Nawadih Burning: खेत में मिला अधजला शव, पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की आशंका
बोकारो के नावाडीह थाना क्षेत्र में खेत से मिला युवक का अधजला शव, पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की आशंका से मचा हड़कंप। पुलिस कर रही जांच, कई सवाल खड़े।

बोकारो, जो कभी औद्योगिक विकास और शांत जीवनशैली के लिए जाना जाता था, अब क्राइम के नए चेहरों से डराने लगा है। नावाडीह थाना क्षेत्र से आई ताज़ा खबर ने एक बार फिर लोगों को झकझोर कर रख दिया है। एक 20 वर्षीय युवक का अधजला शव सड़क किनारे खेत में मिला है — और शुरुआती जांच में सामने आया है कि पेट्रोल डालकर उसे जलाने की कोशिश की गई।
घटना 15 अप्रैल की सुबह की है, जब स्थानीय ग्रामीणों ने मुंगो-कोदवाडीह सड़क मार्ग के पास एक खेत में अधजला शव पड़ा देखा। देखते ही देखते इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही नावाडीह पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया।
शिनाख्त से खुला राज
मृतक की पहचान गुंजरडीह के गांधीनगर टोला निवासी माणिक तुरी के बेटे के रूप में की गई है। युवक की उम्र लगभग 20 वर्ष बताई जा रही है। परिवार वालों के अनुसार, वह रात में घर से निकला था लेकिन सुबह तक वापस नहीं लौटा।
पुलिस ने शव की हालत देखकर आशंका जताई है कि या तो उसे जिंदा जलाया गया है या हत्या के बाद साक्ष्य छुपाने के लिए शव को जलाने की कोशिश की गई।
क्राइम पैटर्न से उठे कई सवाल
झारखंड में बीते कुछ वर्षों में इस तरह की घटनाओं में इजाफा हुआ है। 2018 में धनबाद जिले में एक युवक को जिंदा जलाकर हत्या की गई थी, और अब बोकारो में एक बार फिर वैसी ही वारदात। इन घटनाओं में एक समानता ये भी है कि अधिकतर मामलों में शव को सुनसान खेतों या झाड़ियों में फेंक दिया जाता है — ताकि ना कोई गवाह मिले, ना कोई सुराग।
पुलिस की जांच में क्या चल रहा है?
नावाडीह थाना प्रभारी के अनुसार, "शव पूरी तरह से नहीं जला है, जिससे पहचान संभव हो सकी। घटनास्थल से कोई पहचान पत्र या मोबाइल नहीं मिला है। एफएसएल टीम को बुलाया गया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।"
पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है कि युवक का किसी से कोई पुराना विवाद तो नहीं था या वो किसी गिरोह के संपर्क में तो नहीं था।
स्थानीयों में डर और सवाल
घटना के बाद से ग्रामीणों में भय का माहौल है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस सड़क मार्ग पर रात होते ही सन्नाटा छा जाता है, जिससे आपराधिक तत्वों के लिए ये इलाका सेफ ज़ोन बन चुका है।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या हमारे गांव और कस्बे अब भी सुरक्षित हैं? युवक को जिंदा जलाने की आशंका केवल एक हत्या नहीं, बल्कि समाज की चुप्पी पर भी एक तमाचा है।
अब जिम्मेदारी पुलिस की है कि इस केस को केवल आंकड़ों में बदलने के बजाय, अपराधियों को जल्द पकड़कर न्याय सुनिश्चित किया जाए।
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