Garhwa Tragedy: तालाब में डूबने से चार मासूमों की मौत, गांव में मचा कोहराम
गढ़वा जिले के उड़सुगी गांव में तालाब में डूबने से चार मासूम बच्चों की मौत, हादसे के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल।

झारखंड के गढ़वा ज़िले में एक बार फिर ज़िंदगी पर मातम का साया छा गया है। बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे इस इलाके के उड़सुगी गांव में सोमवार की सुबह एक भयावह हादसे में चार मासूम बच्चों की जान चली गई।
गांव के ही एक पुराने तालाब में नहाने गए बच्चे डूब गए, और जब तक कोई कुछ समझ पाता, सब कुछ खत्म हो चुका था। गांव में मातम का ऐसा माहौल बन गया है जैसे चार घरों से जिंदगी ही रूठ गई हो।
क्या था हादसे का पूरा मामला?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ये चारों बच्चे सुबह खेलते-खेलते तालाब की ओर चले गए। गर्मी की वजह से बच्चों ने पानी में उतरना चाहा, लेकिन ये तालाब गहरा था और शायद किसी को इसका अंदाज़ा नहीं था।
कुछ ही देर में वे पानी में डूबने लगे, लेकिन आसपास कोई नहीं था जो तुरंत बचा सके। जब तक गांव वालों की नजर पड़ी और उन्हें बाहर निकाला गया, चारों की सांसे थम चुकी थीं।
गांव में पसरा मातम, आंखें नम
घटना की खबर मिलते ही पूरे गांव में हाहाकार मच गया। एक के बाद एक चार अर्थियां उठीं, तो हर आंख नम हो गई। माताएं छाती पीटती रहीं, और पिता मौन हो गए। गांव में कोई ऐसा घर नहीं था जहां इस हादसे की गूंज न पहुँची हो।
इतिहास भी रहा है गवाह
गढ़वा जिला पहले भी पानी में डूबने की घटनाओं का साक्षी रहा है। 2017 और 2021 में भी बच्चों की डूबने से मौत की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन सुरक्षा उपायों की कमी आज भी जस की तस है।
अब सवाल प्रशासन से
एक बार फिर सवाल उठता है—क्या गांवों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक सतर्कता नाम की कोई चीज़ है? क्या ऐसे पुराने तालाबों को चिन्हित कर सुरक्षा बोर्ड, घेराव या स्थानीय निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं की जा सकती?
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