जमशेदपुर, 16 दिसंबर 2024: जमशेदपुर के गोविंदपुर इलाके की खासमहल मुख्य सड़क के निर्माण में आ रही अड़चनों और गोविंदपुर जलापूर्ति योजना की अनियमितताओं को लेकर जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी ने जमशेदपुर के उपायुक्त अनन्य मित्तल से मुलाकात की। इस बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
क्या है मामला?
गोविंदपुर की मुख्य सड़क, जो पूरे इलाके के यातायात का मुख्य आधार है, लंबे समय से अधूरी पड़ी है। निर्माण कार्य में विभिन्न विभागों के बीच तालमेल की कमी और अड़चनों ने इसे ठप कर दिया है। इसके साथ ही सरजामदा और गोविंदपुर में जलापूर्ति योजना में अनियमितताओं ने स्थानीय निवासियों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
बैठक के मुख्य बिंदु
उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में बिजली विभाग, पथ निर्माण विभाग, और पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता मौजूद रहे। बैठक में यह तय हुआ कि तीनों विभाग मिलकर संयुक्त सर्वे (जॉइंट सर्वे) करेंगे और जल्द से जल्द अड़चनों को दूर करेंगे।
विधायक मंगल कालिंदी की सख्त चेतावनी
विधायक मंगल कालिंदी ने इस मुद्दे पर अधिकारियों को कड़े शब्दों में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता को हो रही परेशानियों को देखते हुए कार्य में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा, "सड़क निर्माण और जलापूर्ति जैसी बुनियादी जरूरतों को लेकर विभागों की लापरवाही अस्वीकार्य है। अगर जल्द से जल्द समाधान नहीं हुआ, तो जनता के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा।"
गोविंदपुर जलापूर्ति योजना: क्यों बनी सिरदर्द?
गोविंदपुर जलापूर्ति योजना, जिसे क्षेत्र की जल समस्या को दूर करने के लिए शुरू किया गया था, लंबे समय से अनियमितताओं का शिकार है। सरजामदा क्षेत्र में पिछले छह दिनों से जलापूर्ति बंद है, जिससे स्थानीय लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। उपायुक्त ने पेयजल विभाग के अधिकारियों को इस समस्या का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए।
इतिहास में झांकें
गोविंदपुर की सड़कें और जल आपूर्ति की समस्याएं कोई नई बात नहीं हैं। क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए हमेशा संघर्ष होता रहा है। 2000 के दशक में भी यहां सड़क निर्माण की परियोजनाएं अधूरी छोड़ दी गई थीं, जिससे जनता को लंबे समय तक परेशानी उठानी पड़ी।
क्या कहा उपायुक्त ने?
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा कि, "सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा। सड़क और जलापूर्ति जैसे मुद्दों पर देरी का कोई स्थान नहीं है। हर अड़चन का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाएगा।"
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जॉइंट सर्वे के माध्यम से सभी अड़चनों को चिन्हित करें और अगले सात दिनों में रिपोर्ट सौंपें।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका
बैठक में स्थानीय जिला परिषद सदस्य डॉ. परितोष सिंह और संवेदक लड्डू मंगोटिया भी उपस्थित थे। उन्होंने भी अधिकारियों से जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेने की अपील की।
क्या होगा आगे?
जमशेदपुर की गोविंदपुर सड़क और जलापूर्ति समस्या पर हुई इस सख्त बैठक के बाद स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही समाधान होगा। अधिकारियों ने तय किया है कि जॉइंट सर्वे की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
गोविंदपुर सड़क निर्माण और जलापूर्ति समस्या पर हुई इस बैठक ने यह साफ कर दिया है कि अब प्रशासन और विभागों के पास देरी का कोई बहाना नहीं है। विधायक मंगल कालिंदी की सक्रियता ने जनता को राहत की उम्मीद दी है।
क्या समाधान समय पर होगा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उपायुक्त और संबंधित विभाग अपने वादों को समय पर पूरा कर पाते हैं या नहीं। अगर इसमें देरी होती है, तो क्या जनता और जनप्रतिनिधि मिलकर कोई बड़ा कदम उठाएंगे?