Hazaribagh Firing: पेट्रोल पंप मैनेजर को दिनदहाड़े मारी तीन गोलियां, रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हुए अपराधी
हजारीबाग में रांची-पटना रोड पर दिनदहाड़े पेट्रोल पंप मैनेजर की गोली मारकर हत्या, लूटे गए रुपयों से भरे थैले ने इलाके में फैलाई सनसनी। पुलिस जुटी जांच में, इतिहास भी उठाता है कई सवाल।

हजारीबाग, एक समय था जब यह जिला शांत वातावरण और घने जंगलों के लिए जाना जाता था। लेकिन अब, अपराध की बढ़ती घटनाएं इस इलाके को भी खतरनाक बनाती जा रही हैं। ताजा घटना रांची-पटना नेशनल हाईवे पर हुई, जहां दिनदहाड़े एक पेट्रोल पंप मैनेजर को गोली मार दी गई — और वो भी उस समय जब रास्ता लोगों से भरा रहता है।
घटना इचाक थाना क्षेत्र के सिझुआ इलाके की है, जहां मौजूद शालपर्णी इंडियन पेट्रोल पंप के मैनेजर शंकर रविदास रोज़ की तरह कैश लेकर बैंक जमा करने जा रहे थे। लेकिन उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि कुछ अपराधी उनका पीछा कर रहे हैं।
तीन गोलियों से भून दिया गया
जैसे ही शंकर रविदास रांची-पटना रोड पर स्कूल के पास पहुँचे, अचानक बाइक सवार अपराधियों ने उन्हें घेर लिया। बिना कोई मौका दिए, उन पर तीन राउंड फायरिंग की गई। गोलियां लगते ही वह ज़मीन पर गिर पड़े और उसी पल अपराधी उनके पास से रुपयों से भरा बैग लूटकर फरार हो गए।
आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटनास्थल पर पुलिस का जमावड़ा, CCTV खंगाल रही टीम
घटना की सूचना मिलते ही हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार, डीएसपी और प्रशिक्षु आईपीएस समेत भारी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा। फॉरेंसिक टीम भी मौके पर बुलाई गई, और सीसीटीवी फुटेज खंगालने का काम शुरू कर दिया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह पूरी लूटपाट पहले से प्लान की गई थी। अपराधियों को मालूम था कि किस वक्त कैश लेकर निकला जाएगा।
इतिहास उठाता है कई सवाल
हजारीबाग में इससे पहले भी पेट्रोल पंप कर्मचारियों और कैश कैरियर पर हमले होते रहे हैं। 2019 में बरकट्ठा थाना क्षेत्र में एक पंप के कर्मचारी से लूट की वारदात हुई थी। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी सुरक्षा व्यवस्था नदारद रही। न कोई सुरक्षा गार्ड, न ही वाहन में पुलिस की मौजूदगी।
इतिहास गवाह है कि जब अपराधियों को कानून का डर नहीं होता, तो वो कानून को दिन के उजाले में भी ठेंगा दिखा देते हैं।
पुलिस के सामने कई चुनौतियां
अब सवाल उठता है कि रांची-पटना जैसे व्यस्त मार्ग पर, जहां ट्रैफिक लगातार चलता रहता है — वहां इतनी बड़ी वारदात आखिर कैसे हो गई? क्या अपराधियों को किसी अंदरूनी सूत्र से जानकारी मिली थी?
पुलिस फिलहाल आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रही है और मोबाइल लोकेशन ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, शक की सुई पेट्रोल पंप के ही किसी पूर्व कर्मचारी पर भी टिकी है।
स्थानीय लोगों में दहशत
इस घटना के बाद इलाके में खौफ का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब मुख्य सड़क पर दिनदहाड़े लूट और हत्या हो सकती है, तो आम आदमी की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?
हजारीबाग में दिनदहाड़े हुआ यह हमला सिर्फ एक हत्या नहीं है, बल्कि कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती है। पेट्रोल पंप जैसे स्थानों पर जहां रोज़ाना लाखों रुपये का कैश आता-जाता है, वहां सुरक्षा क्यों नहीं सुनिश्चित की जाती?
पुलिस की जिम्मेदारी अब सिर्फ अपराधी पकड़ने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि ऐसी वारदातों को रोकने के लिए स्थायी रणनीति बनानी होगी। नहीं तो आने वाले समय में हजारीबाग की पहचान अपराध की राजधानी बनकर रह जाएगी।
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