Terrorism in Punjab: Happy Passia की गिरफ्तारी से खोला ISI और बब्बर खालसा का खौफनाक नेटवर्क?

अमेरिका में आतंकी हैप्पी पासिया की गिरफ्तारी ने पंजाब में पिछले 6 महीनों में हुए 14 धमाकों की कड़ी को जोड़ दिया है। जानिए कैसे ISI और बब्बर खालसा के साथ मिलकर वह भारत में खौफ का तांडव मचा रहा था।

Apr 18, 2025 - 19:27
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Terrorism in Punjab: Happy Passia की गिरफ्तारी से खोला ISI और बब्बर खालसा का खौफनाक नेटवर्क?
Terrorism in Punjab: Happy Passia की गिरफ्तारी से खोला ISI और बब्बर खालसा का खौफनाक नेटवर्क?

एक तस्वीर ने पूरी दुनिया की नजरें खींच लीं—अमेरिका में गिरफ्तार किए गए आतंकवादी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया की तस्वीर जब सामने आई, तो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की पुरानी फाइलें तेजी से खंगालनी पड़ीं। पंजाब में बीते 6 महीनों में हुए 14 बम धमाकों की कड़ी उसी एक शख्स से जुड़ती दिखी।

क्या यह वही शख्स है, जिसने सोशल मीडिया पर खुद हमलों की जिम्मेदारी ली थी? क्या अमेरिका में गिरफ्तारी से पंजाब में फैले आतंक की जड़ें कटेंगी?

इस सनसनीखेज गिरफ्तारी की पूरी कहानी जानना जरूरी है, क्योंकि इसमें जुड़े हैं ISI, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और सीमा पार के षड्यंत्र के धागे।

कौन है हैप्पी पासिया?

हरप्रीत सिंह उर्फ Happy Passia, पंजाब पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में टॉप पर रहा है। उस पर भारत सरकार ने ₹5 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। उसे एक कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़ा आतंकी माना जाता है, जिसका सीधा लिंक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे खालिस्तानी संगठन से बताया जा रहा है।

हैप्पी ने 2024 के नवंबर से लेकर अब तक पंजाब के अलग-अलग इलाकों में 14 आतंकी हमलों को अंजाम दिया। उसका टारगेट खासतौर पर पुलिस थाने, YouTubers और राजनीतिक नेता रहे हैं।

अमेरिका में कैसे पकड़ा गया Happy Passia?

अमेरिकी एजेंसियों ने जब इस शख्स की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की, तो एक पैटर्न साफ दिखाई दिया—बर्नर फोन्स का इस्तेमाल, नकली पहचान और गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में प्रवेश। आखिरकार उसे Immigration and Customs Enforcement (ICE) की कस्टडी में ले लिया गया। उसकी एक तस्वीर रिलीज़ की गई, जिसने पुष्टि कर दी कि यह वही हैप्पी पासिया है जिसे भारत ढूंढ रहा था।

अब सवाल ये है कि क्या उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा?

सोशल मीडिया बना था हथियार

Happy Passia सोशल मीडिया को हथियार की तरह इस्तेमाल करता था। हर धमाके के बाद वह सोशल मीडिया पर खुद जिम्मेदारी लेता, और डर का माहौल पैदा करता। उसका मकसद सिर्फ जान-माल का नुकसान नहीं, बल्कि पंजाब में अस्थिरता फैलाना भी था।

अमृतसर, जालंधर और तरनतारन जैसे संवेदनशील इलाकों में उसकी टीम ने लगातार हमले किए। यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियां कई महीनों से उसकी तलाश में थीं।

कौन-कौन बना निशाना?

उसके ताज़ा हमलों में YouTuber के घर पर हमला और BJP नेता मनोरंजन कालिया के जालंधर स्थित आवास पर बम फेंकना शामिल है। ऐसे हमले न सिर्फ राजनीतिक बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से जनता को डराने का प्रयास थे।

इन हमलों से पंजाब पुलिस की सक्रियता बढ़ी और राष्ट्रीय एजेंसियों को भी जोड़ा गया।

बब्बर खालसा और ISI का कनेक्शन

Happy Passia का नाम बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़ना कोई संयोग नहीं है। BKI एक पुराना खालिस्तानी आतंकी संगठन है, जिसकी जड़ें 1980 के दशक के पंजाब आतंकवाद काल में बसी थीं। इस संगठन को ISI का समर्थन लंबे समय से मिलता रहा है।

ISI और BKI मिलकर भारत में आतंक फैलाने की साजिशें रचते रहे हैं—चाहे वो ड्रोन्स से हथियार भेजना हो या साइबर तरीके से ब्रेनवॉश करना।

क्या अब खत्म होगा हैप्पी पासिया का खेल?

भारत में सुरक्षा एजेंसियां अब अमेरिका से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने में जुट गई हैं। अगर हैप्पी पासिया को भारत लाया जाता है, तो पंजाब में पिछले कुछ महीनों से चल रहे आतंक के पीछे की असल तस्वीर सामने आ सकती है।

इसके साथ ही, सवाल ये भी है—क्या उसकी गिरफ्तारी से बाकी नेटवर्क खत्म होगा? या फिर कहीं और से नया मोहरा तैयार हो चुका है?

Happy Passia की गिरफ्तारी एक बड़ी कामयाबी है, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है। यह मामला साफ करता है कि आतंक अब सिर्फ सीमा पार से नहीं आता, वह डिजिटल हो चुका है, नकली पहचान से छिप सकता है और अमेरिका जैसे देश में भी कानून से बचने की कोशिश कर सकता है।

अब वक्त है कि भारत और अमेरिका मिलकर ऐसे नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएं। वरना Happy Passia जैसे नाम बार-बार आतंक की कहानी लिखते रहेंगे।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।