Ranchi Shock : रांची के मधुकम इलाके में राजमिस्त्री मुकेंदर उरांव ने फांसी लगाकर दी जान, हाईकोर्ट में अवैध कब्जे के मामले की सुनवाई के बाद ही उठाया खौफनाक कदम, थाने के सामने की बिल्डिंग में हुई घटना, क्या कानूनी दबाव बना मौत का सबब?
रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के मधुकम में राजमिस्त्री मुकेंदर उरांव ने अपने घर में सीलिंग फैन से लटककर आत्महत्या कर ली। पत्नी शांति उरांव के अनुसार, उनकी बिल्डिंग में अवैध कब्जे से जुड़े मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद ही मुकेंदर ने यह कदम उठाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
झारखंड की राजधानी रांची, जो तेजी से विकास की ओर बढ़ रही है, वहां जमीन और संपत्ति के विवाद एक सामाजिक और मानसिक महामारी बनते जा रहे हैं। सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के मधुकम इलाके में मंगलवार को एक दिल दहलाने वाली घटना हुई, जहां थाने के ठीक सामने स्थित एक बिल्डिंग में राज मिस्त्री मुकेंदर उरांव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सिर्फ एक आत्महत्या नहीं है, बल्कि यह कानूनी जटिलताओं और संपत्ति विवादों के चलते व्यक्ति पर पड़ने वाले असहनीय मानसिक दबाव को दर्शाती है।
झारखंड में जमीन विवाद और अवैध कब्जे का इतिहास इतना गहरा है कि अदालती लड़ाइयां अक्सर पीढ़ियों तक चलती रहती हैं। इस मामले में भी मृतक की पत्नी के बयान ने साफ कर दिया है कि आत्महत्या का तार सीधे हाईकोर्ट की सुनवाई से जुड़ा हुआ था।
हाईकोर्ट की सुनवाई और मौत का निर्णय
मृतक मुकेंदर उरांव की पत्नी शांति उरांव ने जो बताया, वह किसी भी व्यक्ति के सामने मानसिक तनाव के चरम को रख देता है।
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अवैध कब्जा का मामला: शांति उरांव के अनुसार, उनकी बिल्डिंग में अवैध कब्जे से जुड़ा एक मामला झारखंड हाईकोर्ट में चल रहा था। कोर्ट ने संपत्ति से कब्जा हटाने का आदेश भी दिया था।
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तनाव का अंतिम पल: जिस दिन मुकेंदर ने आत्महत्या की, उसी दिन इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई भी हुई थी। मुकेंदर सुनवाई समाप्त होने के बाद घर लौटा और कुछ समय बाद ही उसने फंदे से झूलकर अपनी जान दे दी। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि कानूनी दबाव ने उन्हें इस खौफनाक कदम के लिए मजबूर किया होगा।
दरवाजा तोड़कर निकाला गया शव
मुकेंदर ने जब यह कदम उठाया, तब वह घर पर अकेला था। उनकी पत्नी काम पर गई थीं और बच्चे स्कूल में थे।
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शक और सत्य: दोपहर में हुई यह घटना शाम को सामने आई, जब काफी देर तक घर का दरवाजा बंद रहा और खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला। आस-पास के लोगों को शक हुआ।
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छत के सहारे: लोगों ने तत्काल छत के सहारे बालकनी के रास्ते घर के अंदर दाखिल होकर दरवाजा खोला। अंदर का दृश्य भयावह था, मुकेंदर उरांव का शव सीलिंग फैन से झूलता हुआ मिला।
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही सुखदेवनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, मुकेंदर पिछले कुछ दिनों से काफी तनाव में था।
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यूडी केस: पुलिस ने मामले में यूडी (Unnatural Death) केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस ने आत्महत्या के कारणों के बारे में जांच के बाद ही खुलासा करने की बात कही है।
यह दर्दनाक घटना एक बार फिर जमीनी विवादों के मानसिक और भावनात्मक दुष्परिणामों को सामने लाती है। अदालतों और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कानूनी प्रक्रियाएं इतनी लंबी और तनावपूर्ण न हों कि वे किसी की जिंदगी ले लें।
आपकी राय में, जमीन विवादों से उत्पन्न मानसिक तनाव को कम करने के लिए झारखंड सरकार और हाईकोर्ट को कौन से दो तत्काल और मानवीय कदम उठाने चाहिए?
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