India Waqf Controversy: तमिलनाडु गांव में भूकंप! 150 परिवारों को मिला नोटिस - 'तुम्हारी जमीन अब वक्फ की संपत्ति'

तमिलनाडु के कट्टुकोलाई गांव में 150 परिवारों को वक्फ बोर्ड का झटका - 4 पीढ़ियों से चली आ रही जमीन अब 'दरगाह की संपत्ति' घोषित। जानें पूरा मामला और वक्फ कानून का विवाद।

Apr 16, 2025 - 15:32
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India Waqf Controversy: तमिलनाडु गांव में भूकंप! 150 परिवारों को मिला नोटिस - 'तुम्हारी जमीन अब वक्फ की संपत्ति'
India Waqf Controversy: तमिलनाडु गांव में भूकंप! 150 परिवारों को मिला नोटिस - 'तुम्हारी जमीन अब वक्फ की संपत्ति'

तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के कट्टुकोलाई गांव में इन दिनों एक अजीबोगरीब डर का माहौल है। 150 किसान परिवारों के हाथ में एक नोटिस आया है जिसने उनकी नींद उड़ा दी - "आपकी 4 पीढ़ियों से चली आ रही जमीन अब वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। या तो इसे खाली कर दें या दरगाह को टैक्स देना शुरू करें।"

क्या है पूरा मामला?
- नोटिस जारीकर्ता: सैयद अली सुल्तान शाह (स्थानीय दरगाह प्रबंधन)
- दावा: गांव की जमीन (सर्वे नं. 330/1) दरगाह की है
- प्रभावित: 150 किसान परिवार जिनके पास सरकारी जमीन दस्तावेज
- प्रतिक्रिया: ग्रामीणों ने वेल्लोर कलेक्टर से मदद मांगी

गांव के प्रधान महेश का बयान: "हमारे पास पट्टा, खतौनी सब कुछ है। फिर भी हमें बेदखल करने की धमकी मिल रही है। यह हमारी आजीविका से खिलवाड़ है।"

यह पहला मामला नहीं: वक्फ बोर्ड का विवादित इतिहास
- 2022 में: तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने 1,500 साल पुराने चोलकालीन मंदिर सहित 480 एकड़ जमीन पर दावा किया था
- संसद में मामला: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ (संशोधन) बिल पर चर्चा के दौरान उठाया था
- वर्तमान स्थिति: राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन चुका है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में चुनौतियां लंबित

वक्फ कानून क्यों है विवादित?
1. स्वतः संपत्ति अधिग्रहण: वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने का अधिकार
2. सबूत का बोझ: संपत्ति मालिकों को साबित करना होगा कि जमीन उनकी है
3. रिकॉर्ड की कमी: कई मामलों में 100+ साल पुराने रिकॉर्ड के आधार पर दावे

क्या कहता है संविधान?
- अनुच्छेद 300A: संपत्ति का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं, लेकिन कानूनी सुरक्षा प्राप्त
- वक्फ एक्ट 1995: धारा 40 के तहत वक्फ बोर्ड को विशेष अधिकार
- 2022 संशोधन: और अधिक शक्तियां दी गईं

कानून विशेषज्ञ अरविंद दत्ता का विश्लेषण: "यह मामला संपत्ति के अधिकार और धार्मिक संस्थाओं के विशेषाधिकारों के बीच टकराव का प्रतीक है। सुप्रीम कोर्ट को इस पर स्पष्ट दिशा-निर्देश देना होगा।"

ग्रामीणों की चिंताएं
- कृषि भूमि छिनने से आजीविका संकट
- पीढ़ियों से चले आ रहे घरों से विस्थापन का डर
- कानूनी लड़ाई के लिए संसाधनों की कमी

अब क्या होगा?
- वेल्लोर प्रशासन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया
- वक्फ बोर्ड से बातचीत की तैयारी
- संभावित कानूनी कार्रवाई के लिए ग्रामीण वकीलों से संपर्क में

क्या आपको लगता है वक्फ बोर्ड को ऐसे दावे करने का अधिकार होना चाहिए? कमेंट में अपनी राय साझा करें।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।