Saraikela Accident: टाटा-कांड्रा रोड पर पलटा ओवरलोड हाईवा, सड़क पर बिखरा कोयला और मच गया हड़कंप
सरायकेला-खरसावां जिले के टाटा-कांड्रा मार्ग पर पिंडराबेड़ा के पास ओवरलोड कोयला लदा हाईवा पलटा, सड़क पर फैला कोयला, बाल-बाल बचा चालक, सड़क सुरक्षा पर फिर खड़े हुए सवाल।

सरायकेला-खरसावां ज़िले की सड़कों पर ओवरलोड वाहनों का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। कभी ट्रैफिक जाम तो कभी हादसे, अब आम जनता के लिए यह एक रोज़मर्रा की परेशानी बन गई है। ताज़ा मामला शुक्रवार सुबह कांड्रा थाना क्षेत्र के पिंडराबेड़ा के पास से सामने आया है, जहां तेज रफ्तार और ओवरलोड कोयला लदा हाईवा अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया।
तेज़ रफ्तार और ओवरलोड बना हादसे की वजह
गौरतलब है कि यह हादसा उस समय हुआ जब हाईवा वाहन टाटा से कांड्रा की ओर जा रहा था। गाड़ी में कोयला भरा हुआ था और वजन तय सीमा से कहीं अधिक था। ऐसे में तेज़ रफ्तार में आते ही ड्राइवर ने वाहन से नियंत्रण खो दिया और हाईवा सड़क किनारे पलट गया।
हादसे के बाद चारों ओर कोयले की परत बिछ गई और सड़क पूरी तरह जाम हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि यह हादसा कुछ सेकंड पहले या बाद में होता, तो शायद किसी राहगीर की जान भी जा सकती थी। गनीमत रही कि उस समय सड़क पर कोई अन्य वाहन नहीं था।
ड्राइवर की किस्मत चमकी, हुआ मामूली घायल
हाईवा के पलटते ही उसकी केबिन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी, लेकिन चालक किसी तरह खुद को बाहर निकालने में सफल रहा। उसे केवल हल्की चोटें आईं, जिसे मौके पर मौजूद लोगों ने प्राथमिक उपचार दिलाया।
यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ महीनों में टाटा-कांड्रा मार्ग पर ओवरलोड वाहनों के पलटने और टकराने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लेकिन न प्रशासन और न ही परिवहन विभाग इस पर कोई ठोस कार्रवाई करता दिख रहा है।
कुछ समय के लिए ठप हुआ यातायात
हादसे के बाद टाटा-कांड्रा मार्ग पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। लंबी कतारों में फंसे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सूचना मिलते ही कांड्रा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से हाईवा को हटाया गया। लगभग एक घंटे बाद यातायात सामान्य हो सका।
सड़क सुरक्षा पर फिर खड़े हुए सवाल
इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या ओवरलोड वाहनों की जांच सिर्फ कागज़ों तक सीमित है? क्या वजन सीमा की अनदेखी करना किसी बड़े हादसे को न्योता देना नहीं है?
स्थानीय लोगों का कहना है कि टाटा से चलने वाले अधिकांश ट्रक और हाईवा ओवरलोड होते हैं, और गति पर भी कोई नियंत्रण नहीं है। प्रशासन को चाहिए कि इस मार्ग पर विशेष निगरानी रखी जाए और चेक पोस्ट पर कठोरता से वजन जांच की जाए।
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