इज़राइल के जटिल ऑपरेशन ने हिज़बुल्लाह को दिया बड़ा झटका: 5000 पेजर्स में छुपी विस्फोटकों की कहानी
इज़राइल की मोसाद एजेंसी ने ताइवान में बने 5000 पेजर्स के जरिए हिज़बुल्लाह पर बड़ा हमला किया, जिसमें तीन ग्राम विस्फोटक छुपाए गए थे। इस हमले में लेबनान में हजारों पेजर्स फटे, जिसमें नौ लोगों की मौत हुई और करीब 3000 लोग घायल हुए।
इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने हिज़बुल्लाह पर एक अभूतपूर्व हमला किया, जिसमें ताइवान में बने 5000 पेजर्स का इस्तेमाल किया गया। ये पेजर्स, जो हिज़बुल्लाह के लिए एक लो-टेक संचार उपकरण थे, उनके अंदर तीन ग्राम विस्फोटक छुपाए गए थे। इस ऑपरेशन के चलते पूरे लेबनान में हजारों पेजर्स एक साथ फटे, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई और लगभग 3000 लोग घायल हो गए, जिसमें हिज़बुल्लाह के लड़ाके और ईरान के दूत भी शामिल थे।
ऑपरेशन का विवरण:
सूत्रों के अनुसार, इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने महीनों की योजना के बाद यह हमला किया। लेबनान के हिज़बुल्लाह समूह ने इस साल की शुरुआत में ताइवान स्थित गोल्ड अपोलो कंपनी से 5000 पेजर्स का ऑर्डर दिया था। हालांकि, इन पेजर्स को उत्पादन स्तर पर ही इज़राइल ने संशोधित कर दिया था, ताकि इनमें विस्फोटक बोर्ड जोड़ा जा सके। जब इन पेजर्स को एक कोडेड संदेश मिला, तो 3000 पेजर्स में एक साथ विस्फोट हो गया।
हिज़बुल्लाह की प्रतिक्रिया:
हमले के बाद, हिज़बुल्लाह ने इज़राइल से बदला लेने की कसम खाई है। इस हमले को हिज़बुल्लाह के इतिहास की सबसे बड़ी सुरक्षा विफलताओं में से एक माना जा रहा है। एक वरिष्ठ हिज़बुल्लाह अधिकारी ने इसे दशकों में समूह की सबसे बड़ी काउंटर-इंटेलिजेंस असफलता बताया।
इज़राइल का उद्देश्य:
विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला इज़राइल के गहरे खुफिया नेटवर्क की ताकत को दर्शाता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि इज़राइल हिज़बुल्लाह के भीतर किस हद तक पैठ बना चुका है, हालांकि इससे कोई संकेत नहीं मिलता कि इज़राइल की जमीन पर हमले की योजना है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं:
गज़ा के संघर्ष के बाद से, इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच तनाव बढ़ गया है। इज़राइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने हाल ही में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से कहा कि हिज़बुल्लाह के साथ कूटनीतिक समाधान का समय तेजी से खत्म हो रहा है।
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