Kokar Theft: दुकान की छत तोड़कर रातोंरात उड़ाए कैश और चांदी, CCTV से होगी चोरों की तलाश
रांची के कोकर में अन्नपूर्णा स्वीट्स के पास स्थित रेडिमेड दुकान में चोरी की वारदात, चोर छत तोड़कर घुसे और नकदी, चांदी के सिक्के और कपड़े चुराकर फरार। पुलिस जांच में जुटी।

रांची, झारखंड की राजधानी, जहां एक ओर स्मार्ट सिटी बनने की कोशिश जारी है, वहीं दूसरी ओर शहर के दिल कोकर चौक में चोरों का दुस्साहस पुलिस की मौजूदगी पर सवाल खड़े कर रहा है। सोमवार की रात अन्नपूर्णा स्वीट्स के बगल में स्थित "गुंजा रेडिमेड एंड जायसवाल स्टोर" में अज्ञात चोरों ने छत तोड़कर चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया।
कैसे हुआ चोरी का खुलासा?
मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे, जब दुकानदार बिरेन्द्र जायसवाल रोज़ की तरह दुकान खोलने पहुंचे, तो उन्हें कुछ अलग महसूस हुआ। छत पर नजर गई तो देखा कि एस्बेस्टस पूरी तरह टूटा हुआ था। शक गहराया, अंदर जाकर गल्ला चेक किया तो होश उड़ गए — कैश गायब था। लगभग 7 से 8 हजार रुपये नकद, चांदी के सिक्के, और कुछ महंगे रेडिमेड कपड़े चोर लेकर फरार हो चुके थे।
क्या कह रही है पुलिस?
बिरेन्द्र जायसवाल ने तुरंत कोकर सदर थाना में लिखित शिकायत दी और FIR दर्ज कराई। थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है, और दुकान के आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही चोरों की पहचान कर ली जाएगी और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
चोरों के निशाने पर क्यों हैं दुकानें?
ये कोई पहली घटना नहीं है। कोकर क्षेत्र और आस-पास के इलाकों में बीते एक साल में कई दुकानों में चोरी की घटनाएं सामने आई हैं। अधिकतर मामलों में चोर छत या पिछली दीवार तोड़कर अंदर दाखिल होते हैं। इससे यह साफ है कि ये घटनाएं सुनियोजित होती हैं और चोरों को इलाके की गश्ती गतिविधियों की पूरी जानकारी होती है।
दुकानदारों में भय और आक्रोश
इस चोरी के बाद इलाके के अन्य दुकानदारों में भय और नाराजगी का माहौल है। दुकानदारों का कहना है कि कोकर चौक जैसे व्यस्त क्षेत्र में यदि चोर छत तोड़कर आराम से चोरी कर सकते हैं, तो रात में पुलिस की पेट्रोलिंग सवालों के घेरे में है। व्यापार मंडल ने प्रशासन से रात में गश्त बढ़ाने और CCTV कवरेज बढ़ाने की मांग की है।
इतिहास भी यही कहता है...
रांची में चोरी की वारदातें कोई नई बात नहीं हैं। 2019 में अपर बाजार और 2021 में हिंदपीढ़ी में भी इसी तरह की घटनाएं हुई थीं जहां चोर छत या दीवार तोड़कर दुकान में घुसे थे और नकदी व कीमती सामान ले उड़े थे। लेकिन दुर्भाग्य से, अधिकतर मामलों में पुलिस सिर्फ एफआईआर दर्ज करके शांत हो जाती है और केस अनसुलझा रह जाता है।
क्या प्रशासन लेगा सबक?
कोकर की ये ताज़ा चोरी न सिर्फ एक दुकान बल्कि पूरे सिस्टम की सुरक्षा को सवालों के घेरे में लाती है। जब एक घनी आबादी वाले क्षेत्र में ऐसा हो सकता है, तो बाकी जगह क्या सुरक्षित हैं?
अब देखना होगा कि क्या पुलिस इस बार कागज़ों से निकलकर असली एक्शन में उतरती है या ये केस भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में गुम हो जाएगा।
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