Jamshedpur Connection: जेम्को स्कूल में पहुंचा मीठा पानी, समाजसेवा और प्रशासन ने मिलकर बदली तस्वीर
जमशेदपुर के जेम्को महानंद बस्ती स्थित नव प्राथमिक विद्यालय को जुस्को का पेयजल कनेक्शन मिल गया। समाजसेवियों और प्रशासन के संयुक्त प्रयास से अब बच्चों को मिलेगा साफ पानी, जानिए पूरी कहानी।

बच्चों की प्यास बुझाने का सपना आखिरकार हुआ साकार।
जमशेदपुर के जेम्को महानंद बस्ती स्थित नव प्राथमिक विद्यालय को अब आखिरकार वो सुविधा मिल गई, जिसका इंतजार वर्षों से हो रहा था—पेयजल कनेक्शन। शनिवार को जैसे ही स्कूल में जुस्को का जलधारा बहना शुरू हुई, पूरे परिसर में एक नई उम्मीद की हवा बहने लगी।
समस्या जो पीढ़ियों से थी…
यह कोई नई समस्या नहीं थी। स्कूल के बच्चों और शिक्षकों को लंबे समय से पीने के साफ पानी की उपलब्धता नहीं थी। गर्मियों में यह समस्या और विकराल हो जाती थी। छोटे बच्चे प्यासे रह जाते, शिक्षक परेशान रहते और पढ़ाई के बीच बार-बार पानी के लिए इधर-उधर जाना पड़ता था।
इतना ही नहीं, इससे पहले कई बार स्थानीय स्तर पर आवाजें उठीं, लेकिन किसी ने स्थायी समाधान की ओर कदम नहीं बढ़ाया।
समाजसेवा ने जगाई उम्मीद
इस बार बदलाव की बयार आई समाजसेवी करनदीप सिंह की पहल से। उन्होंने न सिर्फ समस्या को पहचाना, बल्कि उसे सुलझाने की ठान ली।
कुछ दिन पहले करनदीप सिंह ने पूर्वी सिंहभूम के उप विकास आयुक्त से इस मुद्दे पर विस्तार से बात की और एक लिखित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि नव प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए पीने के पानी की अत्यंत गंभीर समस्या है।
यह याचिका महज़ एक औपचारिक पत्र नहीं थी, बल्कि यह उस मौन पीड़ा की आवाज थी, जो वर्षों से पानी की एक बूंद के लिए तरस रही थी।
प्रशासन ने दिखाई संवेदनशीलता
सबसे खास बात यह रही कि उप विकास आयुक्त ने इस अनुरोध को तुरंत संज्ञान में लिया। उन्होंने बिना देर किए जुस्को को विद्यालय में पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
यह आदेश कागज़ों में नहीं सिमटा, बल्कि सिर्फ कुछ ही दिनों में जुस्को की टीम मौके पर पहुंच गई और स्कूल परिसर में पेयजल कनेक्शन सुनिश्चित किया।
प्रबंधन समिति और प्रधानाध्यापिका की प्रतिक्रिया
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रीना कुमारी ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा:
"यह हमारे लिए बहुत बड़ी राहत है। आपके प्रयासों से आज हमारे विद्यालय को पीने का स्वच्छ जल मिल रहा है। इससे न सिर्फ बच्चों की सेहत सुरक्षित रहेगी बल्कि पढ़ाई में भी कोई बाधा नहीं आएगी।"
विद्यालय प्रबंधन समिति ने भी उप विकास आयुक्त और करनदीप सिंह का विशेष रूप से धन्यवाद प्रकट किया।
मौके पर मौजूद रहे स्थानीय लोग
इस अवसर पर रीता महानंद, मुन्ना देवी, नारायण साहू और अन्य कई स्थानीय लोग उपस्थित रहे। यह न सिर्फ एक जल कनेक्शन का उद्घाटन था, बल्कि एक सामूहिक सफलता का उत्सव भी था।
इतिहास की बात करें तो...
शिक्षा से जुड़े बुनियादी ढांचे में जल की भूमिका को हमेशा प्राथमिकता दी जाती रही है। आज़ादी के बाद भी भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्कूलों में शुद्ध पेयजल की समस्या बनी रही। हालांकि सरकारें प्रयास करती रही हैं, लेकिन जमीनी कार्य तभी संभव हो पाता है जब समाज और प्रशासन साथ आकर काम करें।
जेम्को स्कूल में जो हुआ, वह इसी सहयोग का सुंदर उदाहरण है।
अब आगे क्या?
अब सवाल उठता है कि क्या यही उदाहरण अन्य स्कूलों में भी दोहराया जाएगा? क्या समाजसेवी और प्रशासन इसी तरह साथ आकर अन्य मूलभूत समस्याओं का हल निकाल पाएंगे?
फिलहाल तो जेम्को के इस छोटे से स्कूल में मीठे पानी की धारा बह रही है, और बच्चों की आंखों में नए सपनों की चमक लौट आई है।
क्या आपके क्षेत्र के स्कूल में भी ऐसी कोई समस्या है? क्या आप भी बदलाव की शुरुआत बनना चाहते हैं?
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