Galudih Accident: पिपला पुल पर युवती की स्कूटी डिवाइडर से टकराई, फिर जो हुआ वो चौंकाने वाला था!
गालूडीह के पिपला पुल पर स्कूटी सवार युवती की दर्दनाक दुर्घटना ने लोगों को दहला दिया। मुसाबनी की रहने वाली यह युवती तेज रफ्तार में स्कूटी चला रही थी, जब अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और स्कूटी डिवाइडर से टकरा गई। जानिए हादसे के बाद क्या हुआ।

बुधवार की रात, जब पूरा इलाका नींद में डूबा था, गालूडीह के पिपला पुल पर एक तेज रफ्तार स्कूटी की टक्कर ने सन्नाटा चीर दिया। यह दुर्घटना कोई मामूली हादसा नहीं था – इसने न केवल एक युवती की जान जोखिम में डाल दी, बल्कि इलाके में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, एक युवती जो मुसाबनी थाना क्षेत्र की रहने वाली बताई जा रही है, स्कूटी से जमशेदपुर की ओर जा रही थी। रात का समय था, और सड़क पर ट्रैफिक कम था – लेकिन रफ्तार शायद ज़्यादा। पिपला पुल के पास पहुंचते ही युवती का स्कूटी पर से नियंत्रण छूट गया और वह सीधा डिवाइडर से टकरा गई।
कैसे हुआ हादसा?
स्थानीय लोगों की मानें तो स्कूटी की गति बहुत तेज थी। सड़क का वह हिस्सा जहां हादसा हुआ, पहले भी दुर्घटनाओं का गवाह रहा है। हालांकि प्रशासन ने हाल ही में सड़क मरम्मत का कार्य करवाया था, लेकिन डिवाइडर के किनारे कोई रिफ्लेक्टर या चेतावनी चिह्न नहीं था। रात के अंधेरे में यह डिवाइडर मौत का जाल बन चुका था।
स्थानीय लोग सबसे पहले पहुंचे मौके पर
जैसे ही टक्कर की तेज आवाज़ गूंजी, पास के गांवों से लोग दौड़े चले आए। युवती बेहोशी की हालत में सड़क किनारे पड़ी थी। उसके सिर और पैर में गंभीर चोटें आई थीं। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और कुछ लोग पानी व चादर लेकर सहायता के लिए पहुंचे।
MGM पुलिस की तत्परता ने बचाई जान
सूचना मिलते ही एमजीएम पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस को बुलवाया और घायल युवती को फौरन एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर भेजा गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, युवती की हालत गंभीर है लेकिन स्थिर बनी हुई है।
मुसाबनी की युवती और उसका सफर
ग्रामीणों ने बताया कि युवती मुसाबनी की रहने वाली है और वह शायद किसी ज़रूरी काम से जमशेदपुर जा रही थी। मुसाबनी, जो कभी झारखंड के खनन उद्योग का गढ़ हुआ करता था, अब एक शांत कस्बा बन चुका है। यहां की युवा पीढ़ी अक्सर शिक्षा या रोजगार के लिए जमशेदपुर की ओर रुख करती है।
क्या यह पहला हादसा है?
बिलकुल नहीं। पिपला पुल और इसके आस-पास का क्षेत्र पहले भी कई बार सड़क दुर्घटनाओं का गवाह बन चुका है। कुछ साल पहले एक बाइक सवार की भी इसी स्थान पर मृत्यु हो गई थी। उसके बाद से ही स्थानीय लोग यहां ट्रैफिक संकेत लगाने और रोशनी की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। पर अब तक प्रशासन ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
सवाल जो रह गए अनुत्तरित
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क्या युवती हेलमेट पहने हुई थी?
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क्या सड़क पर कोई चेतावनी संकेत था?
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क्या तेज़ रफ्तार ही एकमात्र कारण थी?
इन सवालों के जवाब फिलहाल अस्पष्ट हैं, लेकिन एक बात साफ है – सड़क सुरक्षा की अनदेखी अब भारी पड़ने लगी है।
सरकार और प्रशासन से उम्मीदें
स्थानीय लोगों की मांग है कि पिपला पुल पर उचित सिग्नलिंग, स्पीड ब्रेकर और स्ट्रीट लाइट लगाई जाए। साथ ही, रात के समय पुलिस पेट्रोलिंग भी बढ़ाई जाए ताकि इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
यह हादसा हमें एक बार फिर याद दिलाता है कि रफ्तार का जुनून कभी-कभी ज़िंदगी पर भारी पड़ सकता है। यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है – हमारे लिए, प्रशासन के लिए और उन सबके लिए जो सड़कों पर निकलते हैं।
अब सवाल यह है कि क्या इस हादसे के बाद कुछ बदलेगा? या फिर अगली दुर्घटना तक हम यूं ही चुपचाप देखते रहेंगे?
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