DCLR कोर्ट के नोटिस से कार्तिक नगर में मचा हड़कंप: क्या चुनाव से पहले जनता को डराने की है साजिश?
कार्तिक नगर और बारीनगर के घरों को मिले DCLR कोर्ट के नोटिस से बस्ती में हड़कंप। AJSU पार्टी ने झारखंड सरकार पर चुनावी साजिश का आरोप लगाते हुए विरोध तेज किया।
टेल्को: चुनाव से पहले DCLR कोर्ट के नोटिस ने कार्तिक नगर और बारीनगर के निवासियों को संकट में डाल दिया है।
झारखंड के टेल्को क्षेत्र के कार्तिक नगर और बारीनगर के कुछ घरों को DCLR कोर्ट के नोटिस मिलने के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है। AJSU पार्टी ने इस नोटिस को सरकार की सोची-समझी साजिश बताते हुए जमकर आलोचना की है। पार्टी का दावा है कि इस नोटिस के जरिये चुनाव से पहले लोगों को डराकर वोट बटोरने की योजना बनाई जा रही है।
AJSU की तीखी प्रतिक्रिया
AJSU के जिला प्रवक्ता अप्पू तिवारी ने इस प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह नोटिस झारखंड सरकार के इशारे पर दिया गया है। उन्होंने नोटिस की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा, “मंत्री बनने के तुरंत बाद और विधानसभा चुनाव के चंद दिनों पहले इस नोटिस का जारी होना संयोग नहीं बल्कि सोची-समझी चाल है। रामदास सोरेन के मंत्री बनने के बाद से ही कार्तिक नगर के घरों पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।”
अप्पू तिवारी ने विधायक मंगल कालिंदी की चुप्पी पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मंत्री रामदास सोरेन और उनके भाई राम सोरेन सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि AJSU पार्टी किसी भी हालत में कार्तिक नगर और संतोषी मंदिर को टूटने नहीं देगी।
क्या नोटिस के पीछे है चुनावी साजिश?
AJSU प्रवक्ता ने नोटिस की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े किए। उनका मानना है कि यह नोटिस आम लोगों को डराकर वोट हासिल करने की कोशिश है। "झामुमो के लोग तानाशाही रवैया अपना रहे हैं और जनता को नोटिस के डर से झुकाना चाहते हैं।"
उन्होंने बताया कि कार्तिक नगर के लोग पिछले 50 वर्षों से यहां रह रहे हैं, और अचानक से इन्हें नोटिस भेजना सरकार की ओछी मानसिकता को दर्शाता है। उनका कहना है कि इस नोटिस के माध्यम से झामुमो अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
विधायक की चुप्पी पर उठे सवाल
अप्पू तिवारी ने कहा कि विधायक मंगल कालिंदी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है, जो बेहद चिंता का विषय है। “विधायक का चुप रहना यह दिखाता है कि वे भी इस खेल का हिस्सा हैं,” उन्होंने कहा। तिवारी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने तुरंत इस नोटिस को वापस नहीं लिया, तो AJSU पार्टी बड़े आंदोलन के लिए तैयार है।
AJSU का आंदोलन का ऐलान
AJSU पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह इस लड़ाई को हर स्तर पर लड़ेगी। अप्पू तिवारी ने कहा, "हम कार्तिक नगर के घरों को बचाने के लिए सड़क से लेकर कोर्ट तक की लड़ाई लड़ेंगे। यह सिर्फ घरों का मुद्दा नहीं, बल्कि जनता के हक का सवाल है।"
इस मामले ने झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। क्या वाकई यह नोटिस एक चुनावी साजिश है, या इसके पीछे कुछ और है? यह सवाल अब हर किसी की जुबान पर है। जनता की नजरें अब सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।
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