Jharkhand Scam : चाकुलिया में 4281 फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट, पंचायत सचिव समेत 5 गिरफ्तार
झारखंड के चाकुलिया प्रखंड में 4281 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का खुलासा हुआ है। पंचायत सचिव समेत 5 आरोपी गिरफ्तार, मुख्य साजिशकर्ता अब भी फरार। जानिए इस घोटाले से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य।

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखंड से एक ऐसा घोटाला सामने आया है, जिसने सरकारी दस्तावेजों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 4281 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का खुलासा प्रशासन द्वारा किए गए एक विशेष जांच अभियान के दौरान हुआ। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि उन हज़ारों फर्जी पहचान की कहानियां हैं, जो सरकारी योजनाओं से लेकर शिक्षा और पासपोर्ट तक का दुरुपयोग करती आईं।
इतिहास और संदर्भ:
झारखंड में इससे पहले भी राशन कार्ड और जाति प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार जन्म प्रमाण पत्र जैसे मूल दस्तावेज़ को निशाना बनाया गया है। जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल स्कूल में नामांकन, पासपोर्ट, आधार, मतदाता पहचान पत्र और कई सरकारी योजनाओं के लिए किया जाता है। ऐसे में फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों के जरिये न सिर्फ सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग हुआ, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है।
घोटाले की परतें खोलती जांच
जमशेदपुर के उपायुक्त अनन्य मित्तल और एसएसपी किशोर कौशल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि चाकुलिया में फर्जी प्रमाण पत्रों का एक संगठित गिरोह सक्रिय था। गिरोह में शामिल पंचायत सचिव सुनील महतो, दो प्रज्ञा केंद्र संचालक - शिवम डे और सपन महतो, और दो दलाल - हरीश प्रमाणिक (बुंडू) और आरिफ आलम (रांची) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
इस नेटवर्क का मुख्य साजिशकर्ता सोनारी निवासी एक व्यक्ति बताया गया है, जो अभी फरार है। अधिकारियों का मानना है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद इस घोटाले की जड़ें और गहराई से सामने आएंगी।
किसे मिले फर्जी प्रमाण पत्र?
जांच में सामने आया कि कुल 4281 जन्म प्रमाण पत्रों में से 3874 बहुसंख्यक समुदाय के नाम पर और 682 अल्पसंख्यक समुदाय के नाम पर जारी किए गए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह घोटाला केवल सीमित दायरे में नहीं, बल्कि व्यापक स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से किया गया।
जांच की दिशा और कदम
प्रशासन ने इन सभी फर्जी प्रमाण पत्रों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है और इनकी सार्वजनिक सूची जारी करने के आदेश दिए गए हैं। ताकि अन्य विभाग भी अपनी योजनाओं की समीक्षा कर सकें और यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन फर्जी दस्तावेजों से किसी को अवैध लाभ तो नहीं मिला।
इसके अलावा, झारखंड के अन्य 11 प्रखंडों में भी जांच के निर्देश दिए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि यह घोटाला सिर्फ चाकुलिया तक सीमित नहीं हो सकता।
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कहां-कहां:
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सरकारी योजनाओं में लाभ लेने
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स्कूल/कॉलेज में फर्जी नामांकन
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पासपोर्ट, आधार और अन्य सरकारी दस्तावेज़ बनवाने
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वोटर आईडी में फर्जी पहचान से मतदान
कैसे टूटी चुप्पी?
इस पूरे मामले की शिकायत चाकुलिया बीडीओ आरती मुंडा ने दर्ज कराई थी, जिसके बाद चाकुलिया थाने में कांड संख्या 32/2 दर्ज हुई। इस शिकायत के आधार पर जांच शुरू हुई और धीरे-धीरे पूरे रैकेट का पर्दाफाश हो सका।
झारखंड में जन्म प्रमाण पत्रों का यह सबसे बड़ा घोटाला बताता है कि सरकारी तंत्र में अब भी कई जगह गहरी सड़न है। लेकिन इस खुलासे ने एक चेतावनी भी दी है – अब प्रशासन जागरूक है और कोई भी फर्जीवाड़ा ज्यादा दिन तक नहीं छुप सकता।
क्या आपका जन्म प्रमाण पत्र असली है? क्या आपने कभी उसकी जांच करवाई है? हो सकता है अगली सूची में आपका नाम भी शामिल हो!
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