना क्षेत्र के होटवार इलाके में एक और महिला को निशाना बनाया गया। बाइक सवार अपराधियों ने अचानक से हमला किया और गले की चेन छीनकर फरार हो गए।
तीनों घटनाओं में एक ही पैटर्न नजर आता है — बाइक, दो अपराधी, महिलाएं टारगेट, और तेजी से फरार होना।
इतिहास दोहरा रहा है खुद को — रांची में बाइकर्स गैंग का पुराना रिकॉर्ड
रांची में बाइकर्स गैंग का इतिहास 2015-16 से देखा जा सकता है, जब शहर में इस तरह की चेन स्नैचिंग की कई घटनाएं हुई थीं। उस समय भी त्योहारों या स्कूल/कॉलेज खुलने के समय ये गिरोह सक्रिय हो जाते थे।
पुलिस की तत्कालीन कार्रवाई में कुछ अपराधी पकड़े गए थे, लेकिन अब वही तरीके और वही हौसला दोबारा देखने को मिल रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि अब महिलाएं मंदिर जा रही हों या बाजार, कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।
पुलिस की सक्रियता पर उठते सवाल
कांके और खेलगांव थाना क्षेत्र में तीन घटनाएं हुईं, लेकिन पुलिस अब भी सीसीटीवी फुटेज और प्राथमिकी तक ही सीमित है।
अब सवाल यह है कि क्या पुलिस सिर्फ घटना के बाद सक्रिय होती है, या शहर की सुरक्षा व्यवस्था में कहीं कुछ गंभीर खामी है?
रांची पुलिस को अब चाहिए कि वह इन घटनाओं को अलग-अलग केस की तरह न देखकर एक संभावित संगठित गैंग की तरह जांच करे।
महिलाओं की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा
यह बेहद चिंताजनक है कि जिन महिलाओं ने जीवन का अधिकांश समय इस शहर में गुजारा है, अब वे भी घर से बाहर निकलते समय डर महसूस कर रही हैं।
खासकर मंदिर जैसे स्थान जहां लोग शांति और आस्था के लिए जाते हैं, वहां पर इस तरह की घटनाएं होना समाज के लिए शर्मनाक है।
अब क्या?
रांची पुलिस को सख्त कदम उठाने होंगे। बाइकर्स गैंग की पहचान, गश्त बढ़ाना, महिला सुरक्षा हेल्पलाइन को और मजबूत करना — ये सब अब कागज पर नहीं, जमीन पर नजर आना चाहिए।
वरना आने वाले समय में रांची जैसे शांत शहर की पहचान सिर्फ “अपराधियों की राजधानी” बनकर रह जाएगी।
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