Pakistan Statement : हिन्दुओं से खुद को अलग बताकर पाकिस्तान ने फिर दोहराई बंटवारे की थ्योरी!
इस्लामाबाद में एक सम्मेलन के दौरान पाक आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान की नींव कलमे पर रखी गई है और हम हिंदुओं से हर मायने में अलग हैं। जानिए, इस बयान के पीछे का इतिहास और इसके क्या मायने हैं।

इस्लामाबाद में हुआ पाकिस्तान स्टेटमेंट, जिसमें आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने जो कहा, वो एक बार फिर उस पुरानी ‘टू नेशन थ्योरी’ को जिंदा कर गया, जिसकी वजह से 1947 में भारत का बंटवारा हुआ था। उन्होंने खुले तौर पर कहा कि हम हर चीज़ में हिंदुओं से अलग हैं – धर्म, रीति-रिवाज़, सोच और संस्कृति। यही वह सोच थी, जिससे पाकिस्तान का निर्माण हुआ।
जनरल असीम मुनीर की यह टिप्पणी ओवरसीज पाकिस्तानी सम्मेलन में सामने आई, जहां प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। उनके मुताबिक, पाकिस्तान की नींव 'कलमा' पर रखी गई थी, और यह केवल दूसरी ऐसी रियासत है जिसकी स्थापना इस्लाम के नाम पर हुई।
टू नेशन थ्योरी: एक बार फिर बहस में
1940 के दशक में मुस्लिम लीग ने यह थ्योरी दी थी कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग कौमें हैं, जो एक साथ नहीं रह सकतीं। इसी विचारधारा पर 1947 में पाकिस्तान बना। जनरल मुनीर ने अब इसे फिर से उठाकर भारत-पाकिस्तान रिश्तों को एक बार फिर तनावपूर्ण मोड़ पर ला दिया है।
मुनीर ने साफ कहा – "हमारे पूर्वजों ने सोचा कि हम हिंदुओं से अलग हैं। हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं, और इसलिए हम दो अलग देश हैं।" इस तरह की बयानबाज़ी न केवल भारत में बल्कि खुद पाकिस्तान के अंदर भी बहस को हवा दे रही है।
पाकिस्तान को बताया दूसरी इस्लामिक रियासत
मुनीर ने दावा किया कि दुनिया में केवल दो इस्लामिक रियासतें कलमे की बुनियाद पर बनी हैं – पहली मदीना और दूसरी पाकिस्तान। उनके अनुसार, 1300 साल बाद अल्लाह ने पाकिस्तान को इस्लाम के नाम पर बनवाया।
यह बयान न केवल धार्मिक पहचान को लेकर था, बल्कि पाकिस्तान की राष्ट्रीयता को सीधे तौर पर इस्लाम से जोड़ने की एक कोशिश भी थी – ठीक वैसी ही जैसी 1947 के पहले मोहम्मद अली जिन्ना ने की थी।
भारत पर पुराने आरोप दोहराए
जनरल मुनीर ने अपने पुराने बयान को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत पाकिस्तान की ज़मीन पर आतंक को बढ़ावा दे रहा है और हमारे नागरिकों की हत्या कर रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता आ रहा है और ये उसकी आदत बन गई है।
विरोध और प्रदर्शन से बौखलाए मुनीर
पिछले साल इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ हुए प्रदर्शनों की तुलना बांग्लादेश के तख्तापलट से की गई थी। इस पर मुनीर भड़क गए थे। उन्होंने कहा था – देश में अराजकता फैलाना सबसे बड़ा गुनाह है और सेना ऐसे किसी भी प्रयास को कुचल देगी।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था – "अगर कोई पाकिस्तान में अराजकता फैलाने की कोशिश करेगा तो अल्लाह की कसम, हम मुकाबला करेंगे।" उनका इशारा उन राजनीतिक ताकतों की तरफ था जो सेना के खिलाफ बोलने लगे हैं।
कार्यकाल बढ़ा, ताकत बढ़ी
पाकिस्तान सरकार ने आर्मी चीफ का कार्यकाल 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया है। अब जनरल असीम मुनीर 2027 तक सेना प्रमुख बने रहेंगे। उनके अलावा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का कार्यकाल भी बढ़ाया गया है। यह संशोधन पाकिस्तान आर्मी एक्ट 1952 में बदलाव करके किया गया।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इसका प्रस्ताव रखा था, जिसे अयाज सादिक की अध्यक्षता में पारित कर दिया गया।
क्या पाकिस्तान फिर से धर्म की राजनीति में लौट रहा है?
जनरल मुनीर के इस बयान से यह सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान फिर से अपनी पहचान को केवल इस्लाम के नजरिए से परिभाषित करने की कोशिश कर रहा है? क्या यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से तनाव बढ़ाएगा?
इतिहास बताता है कि जब-जब धर्म को राजनीति के साथ जोड़ा गया है, नफरत और बंटवारे ने सिर उठाया है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ का यह बयान भी शायद उसी दिशा में एक और क़दम है – और आने वाले समय में इसका असर सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया पर दिख सकता है।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे कैसे देखा जाता है।
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