Mokama News Update : मोकामा का 'बाहुबली' अनंत सिंह: जेल से विधानसभा तक का सफर, कैसे बने 'दोनों' के चहेते? जानें पूरी कहानी!
क्या आप जानते हैं मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह के बारे में? जेल जाने से लेकर चुनाव जीतने तक का सफर। पढ़ें पूरी कहानी, नहीं तो पछताएंगे!
मोकामा (बिहार): बिहार की राजनीति में एक ऐसा नाम जो डर और सम्मान दोनों की पहचान बन गया - अनंत सिंह। मोकामा विधानसभा सीट से जेडीयू प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह हाल ही में चुनावी प्रचार के दौरान एक हादसे का शिकार हो गए, जब डुमरा गांव में आयोजित जनसभा का मंच अचानक टूट गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह शख्स कौन है और कैसे बना मोकामा का 'डॉन' से 'नेता'?
कौन है अनंत सिंह? जेल से सदन तक का सफर
अनंत सिंह का नाम बिहार की राजनीति में उन लोगों में शुमार है जिन्होंने अपनी 'खास' पहचान बनाई है। 1970 में जन्मे अनंत सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2005 में की थी। वह मोकामा से स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इसके बाद से वह इस सीट के 'किंगमेकर' बन गए।
कैसे बने 'दोनों' के चहेते?
अनंत सिंह की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि वह लालू प्रसाद यादव और नितिश कुमार दोनों के साथ काम कर चुके हैं। 2010 के चुनाव में उन्होंने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। लेकिन 2015 में वह जेडीयू में शामिल हो गए और फिर से जीत दर्ज की।
क्या है आपराधिक रिकॉर्ड?
अनंत सिंह का नाम कई गंभीर आपराधिक मामलों में दर्ज है:
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हत्या के मामले
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अपहरण
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डकैती
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भारतीय शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के मामले
2019 में उन्हें एक मामले में 10 साल की सजा भी सुनाई गई थी, लेकिन बाद में वह जमानत पर रिहा हो गए।
क्यों कहलाते हैं 'बाहुबली'?
अनंत सिंह को 'बाहुबली' इसलिए कहा जाता है क्योंकि:
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मोकामा में उनका दबदबा है
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उनके पास भारी संख्या में समर्थक हैं
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वह सीधे तौर पर क्षेत्र की राजनीति को नियंत्रित करते हैं
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उनकी छवि एक 'स्ट्रॉन्गमैन' की है
हाल की घटना: मंच टूटा, लेकिन हिम्मत नहीं
हाल ही में डुमरा गांव में आयोजित जनसभा के दौरान जब अनंत सिंह मंच पर थे, तभी अचानक मंच टूट गया। भीड़ और वजन बढ़ने के कारण हुए इस हादसे में अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ नीचे गिर पड़े। हालांकि, सौभाग्य से उन्हें गंभीर चोट नहीं आई और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत संभाल लिया।
दिलचस्प बात यह है कि इस घटना के बाद भी अनंत सिंह ने अपना जनसंपर्क अभियान जारी रखा, जो उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
अनंत बाबू जिंदाबाद... ये नारा लगते ही मोकामा में टूटा मंच, धड़ाम से नीचे जा गिरे बाहुबली नेता अनंत सिंह-VIDEO#AnantSingh #Mokama #BiharElections #viralvideoシ pic.twitter.com/Hfb1iAd4iX — Dhyanendra Singh (@dhyanendraj) October 26, 2025
क्या है मोकामा सीट का महत्व?
मोकामा विधानसभा सीट पटना जिले का हिस्सा है और यहां का राजनीतिक समीकरण हमेशा से ही जटिल रहा है। इस सीट पर:
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यादव और राजपूत समुदाय की अच्छी खासी आबादी है
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अनंत सिंह यहां लगातार जीत दर्ज करते आए हैं
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उनकी छवि स्थानीय नेताओं के बीच 'सबसे ताकतवर' की है
क्या कहते हैं विश्लेषक?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अनंत सिंह की सफलता के पीछे कई कारण हैं:
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सीधे तौर पर जनता से जुड़ाव
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क्षेत्र के विकास कार्यों में रुचि
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स्थानीय लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान
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'स्ट्रॉन्ग इमेज' जो लोगों को सुरक्षा का अहसास दिलाती है
विवादों से घिरा रहा है करियर
अनंत सिंह का राजनीतिक करियर विवादों से हमेशा घिरा रहा है:
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2019 में उनके आवास से AK-47 राइफल और लाइव गोला बारूद बरामद हुआ था
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कई हत्या और अपहरण के मामले दर्ज हैं
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जेल यात्राएं भी कर चुके हैं
क्या आगे भी जारी रहेगा दबदबा?
सवाल यह है कि क्या अनंत सिंह का मोकामा में दबदबा आगे भी जारी रहेगा? क्या नई पीढ़ी के मतदाता उन्हें उसी तरह समर्थन देंगे? क्या उनके आपराधिक रिकॉर्ड उनकी राजनीति में बाधक बनेंगे?
अनंत सिंह की कहानी बिहार की जटिल राजनीति को समझने का एक दिलचस्प उदाहरण है। वह एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने विवादों के बीच भी अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत बनाए रखी है। मोकामा की जनता के लिए वह कुछ के लिए 'डर' की तो कुछ के लिए 'आशा' की निशानी हैं।
क्या आपको लगता है कि अनंत सिंह जैसे नेताओं का भविष्य में भी राजनीति में स्थान होना चाहिए? कमेंट में अपनी राय जरूर दें।
हमारे साथ बने रहिए बिहार की राजनीति की ऐसी ही दिलचस्प कहानियों के लिए! अगली बार तक के लिए, जय हिंद!
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