Ranchi Kidnap: सदर अस्पताल से नवजात को चुराने आई महिला की साजिश बेनकाब, मां से बोली – “तुम्हारा पति बाहर बेहोश पड़ा है
रांची के सदर अस्पताल में एक नवजात के अपहरण की कोशिश से सनसनी फैल गई। 50 वर्षीय महिला ने मां को बहलाकर बच्चे को ले जाने की कोशिश की, लेकिन दो दिन बाद दोबारा आने पर पकड़ी गई। पढ़िए पूरी साजिश की परतें।

रांची के सबसे व्यस्त सदर अस्पताल में एक महिला की चालाकी से भरी कोशिश ने पूरे अस्पताल परिसर को दहशत में डाल दिया।
50 वर्षीय महिला सुल्ताना खातून ने एक नवजात को चुराने की कोशिश की, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और दो दिन बाद वो उसी अस्पताल में पकड़ी गई।
लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि आरोपी महिला पूर्व में सहिया रह चुकी है और अस्पताल के सिस्टम से भली-भांति परिचित थी।
क्या है पूरा मामला? आइए जानें साजिश की परत-दर-परत:
घटना 17 मई की है। बुढ़मू थाना क्षेत्र के हेसलपीढ़ी निवासी निरसी देवी ने सदर अस्पताल में सुबह करीब 7:45 बजे एक बेटे को जन्म दिया। डॉक्टरों के निर्देश पर वह अपने नवजात की देखरेख कर रही थी।
शाम करीब सात बजे एक अनजान महिला उसके बेड के पास आई और कहा – "तुम्हारा पति अस्पताल के बाहर शराब पीकर बेहोश पड़ा है, जल्दी चलो।"
घबराई निरसी देवी ने अपने नवजात को गोद में लिया और उस महिला के साथ ऑटो में बैठ गई। कुछ दूरी पर पहुंचते ही महिला ने अचानक बच्चा छीन लिया और बदले में 10 हजार रुपये देने की कोशिश की। जब निरसी देवी ने पैसे लेने से इनकार किया, तो महिला हंगामा करते हुए ऑटो से कूदकर भाग गई।
किसी तरह निरसी देवी वापस अस्पताल पहुंची और परिजनों को इस घटना की जानकारी दी, लेकिन पुलिस को सूचना नहीं दी गई।
19 मई को पलटी बाज़ी
घटना के दो दिन बाद यानी 19 मई को वही महिला फिर से अस्पताल परिसर में घूमती दिखी। इस बार निरसी देवी की नजर उस पर पड़ गई।
उसने तुरंत परिजनों और अस्पताल कर्मियों को बुलाया और महिला को पकड़वा लिया। बाद में उसे लोअर बाजार थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया।
सुल्ताना खातून – एक पहेली:
आरोपी महिला की पहचान कांटाटोली के कुरैशी मोहल्ला, सुल्तान लेन निवासी सुल्ताना खातून के रूप में हुई। पूछताछ में उसने बताया कि वह पूर्व में सहिया रह चुकी है, लेकिन दो साल पहले उसे सेवा से हटा दिया गया था।
सुल्ताना का दावा था कि वह नवजात को नर्स के कहने पर अल्ट्रासाउंड के लिए ले जा रही थी, लेकिन उसकी कहानी में कई झोल मिले।
पुलिस को है शक – ये था रैकेट?
पुलिस को शक है कि सुल्ताना नवजात को बेचने की फिराक में थी। उसके अपने बाल-बच्चे पहले से हैं और पैसे की तंगी में इस तरह की हरकत करना उसके पुराने रिकॉर्ड से मेल खाता है।
फिलहाल पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और अब उसके नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है।
इतिहास गवाह है – अस्पतालों में नहीं होती है चौकसी
यह कोई पहली घटना नहीं है जब किसी सरकारी अस्पताल से नवजात को चुराने की कोशिश की गई हो। इससे पहले भी बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई अस्पतालों में इसी तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां सुरक्षा की नाकामी के चलते बच्चों को निशाना बनाया गया।
क्या कहता है समाज और प्रशासन?
स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में अक्सर अराजक तत्वों की आवाजाही रहती है, लेकिन कोई सख्त निगरानी नहीं होती।
बच्चों की सुरक्षा को लेकर अस्पताल प्रशासन की ढिलाई अब खुलकर सामने आ चुकी है।
क्या अब भी हम नहीं जागेंगे?
आज रांची में जो हुआ, वह किसी भी माता-पिता की सबसे बुरी कल्पना हो सकती है। सुल्ताना खातून तो पकड़ ली गई, लेकिन सवाल है – क्या आगे भी ऐसी घटनाएं रोकने के लिए अस्पतालों में व्यवस्था बदलेगी?
बच्चों की सुरक्षा सिर्फ मां-बाप की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रशासन, अस्पताल और पूरे सिस्टम की भी है।
रांची का यह मामला एक बार फिर हमें सोचने पर मजबूर कर रहा है – क्या हम अपने सबसे नाजुक जीवन को सुरक्षित रखने में असफल हो रहे हैं?
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