Saraikela Crackdown - अवैध शराब के खिलाफ पुलिस का बड़ा एक्शन, भट्टियां ध्वस्त!
सरायकेला में अवैध शराब के खिलाफ पुलिस का बड़ा एक्शन! 650 किलो जावा महुआ नष्ट, 4 भट्टियां ध्वस्त। जानिए पूरी खबर!

सरायकेला जिले में अवैध शराब कारोबारियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिले के एसपी के निर्देश पर पुलिस ने अवैध महुआ शराब के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया, जिसमें चौका, कुचाई, खरसावां और चांडिल थाना क्षेत्रों में बनी 4 बड़ी शराब भट्टियों को ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान 650 किलो जावा महुआ को भी नष्ट किया गया।
सरायकेला में क्यों हुआ ये बड़ा एक्शन?
होली का त्योहार नजदीक आते ही अवैध शराब का धंधा तेज हो जाता है। इसे रोकने के लिए सरायकेला पुलिस अधीक्षक ने विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया। इस अभियान के तहत पुलिस टीमों ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर अवैध महुआ शराब के निर्माण को रोकने की दिशा में कड़ा कदम उठाया।
अवैध महुआ शराब: क्या है इसका इतिहास?
महुआ से बनने वाली शराब झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में पारंपरिक रूप से बनाई जाती है। आदिवासी समुदाय इस शराब का उपयोग स्थानीय आयोजनों और उत्सवों में करते हैं। हालांकि, समय के साथ इसका व्यावसायीकरण होने लगा और अवैध कारोबारियों ने इसका गलत फायदा उठाकर काला बाजार शुरू कर दिया। इससे न केवल राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इसी कारण प्रशासन समय-समय पर इस पर सख्त कार्रवाई करता है।
650 किलो जावा महुआ किया गया नष्ट
पुलिस ने इस कार्रवाई में भारी मात्रा में अवैध रूप से तैयार किया जा रहा जावा महुआ भी जब्त किया, जिसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा, इस अवैध व्यापार में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
कैसे किया गया ऑपरेशन?
पुलिस की विशेष टीमों ने पहले अवैध शराब भट्टियों की पहचान की, फिर योजनाबद्ध तरीके से छापेमारी की। मौके पर मौजूद शराब बनाने वाले भागने की कोशिश में रहे, लेकिन पुलिस की सतर्कता से उन्हें कोई मौका नहीं मिला। पुलिस ने न केवल भट्टियों को ध्वस्त किया बल्कि वहां पड़ी सामग्री को भी पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
अवैध शराब पर कार्रवाई क्यों जरूरी?
अवैध शराब का कारोबार सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए ही नहीं बल्कि लोगों की सेहत के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। कई बार मिलावटी शराब के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं सामने आती हैं, जो जानलेवा भी हो सकती हैं। पुलिस का यह अभियान इस समस्या को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अब आगे क्या?
पुलिस ने संकेत दिए हैं कि यह अभियान सिर्फ शुरुआत है। आगे भी जिलेभर में इसी तरह की छापेमारी जारी रहेगी, ताकि अवैध शराब माफियाओं पर पूरी तरह से नकेल कसी जा सके। प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर उन्हें कहीं भी अवैध शराब बनते या बिकते दिखे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
सरायकेला पुलिस की यह कार्रवाई अवैध शराब के खिलाफ एक बड़ा कदम है। इससे न केवल अवैध कारोबारियों को झटका लगेगा बल्कि लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। आने वाले दिनों में और भी सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है, जिससे जिले में अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह खत्म किया जा सके।
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