Nawada Barati Attack: बारातियों पर Attack, महिलाओं के जेवर लूटे, सड़क पर हंगामा और जाम
नवादा में बारातियों पर हमला, महिलाओं के जेवर लूटे गए। विरोध में ग्रामीणों ने सड़क जाम कर हंगामा किया। जानें पूरी घटना और पुलिस की कार्रवाई।
नवादा, बिहार: नवादा जिले के हिसुआ थाना क्षेत्र में बारातियों पर हुए हिंसक हमले ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। बगोदर गांव में कार सवार बारातियों पर न सिर्फ हमला हुआ, बल्कि लूटपाट और महिलाओं के साथ अभद्रता की घटनाएं भी सामने आईं। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने हिसुआ-राजगीर फोरलेन को जाम कर जमकर हंगामा किया।
क्या है पूरा मामला?
घटना के मुताबिक, हिसुआ थाना क्षेत्र के सोनसा गांव से लौट रही बारातियों की कार पर लक्ष्मीपुर महादलित टोले के कुछ युवकों ने अचानक हमला कर दिया। विवाद तब शुरू हुआ जब बारात की गाड़ी से एक बकरी सट गई। इस मामूली बात पर गुस्साए युवकों ने ईंट-पत्थर बरसाने शुरू कर दिए।
कार सवार बारातियों ने जब विरोध किया, तो हमलावरों ने अपने अन्य साथियों को बुलाकर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया और उनके जेवर और पर्स छीन लिए गए।
घायलों की पहचान
इस हमले में तीन बाराती गंभीर रूप से घायल हुए:
- चंदन कुमार: गया जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के तरमा गांव के निवासी।
- सदानंद प्रसाद: शेखपुरा जिले के कसार थाना क्षेत्र के घोसपुरी गांव के निवासी।
- उपेंद्र प्रसाद: हिसुआ थाना क्षेत्र के सोनसा गांव के निवासी।
घायलों को तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रेफर कर दिया गया।
ग्रामीणों का गुस्सा और सड़क जाम
घटना के बाद बगोदर गांव के लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने कल्याणी मंदिर के पास हिसुआ-राजगीर फोरलेन को जाम कर दिया। गुस्साए ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क पर हंगामा किया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
पुलिस की कार्रवाई
जाम की सूचना मिलते ही हिसुआ थानाध्यक्ष अनिल प्रसाद सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस बल के साथ प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की। काफी समझाने-बुझाने के बाद जाम हटाया गया और सड़क पर यातायात बहाल हुआ।
पुलिस ने इस मामले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
बारातियों पर हमले का दूसरा मामला
गौरतलब है कि यह घटना दो दिनों में बारातियों पर हमला और लूटपाट का दूसरा मामला है। इससे पहले नगर थाना क्षेत्र के सोनार पट्टी मोहल्ले में भी इसी तरह की घटना हो चुकी है। लगातार हो रही इन घटनाओं ने जिले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इतिहास में झांकें तो...
बारातियों पर हमले की घटनाएं भारत में नई नहीं हैं। पुराने समय में भी विवाह समारोहों के दौरान ऐसी वारदातें सुनने को मिलती थीं। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की कमी और कमजोर कानून व्यवस्था अक्सर ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देती हैं।
नवादा जैसे जिलों में, जहां सामुदायिक विवाद और आपराधिक गतिविधियां ज्यादा होती हैं, ऐसी घटनाओं का होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
स्थानीय लोग क्या कह रहे हैं?
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश दोनों है। एक ग्रामीण ने कहा, "यह हमारे लिए शर्मनाक और चिंताजनक स्थिति है। बारातियों के साथ इस तरह की हिंसा हमारे इलाके की छवि खराब कर रही है।"
प्रशासन के लिए चुनौती
लगातार हो रही इन घटनाओं से नवादा पुलिस पर दबाव बढ़ गया है। जिले में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना और लोगों में सुरक्षा की भावना जगाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।
क्या होगा आगे?
पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वहीं, स्थानीय लोग अब इलाके में सुरक्षा बढ़ाने और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की मांग कर रहे हैं।
नवादा की यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि क्या हमारे समाज में महिलाओं और बारातियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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