Ranchi Cyber Fraud: दिल्ली जल बोर्ड से लेकर गूगल मैप तक, ठगों ने उड़ाए 6 लाख, जानें कैसे फंसे लोग!
रांची में पांच लोगों से अलग-अलग तरीकों से करीब छह लाख रुपये की साइबर ठगी हुई। दिल्ली जल बोर्ड, गूगल मैप रेटिंग, टेलीग्राम टास्क और लोन के नाम पर लोगों को बनाया गया शिकार।

रांची में साइबर अपराधियों की हिम्मत अब तकनीक से भी दो कदम आगे निकल चुकी है। फर्जी कॉल, मैसेज और लिंक के जरिए ठग अब ऐसे झांसे दे रहे हैं कि पढ़े-लिखे लोग भी मिनटों में अपने बैंक अकाउंट से लाखों गंवा बैठते हैं। ताजा मामला राजधानी रांची से जुड़ा है, जहां पांच लोगों से छह लाख रुपये की ठगी कर ली गई — और हर एक वारदात अपने आप में एक अलग ट्रिक का नमूना है।
1. दिल्ली जल बोर्ड का मैसेज और 2.86 लाख की ठगी
बुंडू के रवींद्रनाथ और उनकी पत्नी रेणुका देवी दिल्ली में रहते हैं। उन्हें एक मैसेज मिला जिसमें लिखा था कि दिल्ली जल बोर्ड का बिल नहीं जमा हुआ है, जल्द जमा नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाएगा।
विवाहित जोड़ा घबरा गया और दिए गए नंबर पर कॉल किया। ठग ने एक लिंक भेजा और कहा कि यहीं से बिल जमा करना होगा। लिंक खोलते ही उनके संयुक्त खाते से 2.86 लाख रुपये गायब हो गए।
यह "फिशिंग" नामक साइबर फ्रॉड का क्लासिक केस है, जहां नकली लिंक असली लगते हैं और लोग चुटकियों में फंस जाते हैं।
2. टेलीग्राम टास्क से 93 हजार की ठगी
चुटिया निवासी भवेश कुमार को टेलीग्राम पर एक टास्क मिला — एक आसान कार्य पूरा करने पर 910 रुपये मिले। भरोसा हुआ, और फिर उससे चार बार में कुल 93,000 रुपये मांगे गए, ये कहकर कि अगले टास्क में ज्यादा कमाई होगी।
पैसा देने के बाद, न पैसे लौटे न टास्क मिला — बल्कि ठग ने और पैसे की मांग शुरू कर दी।
3. लोन बंद करने का झांसा, 1.67 लाख की चपत
सेल सिटी, पुंदाग के आनंद कुमार सिंह को फोन आया। सामने वाले ने कहा कि वह "डीएमआई फाइनेंस" से बोल रहा है और लोन बंद करवाने में मदद करेगा। सारी किस्तों की जानकारी सही थी, जिससे आनंद को लगा कि कॉल असली है।
उसने दो यूपीआई ट्रांजैक्शन में 1.67 लाख रुपये भेज दिए। इसके बाद न कॉल आया, न पैसे वापस — सिर्फ नंबर ब्लॉक।
4. गूगल रेटिंग से कमाई का लालच और 96,500 रुपये गायब
रातू के सिमलिया के प्रिंस कुमार को ठगों ने झांसा दिया कि गूगल मैप पर रेटिंग देकर पैसे कमाए जा सकते हैं। हर 5-स्टार रेटिंग के बदले 50 रुपये मिलने की बात हुई।
इसके बाद उनके खाते से कुल 96,500 रुपये निकल गए। जब तक उन्हें एहसास हुआ, बहुत देर हो चुकी थी।
5. पैन कार्ड लिंक कराने के नाम पर 48,805 रुपये की ठगी
रातू के काठीटांड़ निवासी राकेश कुमार के दो बैंक खातों से 48,805 रुपये निकाल लिए गए। उन्हें कहा गया कि उनके पैन कार्ड को बैंक से लिंक करना जरूरी है, नहीं तो खाता फ्रीज हो जाएगा।
लिंक पर क्लिक करते ही दोनों अकाउंट से पैसे उड़ गए।
इतिहास से सबक लें — साइबर ठगों का बदलता चेहरा
2010 के बाद से भारत में इंटरनेट और मोबाइल उपयोग के साथ ही साइबर अपराध का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है। शुरू में जहां OTP और कार्ड क्लोनिंग से ठगी होती थी, अब साइकोलॉजिकल ट्रिक्स, गवर्नमेंट नामों का दुरुपयोग, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सहारा लेकर लोगों को फंसाया जा रहा है।
अब क्या करें?
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किसी भी सरकारी संस्था से जुड़ी सूचना पर सीधे उनके आधिकारिक नंबर पर कॉल करें।
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लिंक खोलने से पहले URL ध्यान से जांचें।
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टेलीग्राम, व्हाट्सएप, या अनजान कॉल से मिले काम या ऑफर पर विश्वास न करें।
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बैंक से संबंधित कोई भी कार्य केवल आधिकारिक वेबसाइट या ऐप से ही करें।
पुलिस जांच जारी, लेकिन जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार
साइबर थाना में सभी मामलों की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है। लेकिन जब तक लोग खुद सतर्क नहीं होंगे, तब तक ये ठग नए-नए तरीके से लोगों को निशाना बनाते रहेंगे।
इसलिए याद रखें — हर कॉल, हर लिंक, हर ऑफर भरोसेमंद नहीं होता।
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