Ranchi Loot: जूस में नशा मिलाकर लूट लिए लाखों के गहने, मोबाइल और लैपटॉप, आंख खुली तो सड़क किनारे पड़े थे
रांची आने वाली आरजू बस में यात्री को नशीला जूस पिलाकर की गई बड़ी लूट, पीड़ित को बेहोश कर सोने के गहने, मोबाइल और लैपटॉप उड़ाए गए, आंख खुली तो खुद को सड़क किनारे पाया।

झारखंड की राजधानी रांची में एक बार फिर बस सफर के दौरान सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। पटना से रांची आ रहे एक यात्री के साथ बस में जूस पिलाकर लूट की वारदात ने सभी को चौंका दिया है। यह कोई मामूली जेबकटी नहीं, बल्कि पूरी साजिश के तहत की गई सोची-समझी लूट है, जिसमें शामिल अपराधी अब तक फरार हैं।
सुरक्षा का भ्रम टूटा, भरोसे का जूस बना जहर
पीड़ित चंदन झा, जो बिहार के पटना के आशियाना नगर के निवासी हैं और फिलहाल रांची के बरियातू में रहते हैं, ने डोरंडा थाना में शिकायत दर्ज कराई है। घटना 13 अप्रैल की रात की है, जब वह आरजू बस (JH-05CK-2621) में पटना से रांची के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने B-10 नंबर सीट बुक की थी।
रात के सफर के दौरान B-9 नंबर सीट पर बैठे एक व्यक्ति ने उन्हें जूस पीने को कहा। पहले तो चंदन ने मना कर दिया, लेकिन बार-बार आग्रह करने पर वे मान गए। यहीं से शुरू होती है इस खौफनाक लूट की कहानी।
अगली सुबह सड़क किनारे, जेवर और सामान गायब
जूस पीने के बाद उन्हें कुछ भी याद नहीं रहा। अगली सुबह 14 अप्रैल को करीब आठ बजे बस कंडक्टर ने उनकी पत्नी आरती को फोन कर सूचना दी कि उनके पति की हालत सही नहीं है। आरती जब मौके पर पहुंची तो चंदन झा को मेकन ऑफिस गेट के पास सड़क किनारे बेहोशी की हालत में पाया।
सबसे हैरानी की बात यह रही कि चंदन के शरीर से 20 ग्राम की दो सोने की अंगूठियां, 20 ग्राम की सोने की चेन, दो मोबाइल फोन और करीब 60 हजार रुपये का लैपटॉप गायब था। यानी उन्हें पूरी तरह लूट लिया गया था।
बस सफर में नशा देकर लूट की घटनाएं कोई नई नहीं
यह पहली बार नहीं है जब बसों में नशीला पदार्थ खिलाकर लूट की घटनाएं हुई हैं। बीते कुछ वर्षों में झारखंड और बिहार के बीच चलने वाली कई बसों में ऐसी घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। अपराधी आमतौर पर रात के समय यात्रा करने वाले एकल यात्रियों को टारगेट करते हैं।
पुलिस की जांच में अक्सर यही सामने आता है कि अपराधी टिकट बुक करवाकर यात्री के बगल में बैठते हैं, और फिर किसी तरह से नशा खिला या पिला देते हैं। बेहोश यात्री से कीमती सामान लूट कर उन्हें बस या कहीं सड़क किनारे छोड़ दिया जाता है।
क्या बस ऑपरेटर और पुलिस अब जागेंगे?
आरजू बस जैसे बड़े नाम वाले ट्रांसपोर्ट सर्विस से ऐसी लापरवाही की उम्मीद शायद ही किसी को हो। सवाल उठता है कि कंडक्टर ने यात्री को बेहोशी की हालत में सड़क किनारे क्यों छोड़ा? क्यों नहीं मेडिकल मदद दी गई या पुलिस को तुरंत सूचना दी गई?
डोरंडा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है, लेकिन अब जरूरत है कि बसों में सीसीटीवी कैमरे, ड्राइवर-कंडक्टर की जिम्मेदारी तय करने और यात्रियों को अलर्ट करने जैसे ठोस कदम उठाए जाएं।
बस यात्रा अब सुरक्षित नहीं रह गई है, और अपराधी नए-नए तरीके निकालकर लोगों को लूट रहे हैं।
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