UP Murder: सूदखोर की हैवानियत का खौफनाक अंजाम, पत्नी को बनाया था सौदे की शर्त!
अमरोहा में सूदखोरी की रकम के बदले पत्नी को एक महीने साथ रखने की शर्त रखने वाले सूदखोर की दर्दनाक हत्या कर दी गई। जानिए कैसे पति-पत्नी ने मिलकर रची खौफनाक साजिश।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले में एक ऐसी सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ है जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। हसनपुर कोतवाली के होली वाला मोहल्ले में दो दिन पहले एक घर से तेज दुर्गंध उठने पर जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो बेड के अंदर एक लाश मिली। शुरुआती जांच में यह महज एक लापता व्यक्ति की मौत लग रही थी, लेकिन सच्चाई जब सामने आई तो रोंगटे खड़े कर देने वाली थी।
पुलिस जांच के अनुसार, मृतक कोई आम आदमी नहीं बल्कि एक सूदखोर था, जो जरूरतमंदों को ऊंचे ब्याज पर पैसे देता था। मगर उसकी लालच इस हद तक पहुंच चुकी थी कि वह अब पैसों के बदले इंसानियत को भी गिरवी रखने पर उतारू हो गया था।
सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज
पुलिस ने जब घर के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, तो एक दंपती को मृतक के घर से बाहर जाते और उसकी बाइक लेकर निकलते देखा गया। संदेह गहराया, और पूछताछ में जो कहानी सामने आई, वह मानवता को शर्मसार कर देने वाली थी।
कर्ज से शुरू, सौदेबाजी पर खत्म
पूछताछ में दंपती ने खुलासा किया कि उन्होंने मृतक से कुछ रकम सूद पर ली थी, जिसे वे चुका नहीं पा रहे थे। इससे परेशान होकर सूदखोर उन्हें आए दिन धमकाता और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता था। लेकिन जब उसने कर्ज वसूलने के लिए महिला को एक महीने तक अपने पास रखने की डिमांड की, तब पति का गुस्सा फूट पड़ा।
गुस्से का कहर और हत्या की साजिश
बताया जा रहा है कि इसी विवाद के दौरान, मृतक ने पति को एक कमरे में बुलाया और महिला को लेकर अपनी घिनौनी मांग रखी। यह सुनते ही पति का गुस्सा फूट पड़ा और मौके पर ही उसने सूदखोर का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद दोनों ने मिलकर लाश को उसी के बेड में छुपा दिया और गिरवी रखी बाइक और बैटरी लेकर घर लौट गए।
पड़ोसियों की सूंघ से खुला राज
घटना के कुछ दिनों बाद जब शव से तेज दुर्गंध आने लगी तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब बेड खोलकर देखा तो एक सड़ी-गली लाश बरामद हुई। शव की हालत देख अंदाज़ा लगाया गया कि हत्या दो-तीन दिन पहले हुई थी।
पुलिस को मिली कामयाबी, खुलासा करने वाली टीम को इनाम
इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने में पुलिस ने अहम भूमिका निभाई। अमरोहा पुलिस अधीक्षक ने खुलासा करने वाली टीम को ₹25,000 इनाम देने की घोषणा की है। साथ ही आरोपी दंपती को गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
इतिहास में पहले भी हुए ऐसे केस
अगर इतिहास की बात करें तो सूदखोरी और महिला उत्पीड़न के मामलों की जड़ें गहरी हैं। ब्रिटिश राज में भी ‘साहूकार प्रथा’ के खिलाफ आवाजें उठी थीं, लेकिन आज भी ग्रामीण और छोटे कस्बों में यह व्यवस्था किसी छुपे माफिया जैसी काम करती है। इस केस ने एक बार फिर समाज को आईना दिखाया है कि सूदखोरी सिर्फ आर्थिक नहीं, मानसिक और सामाजिक शोषण का भी जरिया बन चुका है।
अमरोहा की यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि समाज में छिपे एक ऐसे गंभीर मुद्दे की ओर इशारा करती है जो आज भी लोगों की जिंदगी को तबाह कर रहा है। सूदखोरी के नाम पर होने वाला उत्पीड़न कब एक खूनी मोड़ ले ले, कहना मुश्किल है। जरूरत है कड़े कानून, जागरूकता और संवेदनशील समाज की।
क्या आपको लगता है कि सूदखोरी जैसी प्रथा पर अब सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए?
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