Chandil Accident: स्कूल से लौट रही युवती की दर्दनाक मौत, रिश्ते में बहन लगने वाली को बाइक से छोड़ने जा रहा था युवक
सरायकेला के चांडिल में एक दर्दनाक सड़क हादसे में शिक्षिका युवती की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाइक चला रहा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। जानिए कैसे हुआ यह हादसा और किस रिश्ते में थे दोनों।
झारखंड के सरायकेला-खरसावां ज़िले के चांडिल थाना क्षेत्र में शनिवार को एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने एक खुशहाल परिवार की दुनिया उजाड़ दी। चिल्गू में एक स्कूल की शिक्षिका रानी हांसदा (22) की मौके पर ही मौत हो गई, जब एक अनियंत्रित अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में बाइक चला रहे युवक शिबू सोरेन गंभीर रूप से घायल हो गए।
कैसे हुआ हादसा
शनिवार दोपहर लगभग 1 बजे की बात है। घाटशिला के जगन्नाथपुर निवासी शिबू सोरेन अपनी रिश्ते की बहन लगने वाली रानी हांसदा को चिल्गू स्थित स्कूल छोड़ने जा रहे थे। रानी गम्हरिया के आनंदपुर की रहने वाली थीं और किसी स्थानीय स्कूल में शिक्षक पद पर कार्यरत थीं।
जब दोनों कांदरबेड़ा से चिल्गू की ओर बाइक से निकल रहे थे, तभी रास्ते में एक तेज़ रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि रानी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि शिबू खून से लथपथ सड़क पर गिर पड़े।
स्थानीयों ने दिखाया मानवता का परिचय
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने चांडिल थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और दोनों को गंभीर हालत में एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर लाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद रानी को मृत घोषित कर दिया। वहीं, शिबू का इलाज अब भी एमजीएम अस्पताल में चल रहा है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
रिश्ते की डोर और अधूरी ज़िम्मेदारी
हादसे की एक और मार्मिक बात यह है कि शिबू सोरेन आदित्यपुर स्थित कंपनी मल्टी टेक प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत हैं। वे उस दिन अपने बड़े भाई की साली रानी को स्कूल छोड़ने जा रहे थे। यह एक सामान्य दिन था—बस स्कूल छोड़ने और वापस आने भर का काम था। लेकिन किसे पता था कि यह सफर रानी की जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा।
शिक्षिका रानी हांसदा: एक अधूरी कहानी
रानी एक समर्पित शिक्षिका थीं। महज़ 22 साल की उम्र में वे बच्चों को पढ़ा रही थीं, समाज को दिशा दे रही थीं। लेकिन एक अनियंत्रित वाहन ने न सिर्फ उनका जीवन छीना बल्कि उन सैकड़ों बच्चों के भविष्य को भी एक खालीपन दे दिया, जिनके लिए वह प्रेरणा थीं।
झारखंड की सड़कें और हादसों का इतिहास
झारखंड में सड़क दुर्घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। चांडिल, घाटशिला, जमशेदपुर से लेकर आदित्यपुर तक हर साल सैकड़ों लोग तेज़ रफ्तार वाहनों का शिकार हो जाते हैं। इसके पीछे खराब सड़कें, वाहनों की तेज़ रफ्तार और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी मुख्य वजहें मानी जाती हैं।
2018 में सड़क मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में हर साल करीब 2000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें बड़ी संख्या में युवाओं की जान जाती है।
पुलिस की कार्रवाई और अगला कदम
घटना की सूचना मृतका के परिजनों को दे दी गई है। पुलिस ने अज्ञात वाहन की तलाश शुरू कर दी है और मामले की जांच तेज़ कर दी गई है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह जांच रानी को वापस ला पाएगी?
जनता से अपील
यदि आपने इस दुर्घटना को देखा है या अज्ञात वाहन के बारे में कुछ जानकारी है, तो कृपया पुलिस को सहयोग करें। एक परिवार की बेटी, एक स्कूल की शिक्षिका और एक समाज की उम्मीद हमसे छिन गई है—अब न्याय की लड़ाई में योगदान देने की बारी हमारी है।
आपकी एक जानकारी किसी को इंसाफ दिला सकती है। क्या आप आगे आएंगे?
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