जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, रूरल एसपी व अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी, नगर निकाय पदाधिकारी, सफाई कर्मियों के प्रतिनिधि, सफाई कर्मी हुए शामिल
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पवार ने समाहरणालय सभागार में सफाई कर्मियों की समस्याओं और समाधान को लेकर बैठक की। बैठक में सरकारी संस्थाओं और सफाई कर्मियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सफाई कर्मियों की सुरक्षा और सुविधाओं पर चर्चा की गई।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की माननीया उपाध्यक्ष श्रीमती अंजना पवार की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में बैठक आयोजित हुई। नगर निकायों व अन्य संस्थाओं में कार्यरत सफाई कर्मियों को दी जाने वाली सुविधाओं व उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकारी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे हैं कार्यों की समीक्षा को लेकर आहूत बैठक में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री किशोर कौशल, उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार, रूरल एसपी श्री ऋषभ गर्ग व अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी, नगर निकाय पदाधिकारी, सफाई कर्मियों के प्रतिनिधि, सफाई कर्मी शामिल हुए।
समीक्षा के दौरान उपाध्यक्ष श्रीमती पवार ने कहा कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग राज्य के हर जिलों में जाकर सफाई कर्मियों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक पुनर्वास कैसे हो इस संदर्भ में बैठक आयोजित करती है। उन्होंने नगर निगम के अधिकारीयों को संबोधित करते हुए कहा कि देश स्तर पर चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन की जो परिकल्पना है वह बिना सफाई कर्मचारी के पूरा नहीं हो सकती है इन्हें पूर्ण सम्मान देना होगा। कोविड जैसी महामारी में इस वर्ग ने सबसे अधिक कार्य किया, अपने परिवारों का साथ छोड़कर इन्होंने सामाजिक कार्यों को महत्ता देते हुए अपने कार्यों का निर्वहन किया, इनके प्रति हमेशा हमें संवेदनशील होकर कार्य करना है । अधिकारी और कर्मचारी एक दूसरे के पूरक होते हैं, देश की तरक्की चाहते हैं तो इनका हाथ पकड़कर चलना होगा ।
उपाध्यक्ष श्रीमती पवार ने कहा कि विभिन्न संस्थानों में सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं, वे सभी कॉन्ट्रैक्ट/ अनुबंध आधारित/ आउटसोर्स या दैनिक मानदेय पर कार्यरत हैं। इनके सामाजिक उत्थान के लिए और कार्य करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा सफाई कर्मचारी गंभीर परिस्थितियों में कार्य करते है, इन कर्मियों का हेल्थ चेकअप प्रत्येक छह माह में नियमित रूप से हो ताकि यह किसी गंभीर बीमारी के शिकार ना हो।
सफाई कर्मचारियों के पहचान के लिए आईडी कार्ड बनवाने तथा उसमें सभी आवश्यक जानकारियों के साथ-साथ ब्लड ग्रूप, फोन नंबर, ईएसआसी नंबर को दर्ज करने का भी सुझाव दिया। साथ ही गर्मी, ठंड या बरसात के मौसम के मद्देनजर यूनिफॉर्म, जुता उपलब्ध कराने को कहा । उन्होने नियमित मासिक सैलरी तथा पहले सप्ताह में नियमित भुगतान हो इसपर बल दिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का लक्ष्य सफाई कर्मचारियों जैसे कमज़ोर समूहों तक अपना दायरा बढ़ाना है। आम तौर पर सफाई कर्मचारियों को कई मोर्चों पर गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है- वित्तीय, स्वास्थ्य और सामाजिक। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सफाई कर्मचारियों की स्थिति, सुविधाओं और अवसरों में असमानताओं को समाप्त करने की दिशा में कार्य करता है।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, एमजीएम सुपरिटेंडेंट डॉ रविन्द्र कुमार, अपर नगर आयुक्त मानगो नगर निगम श्री रंजीत लोहरा, जिला परिवहन पदाधिकारी श्री धनंजय, उप नगर आयुक्त जेएनएसी श्री कृष्ण कुमार, जिला योजना पदाधिकारी श्री अरूण द्विवेदी, जिला कल्याण पदाधिकारी श्री राजेन्द्र गुप्ता, श्रम विभाग, जुस्को व अन्य सफाई कर्माचारियों से संबंधित अन्य विभागों के पदाधिकारी, संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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