Jammu Encounter: आतंक की साज़िश, हथियारों का जखीरा और पाक की चाल का पर्दाफाश
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए ताज़ा एनकाउंटर ने न सिर्फ पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ का रास्ता बेनकाब किया, बल्कि एक बड़े आतंकी हमले को भी समय रहते टाल दिया। जानिए इस ऑपरेशन में क्या मिला और अब आगे क्या है प्लान।

जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में हुए हालिया एनकाउंटर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद अभी भी एक बड़ा खतरा बना हुआ है। लेकिन इस बार सुरक्षाबलों की सतर्कता और एकजुटता ने एक बड़ा आतंकी हमला होने से पहले ही विफल कर दिया।
घुसपैठ का नया रूट और बड़ी साजिश
SSP शोभित सक्सेना के मुताबिक, आतंकियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ करने के लिए एक नया रास्ता अपनाया था, जिसे अब पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि कठुआ में 23 मार्च से शुरू हुई मुठभेड़ों की श्रृंखला में सुरक्षाबलों ने आतंकियों की योजना को विफल कर दिया।
क्या मिला आतंकियों से?
एनकाउंटर के बाद बरामद हथियार और उपकरण इस साजिश की गंभीरता को दिखाते हैं। आतंकियों के पास से बरामद हुआ:
-
दो AK-56 राइफल
-
एक M4 राइफल
-
दस AK-56 मैगज़ीन
-
दो M4 मैगज़ीन
-
थर्मल साइट, Trijicon ACOG साइट
-
आठ चीनी ग्रेनेड
-
तीन VHF एंटीना
-
पाक निर्मित दवाइयाँ और खाने-पीने का सामान
-
कुछ मात्रा में हेरोइन
इनसे यह साफ होता है कि आतंकी लंबे समय तक जंगल में टिके रहने की तैयारी के साथ आए थे, और उनकी योजना जम्मू-कश्मीर में खतरनाक हमलों को अंजाम देने की थी।
इतिहास की पृष्ठभूमि में यह घुसपैठ
जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद कोई नई बात नहीं है। 1990 के दशक में जब घाटी में उग्रवाद अपने चरम पर था, तब भी कठुआ और हiranagar सेक्टर को घुसपैठ का कॉरिडोर माना जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में सीमा पर सुरक्षा कड़ी होने के चलते आतंकियों को नए रास्ते तलाशने पड़ रहे हैं। इस बार भी आतंकियों ने एक नई पगडंडी का इस्तेमाल किया, जिसे अब सुरक्षाबलों ने चिन्हित कर बंद कर दिया है।
एनकाउंटर की कहानी
23 मार्च को कठुआ के हiranagar सेक्टर के सान्याल गांव में पहली मुठभेड़ हुई, जो एक घंटे से ज्यादा चली। हालांकि, कुछ आतंकी वहां से भाग निकले। इसके बाद 27 मार्च को सुफियान जंगल में दूसरी मुठभेड़ हुई, जिसमें चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए लेकिन दो आतंकी मारे गए।
अब क्या है अगला कदम?
SSP सक्सेना ने बताया कि अभी भी तीन से चार आतंकी जंगल में छिपे हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है। इलाके में सुरक्षा ग्रिड मजबूत किया गया है और गांवों से लेकर शहर तक निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही, स्थानीय लोगों ने भी पुलिस का भरपूर सहयोग किया है।
आतंकी समर्थकों पर भी कार्रवाई
एक सवाल के जवाब में SSP ने बताया कि अब तक 30 संदिग्धों को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है, जो आतंकियों को लॉजिस्टिक सहायता दे रहे थे। इससे साफ है कि पुलिस न केवल आतंकियों को मार गिराने पर काम कर रही है, बल्कि उनकी जड़ों तक पहुंचने में भी जुटी है।
यह ऑपरेशन न केवल आतंकियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम करने में सफल रहा, बल्कि पाकिस्तान के मंसूबों को भी बेनकाब कर गया। अब ज़रूरत है ऐसी सतर्कता और कार्रवाई को निरंतर बनाए रखने की, ताकि आतंक का कोई चेहरा फिर से इस ज़मीन पर न उभर सके।
अगर आप चाहें तो इस स्टोरी का वीडियो स्क्रिप्ट भी तैयार किया जा सकता है। बताइए, बनाएं?
What's Your Reaction?






