Mirzapur Tragedy: जिंदगी बचाने निकली एंबुलेंस पर ट्रक ने मचाया कहर, गर्भवती महिला समेत 4 की मौत!
मिर्जापुर के अहरौरा में भीषण सड़क हादसा - गिट्टी लदे ट्रक ने एंबुलेंस को टक्कर मारकर पलट दिया। गर्भवती महिला सहित 4 लोगों की मौत, 2 गंभीर घायल। जानिए कैसे हुई ये दर्दनाक घटना और क्या है पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई?

मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) के अहरौरा थाना क्षेत्र में शनिवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने एक गर्भवती महिला सहित 4 लोगों की जान ले ली। यह घटना वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर हनुमान घाटी के पास हुई, जहां सोनभद्र से आ रहा गिट्टी लदा ट्रक एक एंबुलेंस से टकराकर उस पर पलट गया। एंबुलेंस में डिलीवरी के लिए वाराणसी जा रही गर्भवती हीरावती सहित 6 लोग सवार थे, जिनमें से 4 की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 2 गंभीर रूप से घायल हैं।
कैसे हुआ हादसा?
- एंबुलेंस हीरावती (गर्भवती) को प्रसव के लिए वाराणसी के अस्पताल ले जा रही थी।
- दोपहर के समय गिट्टी लदा ट्रक पीछे से तेज रफ्तार में आकर एंबुलेंस से टकराया।
- टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रक एंबुलेंस पर पलट गया, जिससे वह पूरी तरह कुचल गई।
- मौत के शिकार:
- हीरावती (गर्भवती)
- सूरज बली खरवार
- मालती देवी
- रामू (एक अज्ञात व्यक्ति)
- गंभीर घायल:
- कौशल कुमार खरवार
- एंबुलेंस चालक भंडारी शर्मा
"ट्रक ड्राइवर ने जानबूझकर नहीं रोका वाहन" – एंबुलेंस ड्राइवर
घायल एंबुलेंस चालक भंडारी शर्मा ने बताया – "ट्रक ने पीछे से तेजी से टक्कर मारी और फिर हमारी एंबुलेंस पर पलट गया। ड्राइवर ने ब्रेक लगाने की कोशिश भी नहीं की।"
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मिर्जापुर का इतिहास: क्यों बार-बार होते हैं ऐसे हादसे?
मिर्जापुर यूपी के सबसे खतरनाक हाइवे रूट्स में से एक है। 2023 में इसी मार्ग पर 12 बड़े हादसे हुए, जिनमें 34 लोगों की मौत हुई।
मुख्य कारण:
1. ओवरलोडिंग: ट्रक ड्राइवर गिट्टी, रेत और कोयला ढोते समय वजन सीमा से अधिक लादते हैं।
2. स्पीडिंग: हाइवे पर नियंत्रण की कमी के कारण ड्राइवर तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं।
3. एंबुलेंस/एमरजेंसी वाहनों को रास्ता न देना: अक्सर ट्रक ड्राइवर सायरन सुनकर भी रास्ता नहीं देते।
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अब क्या होगा आगे?
1. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट: मृतकों के शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है।
2. ट्रक ड्राइवर की तलाश: पुलिस ट्रक चालक की तलाश कर रही है, जो हादसे के बाद फरार हो गया।
3. मुआवजा: प्रशासन ने मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
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निष्कर्ष: क्या सीखा जाए?
यह हादसा एक बार फिर भारतीय सड़क सुरक्षा की कमियों को उजागर करता है। अगर ट्रक ड्राइवर ने सायरन सुनकर रास्ता दिया होता, तो शायद यह त्रासदी टल सकती थी। सरकार को चाहिए कि वह हाइवे पर सख्त निगरानी बढ़ाए और एमरजेंसी वाहनों को प्राथमिकता देने के नियम सख्ती से लागू करे।
अब सवाल यह है – क्या इस हादसे के बाद सड़क सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?
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