Ranchi Molestation: विश्वविद्यालय में छात्रा ने स्कॉलर पर लगाया छेड़खानी का आरोप, कार्रवाई की मांग
रांची के डीएसपीएमयू विश्वविद्यालय में छेड़खानी का मामला सामने आया। जूलॉजी की छात्रा ने पीएचडी स्कॉलर पर गंभीर आरोप लगाए। पढ़ें पूरी खबर और जानें जांच में क्या सामने आया।
रांची: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) में जूलॉजी विभाग की एक छात्रा ने पीएचडी स्कॉलर पर छेड़खानी का गंभीर आरोप लगाया है। गुरुवार को यह मामला प्रकाश में आया, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इसे विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष उठाया।
क्या है पूरा मामला?
जूलॉजी विभाग की छात्रा ने आरोप लगाया है कि पीएचडी स्कॉलर न केवल उसके साथ, बल्कि विभाग की कई अन्य छात्राओं के साथ भी अशोभनीय व्यवहार करता है। उसने दावा किया कि यह घटना काफी समय से चल रही है, लेकिन गुरुवार को उसने इस मामले को उजागर करने का साहस किया।
एबीवीपी ने उठाई आवाज
इस घटना को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने विवि के कुलसचिव डॉ. नमिता सिंह को ज्ञापन सौंपा। एबीवीपी ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए तीन दिनों के अंदर एक कमेटी गठित की जाए। संगठन ने यह भी कहा कि अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाए और उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
प्रशासन का क्या है कहना?
इस मामले में विवि के डीन स्टूडेंट वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) डॉ. सर्वोत्तम कुमार ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है और वह इस पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए कुलसचिव से संपर्क करने की सलाह दी।
केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी मामला आया सामने
इस घटना के समान, रांची के केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) में भी छेड़खानी का एक गंभीर मामला सामने आया है। फॉर ईस्ट लैंग्वेज (कोरियन) विभाग के छात्र शिवम कुमार पर एक छात्रा से छेड़खानी और दुष्कर्म की कोशिश का आरोप है। विवि प्रशासन ने उसे तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है।
क्या कहती है छात्रा?
पांच दिसंबर 2024 को पीड़िता ने ई-मेल के जरिए विवि प्रशासन को इस घटना की जानकारी दी थी। उसने लिखा कि विवि कैंपस के बाहर घर जाते समय चार छात्रों ने उसके साथ छेड़खानी और दुष्कर्म की कोशिश की। उन्होंने उसका मोबाइल फोन भी छीन लिया।
ऐसे मामलों का बढ़ता प्रभाव
यह पहली बार नहीं है जब रांची के किसी प्रमुख विश्वविद्यालय में ऐसा मामला सामने आया हो। हाल के वर्षों में, शैक्षणिक संस्थानों में यौन शोषण और छेड़खानी की घटनाएं बढ़ी हैं। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
क्या हो सकते हैं समाधान?
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सख्त नियमावली:
छात्रों और स्कॉलर्स के लिए सख्त आचार संहिता लागू की जाए। -
सुरक्षा निगरानी:
विश्वविद्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरे और महिला सुरक्षा गार्ड की तैनाती हो। -
संवेदनशीलता प्रशिक्षण:
सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को यौन उत्पीड़न और उसकी रोकथाम के लिए प्रशिक्षण दिया जाए।
शैक्षणिक संस्थान, जहां ज्ञान और विकास के बीज बोए जाते हैं, वहां ऐसी घटनाएं दुखद और चिंताजनक हैं। डीएसपीएमयू और सीयूजे के मामलों ने यह साबित किया है कि महिला सुरक्षा के लिए विश्वविद्यालयों को अपनी व्यवस्था और कार्यप्रणाली में सुधार करना होगा।
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