Ranchi Online Fraud: पोकर गेम के बहाने ठगी, एक साथ कई देश से रोबोट चला रहे थे खेल!
रांची के शाहनवाज आलम ने ऑनलाइन पोकर गेम natural8in.com पर 44,800 रुपये की साइबर ठगी का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। गेम में रोबोट और विदेशी संचालन का भी हुआ खुलासा।

रांची से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक को ऑनलाइन पोकर गेम खेलते-खेलते ठगी का शिकार होना पड़ा। पर यहां कहानी सिर्फ पैसे गंवाने की नहीं, बल्कि एक ऐसे संगठित अंतरराष्ट्रीय साइबर नेटवर्क की ओर इशारा करती है, जिसमें भारत से लेकर विदेश तक के लोग शामिल हैं — और सब कुछ चलता है एक वेबसाइट के जरिए।
44,800 रुपये और एक झूठे खेल का सच
कलाल टोली निवासी शाहनवाज आलम उर्फ बबलू आलम ने natural8in.com नाम की वेबसाइट पर ऑनलाइन पोकर गेम खेलने के लिए अकाउंट बनाया। पोकर, एक जाना-पहचाना ताश का खेल है, जिसे अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने ग्लैमर और कमाई के लालच से भर दिया है।
शाहनवाज ने वेबसाइट पर आकर्षक ऑफरों के चलते 35,000 रुपये निवेश किया। लेकिन यह रकम केवल खेल में नहीं गई — उस पर 28 प्रतिशत GST भी वसूला गया, जिससे कुल भुगतान 44,800 रुपये हो गया।
हर बार गेम में गड़बड़ी — आखिर क्यों?
शिकायतकर्ता का आरोप है कि जब भी वह गेम खेलते, हर बार कोई न कोई तकनीकी गड़बड़ी होती। पहले उन्होंने इसे सामान्य माना, लेकिन जब यह बार-बार हुआ तो उन्होंने शक के आधार पर वेबसाइट की जांच शुरू की।
जो सामने आया, उसने उन्हें हैरान कर दिया — उनके नाम से एक साथ कई जगहों से गेम खेला जा रहा था।
रोबोट्स और विदेशी संचालन का पर्दाफाश
जब शाहनवाज ने गेम की तकनीकी जानकारी खंगाली, तो उन्हें पता चला कि यह वेबसाइट देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों से रोबोट्स द्वारा नियंत्रित की जा रही है। यानी एक ही समय पर कई 'फर्जी' प्लेयर, जो वास्तव में मशीनें थीं, खेल को अपने हिसाब से संचालित कर रहे थे।
इतना ही नहीं — उन्होंने यह भी पाया कि वेबसाइट का ऑफिस गोवा में स्थित है, और इसके पीछे दो मुख्य लोग हैं:
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कुणाल पाटनी (CEO/Director)
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सोनिया मदन जैन
इन्हीं के खिलाफ उन्होंने लोअर बाजार थाना, रांची में केस दर्ज कराया है।
ऑनलाइन पोकर और साइबर ठगी का बढ़ता ट्रेंड
भारत में ऑनलाइन पोकर और कैसिनो गेम्स पिछले एक दशक में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं। लेकिन इस तेजी के साथ साइबर ठगों ने इन प्लेटफॉर्म्स को ठगी का नया अड्डा बना लिया है।
पोकर जैसे खेलों में 'रियल टाइम गेमिंग' का नाम लेकर लोगों को झांसा दिया जाता है। 'प्लेयर्स बनाम मशीन' का खेल खेला जाता है, जहां असली इंसान सिर्फ हारने के लिए आते हैं।
क्या है natural8in.com की हकीकत?
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वेबसाइट खुद को इंटरनेशनल पोकर प्लेटफॉर्म बताती है।
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इसमें भारत के हजारों यूजर्स ने अकाउंट बनाया हुआ है।
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लेकिन तकनीकी जांच में पाया गया कि इसमें बॉट्स (robots) से गेम ऑपरेट होता है।
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यह गेम सिर्फ किस्मत नहीं, तकनीकी चालबाजियों का हिस्सा बन चुका है।
कानूनी कार्रवाई और पुलिस जांच जारी
लोअर बाजार थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच कर रही है। लेकिन यह एक व्यक्ति की ठगी नहीं — पूरे देश में ऐसे हजारों लोग हो सकते हैं जो ऐसी वेबसाइट्स से ठगे जा चुके हैं, लेकिन शिकायत करने से झिझकते हैं।
सावधान रहें — गेमिंग के नाम पर जाल बिछा है!
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ऑनलाइन गेमिंग में निवेश करने से पहले उसकी विधिक स्थिति और संचालन कंपनी की जानकारी लें।
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गेम के दौरान बार-बार तकनीकी गड़बड़ी हो, तो उसे नजरअंदाज न करें।
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अधिक जीएसटी या एक्स्ट्रा चार्ज मांगने पर तुरंत संदेह करें।
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विदेशी संचालन वाले पोर्टल्स से खास तौर पर सतर्क रहें।
अब समय है कि हम सिर्फ मोबाइल स्क्रीन पर जीत की आस छोड़कर डिजिटल जागरूकता की जिम्मेदारी लें। शाहनवाज आलम का मामला एक चेतावनी है — अगली बार ऑनलाइन गेम खेलते समय यह जरूर सोचिएगा कि आप खेल रहे हैं या खेला जा रहा है?
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