Jamshedpur Protest: जेम्को मैदान बचाओ! स्थानीय निवासियों ने गलत कार्य का किया जमकर विरोध

जमशेदपुर के जेम्को मैदान में अवैध कार्यों के खिलाफ स्थानीय निवासियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, काम रुकवाया। बच्चों के खेलने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मैदान बचाने की मांग।  

May 7, 2025 - 16:45
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Jamshedpur Protest: जेम्को मैदान बचाओ! स्थानीय निवासियों ने गलत कार्य का किया जमकर विरोध
Jamshedpur Protest: जेम्को मैदान बचाओ! स्थानीय निवासियों ने गलत कार्य का किया जमकर विरोध

जमशेदपुर: टेल्को क्षेत्र का जेम्को मैदान इन दिनों चर्चा में है, लेकिन सही वजह से नहीं। बुधवार को स्थानीय निवासियों ने मैदान में चल रहे अवैध कार्यों का पुरजोर विरोध किया और काम रुकवाने में सफल रहे। उनका स्पष्ट मांग है – "यह मैदान हमारे बच्चों के खेलने और सामुदायिक कार्यक्रमों के लिए बचा रहना चाहिए।"  

क्या हुआ जेम्को मैदान में?  
स्थानीय लोगों को जब पता चला कि मैदान में अवैध तरीके से निर्माण कार्य चल रहा है, तो वे तुरंत वहां पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ काम रुकवाया, बल्कि प्रशासन और कंपनी के खिलाफ आवाज भी उठाई। रीता कौर, एक स्थानीय निवासी, ने बताया – "मैदान में स्टे लगने के बावजूद काम चल रहा था। कंपनी ने सारे पेड़ काट दिए, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।"  

क्यों जरूरी है यह मैदान?  
जेम्को मैदान सिर्फ एक खेल का मैदान नहीं, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। गुरुद्वारा प्रधान जरनैल सिंह ने बताया – "हर साल यहां बाबा दीप सिंह जी का शहीदी दिवस मनाया जाता है। कंपनी को चाहिए कि वह हमें एक बड़ी जगह आवंटित करे, ताकि हमारे धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम बिना रुकावट के हो सकें।"  

स्थानीय लोगों की मांग – "मैदान बचाओ!"  
बस्तीवासियों का कहना है कि यह मैदान उनके बच्चों के लिए खेलने की जगह है। अगर यहां निर्माण होगा, तो बच्चों के पास खेलने का कोई विकल्प नहीं बचेगा। सरनजीत सिंह, एक अन्य प्रदर्शनकारी, ने कहा – "हमारे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। यह मैदान हमारा अधिकार है।"  

क्या है ऐतिहासिक पृष्ठभूमि?  
जेम्को मैदान का नाम टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (TISCO) के पुराने नाम जमशेदपुर एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (JEMCO) से जुड़ा है। यह मैदान दशकों से स्थानीय लोगों के लिए खेल, सामाजिक और धार्मिक आयोजनों का केंद्र रहा है। अब इस पर कब्जे की कोशिश को लोग सीधे तौर पर "सामुदायिक अधिकारों का हनन" मान रहे हैं।  

आगे की रणनीति क्या है?  
स्थानीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर कंपनी या प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं सुना, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। जोगिंदर सिंह ने कहा – "हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम मैदान नहीं छोड़ेंगे।"  


जेम्को मैदान का मुद्दा सिर्फ जमीन का नहीं, बल्कि समुदाय के अस्तित्व और संस्कृति का सवाल है। स्थानीय लोगों का आंदोलन जारी है और वे अपने हक की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। क्या प्रशासन उनकी मांगों को मानेगा? यह देखना अभी बाकी है।  

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।