Bengaluru Shock: क्यों धड़ाम हुआ Wipro का शेयर? जानिए कंपनी की गिरती कमाई के पीछे की पूरी कहानी
Wipro के Q4 नतीजों ने निवेशकों को किया निराश, शेयर में आई गिरावट। जानिए क्यों धीमा पड़ा टेक्नोलॉजी दिग्गज का प्रदर्शन और क्या बोले CEO Srini Pallia इस संकट पर।

भारत की प्रमुख आईटी कंपनियों में से एक, Wipro, इस बार निवेशकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। चौथी तिमाही (Q4) के नतीजों में कंपनी का प्रदर्शन इतना "म्यूटेड" रहा कि न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर इसके शेयर में लगभग 3% की गिरावट दर्ज की गई। सवाल ये उठता है—आख़िर क्या वजह रही इस गिरावट की? क्या Wipro अब भी तकनीकी दुनिया में अपनी पकड़ बनाए रख पा रही है? आइए, इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।
क्या हुआ Wipro के Q4 में?
Wipro का रेवेन्यू लगातार दूसरे साल गिरा है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी की कमाई में 2.3% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पिछले साल यह गिरावट 4.4% थी। मार्च 2025 की तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 1.2% गिरा, अगर इसे सालाना तुलना में देखा जाए। वहीं, पिछली तिमाही से तुलना करें तो इसमें 0.8% की गिरावट रही।
Wipro के CEO, श्रीनी पल्लिया, ने इस गिरावट के पीछे का कारण बाज़ार में छाए आर्थिक अनिश्चितता के माहौल को बताया। उन्होंने कहा, “टैरिफ्स और ग्लोबल इकोनॉमिक पॉलिसीज़ की वजह से हमारे क्लाइंट्स काफ़ी सतर्क हो गए हैं। टेक्नोलॉजी में बदलाव की ज़रूरत तो बनी हुई है, लेकिन क्लाइंट्स अब उसे बेहद सावधानी से आगे बढ़ा रहे हैं।”
क्या सिर्फ Wipro है परेशानी में?
भारतीय आईटी सेक्टर पिछले कुछ समय से बदलाव के दौर से गुजर रहा है। TCS, Infosys और HCL Tech जैसी कंपनियों ने भी हालिया महीनों में धीमी ग्रोथ के संकेत दिए हैं। Wipro, जो कि कभी टेक इंडस्ट्री का सबसे चमकता सितारा था, अब दबाव में दिख रही है।
इतिहास की बात करें तो Wipro ने 1945 में एक वेजिटेबल ऑयल कंपनी के रूप में शुरुआत की थी। 1980 के दशक में कंपनी ने आईटी सेक्टर में कदम रखा और तब से लेकर 2010 तक इसकी गिनती भारत की टॉप 3 आईटी कंपनियों में होती रही। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में तेज़ बदलाव और कॉम्पिटीशन ने कंपनी की रफ़्तार को धीमा कर दिया है।
CEO ने क्या कहा?
Wipro के CEO श्रीनी पल्लिया ने earnings प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा, “हमारे क्लाइंट्स की प्राथमिकता अब लागत में कटौती, तेज़ परिणाम और AI आधारित समाधान बन गए हैं। वे बड़े बदलाव वाले प्रोजेक्ट्स या डिस्क्रेशनरी खर्च पर तुरंत निर्णय नहीं ले रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि जून तिमाही के लिए कंपनी का अनुमान -3.5% से -1.5% की गिरावट का है, यानी अभी और मुश्किलें सामने आ सकती हैं।
क्या AI बन सकता है गेमचेंजर?
Wipro ने हाल के वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस बढ़ाया है। कंपनी का मानना है कि AI के ज़रिए क्लाइंट्स को बेहतर, तेज़ और सस्ते समाधान दिए जा सकते हैं। हालांकि, इस दिशा में कितना फायदा होगा, ये आने वाले तिमाहियों में साफ होगा।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
शेयर मार्केट के जानकारों का मानना है कि फिलहाल Wipro में लॉन्ग टर्म निवेश करने वालों को धैर्य रखना होगा। जो निवेशक शॉर्ट टर्म रिटर्न चाहते हैं, उन्हें थोड़ा सतर्क रहना चाहिए।
Wipro की गिरती कमाई और शेयर में आई भारी गिरावट चिंता का विषय है, लेकिन यह भी सच है कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में अनिश्चितता आम बात है। AI और ऑटोमेशन जैसे नए ट्रेंड्स के साथ अगर कंपनी रणनीति बदलती है, तो वह वापसी भी कर सकती है। फिलहाल तो निवेशकों के लिए यह एक सतर्कता का संकेत है।
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