Makar Sankranti Festival: तिलकुट की दुकानों पर मच रहा है तिल का उन्माद, मकर संक्रांति के इस खास पर्व पर जानिए क्यों जरूरी है तिल का सेवन
मकर संक्रांति पर तिलकुट, गुड़, चूड़ा और मस्का का सेवन क्यों जरूरी है? जानें इस पर्व पर तिल के सेवन के धार्मिक और स्वास्थ्य लाभ। नवादा में सजी दुकानों की जानकारी।
नवादा: मकर संक्रांति का त्योहार आ चुका है और नवादा के बाजारों में तिलकुट, गुड़, चूड़ा और मस्का की दुकानों का मेला लग गया है। दुकानों से लेकर फुटपाथों तक इन चीजों की बेमिसाल मांग देखने को मिल रही है। मकर संक्रांति के इस खास मौके पर तिलकुट और गुड़ का सेवन ना सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसे धार्मिक और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। जानिए क्यों इस बार मकर संक्रांति पर तिल का सेवन जरूरी है और यह आपके स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
मकर संक्रांति पर तिल का महत्व
मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, चूड़ा और मस्का का सेवन एक परंपरा बन चुका है। धार्मिक दृष्टि से तिल देवताओं को प्रिय होता है और विष्णु पूजा में इनका उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। साथ ही, तिल ठंड को दूर करने का कार्य भी करता है, जिससे यह मौसम के बदलाव के दौरान शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। इसके सेवन से शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलती है और सर्दी के मौसम में गर्मी का अहसास होता है। पौराणिक ग्रंथों में भी तिल का विशेष महत्व बताया गया है और इसे पुण्यदायक माना गया है।
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद तिल
तिल का सेवन शारीरिक रूप से भी बहुत फायदेमंद होता है। यह एक शक्तिवर्धक आहार है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर के विभिन्न अंगों को सेहतमंद रखता है। तिल में मौजूद कैल्शियम और आयरन शरीर की कमजोरी को दूर करता है और मांसपेशियों को सशक्त बनाता है। इसके अलावा, तिल के तेल से त्वचा को भी पोषण मिलता है, जिससे त्वचा की चमक बनी रहती है। मकर संक्रांति पर तिल का सेवन एक प्रकार से स्वास्थ्य का तोहफा होता है।
मकर संक्रांति के दौरान बाजार की सजी दुकानों में बेतहाशा बढ़ती मांग
मकर संक्रांति के चलते नवादा में तिलकुट की बिक्री जोरों पर है। दुकानों में चीनी, गुड़, खोवा के तिलकुट के अलावा तिलकदम भी बिक रहे हैं। इनमें से खोवा, तिलकुट और तिलकदम की सबसे अधिक मांग देखी जा रही है। इनकी बिक्री इतनी अधिक हो चुकी है कि दुकानदारों के लिए मांग पूरी करना चुनौती बन गया है। इस दिन खासतौर पर तिलकुट और गुड़ के साथ दही और चूड़े का सेवन भी किया जाता है, जिसे लेकर लोगों में खासा उत्साह है।
मकर संक्रांति के अवसर पर चूड़ा, तिलकुट और मस्का का सेवन
पौराणिक मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सुबह में चूड़ा-दही, तिलकुट, गुड़, मस्का और शाम में कुल्थी दाल की खिचड़ी का सेवन किया जाता है। कुल्थी दाल को पेट के विकारों को दूर करने में मददगार माना जाता है और यह पथरी और वायु विकार जैसी बीमारियों को ठीक करता है। मकर संक्रांति पर यह पारंपरिक आहार शरीर को शुद्ध करता है और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
बाजार में बढ़ी सब्जियों की मांग
मकर संक्रांति के अवसर पर बाजार में सब्जियों की भी खरीदारी बढ़ जाती है। खासकर चटपटी सब्जियों की बिक्री में तेजी देखने को मिलती है, जो इस दिन के विशेष भोज में शामिल होती हैं। मौसम के हिसाब से लोग तिलकुट और ताजे चूड़े की खरीदारी कर रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य को मजबूती प्रदान करता है।
मकर संक्रांति के त्योहार पर तिलकुट की बिक्री
जमकर तिलकुट की बिक्री इस समय हो रही है और इसकी कीमतों में भी हल्की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। चीनी तिलकुट का दाम 260 से 360 रुपये प्रति किलो, गुड़ तिलकुट 260 रुपये प्रति किलो, मावा तिलकुट 400 रुपये प्रति किलो और मस्का 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सब्जियों और चूड़े की कीमतों में भी तेजी आई है, जो इस त्योहार की रौनक को और बढ़ाती है।
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