Jalaun Tragedy: 2000 KM की सफर में एक झपकी ने छीन ली 6 जिंदगियां, पूरा परिवार तबाह
यूपी के जालौन में एक ही परिवार बहराइच से बेंगलुरु की ओर निजी कार से 2000 किलोमीटर की यात्रा पर निकला था, लेकिन बीच रास्ते एक झपकी ने छह लोगों की जान ले ली। जानिए कैसे हुआ यह भयानक हादसा और कौन-कौन थे पीड़ित।

एक झपकी, एक क्षण की नींद और कुछ ही सेकंड्स में एक खुशहाल परिवार की जिंदगी बिखर गई। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में बुधवार की अलसुबह NH-27 पर हुए इस भीषण सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। एक ऐसा हादसा जिसने छह जिंदगियां लील लीं—और पीछे छोड़ गया चीखें, खामोश आंखें और कई सवाल।
ये हादसा झांसी-कानपुर नेशनल हाईवे पर गिरथान गांव के पास हुआ, जहां एक तेज रफ्तार कार अचानक से सामने से आ रहे ट्रक से जा भिड़ी। टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार में सवार सभी लोग एक ही परिवार के थे और बहराइच जिले के रहने वाले थे। वे निजी गाड़ी से बेंगलुरु के लिए करीब 2000 किलोमीटर की लंबी यात्रा पर निकले थे।
परिवार के सदस्य अंकित ने बताया कि यह सफर उनके साढ़ू ब्रजेश के कहने पर तय किया गया था। ब्रजेश बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर हैं और परिवार को वहां घूमने का प्लान बना था। गाड़ी में अंकित, उनकी पत्नी संगीता, तीन महीने की बेटी सिद्धिका, ब्रजेश, उनकी बेटी मानवी (4), बेटा कान्हा (3), और रिश्तेदार प्रीति और विनीता सवार थे।
यात्रा को लेकर योजना ये थी कि झांसी तक ब्रजेश कार चलाएंगे और उसके बाद अंकित। लेकिन झांसी पार करते वक्त सुबह के समय, ब्रजेश को हल्की झपकी आ गई। यह झपकी ही पूरे परिवार की सबसे बड़ी त्रासदी बन गई। नींद में गाड़ी का नियंत्रण छूटा, कार पहले डिवाइडर से टकराई और फिर दूसरी दिशा से आ रहे ट्रक से जा भिड़ी।
इतिहास में कई बार साबित हुआ है कि लंबी दूरी की थकान भयानक हादसों का कारण बनती है। 2018 में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था, जिसमें दिल्ली जा रही कार झपकी के कारण ट्रक में घुस गई थी, और पूरे परिवार की मौत हो गई थी।
जालौन हादसे में घटनास्थल पर ही पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें ब्रजेश, संगीता, सिद्धिका, प्रीति और विनीता शामिल थीं। पुलिस और स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन कार में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए गैस कटर की मदद लेनी पड़ी।
घायलों में अंकित, कान्हा और मानवी को गंभीर हालत में उरई मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां इलाज के दौरान मानवी की भी मौत हो गई। अब सिर्फ अंकित और उसका तीन वर्षीय भांजा कान्हा ही इस हादसे के बाद बच पाए हैं।
घटना के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया था। जेसीबी और क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाया गया और ट्रैफिक सामान्य किया गया। पुलिस अधीक्षक और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच शुरू कर दी है।
यह हादसा न केवल एक परिवार की तबाही की कहानी है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। 2000 किलोमीटर का लंबा सफर, लगातार ड्राइविंग और नींद की अनदेखी किसी के भी जीवन को संकट में डाल सकती है।
परिजनों को सूचित कर शवों को पोस्टमार्टम के बाद सौंप दिया गया है। हादसे की वजह "ड्राइवर की झपकी" को बताया जा रहा है, और इस एंगल से पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है।
जालौन का ये हादसा एक बार फिर याद दिलाता है—सड़क पर नींद सबसे बड़ा दुश्मन है। यात्रा से पहले पूरी नींद लें, ड्राइविंग को शिफ्ट में करें और हर 200 किलोमीटर पर विश्राम करें, वरना महज एक झपकी सब कुछ खत्म कर सकती है।
क्या आप भी लंबे सफर पर जा रहे हैं? तो ये खबर पढ़ने के बाद ज़रूर सोचें… एक झपकी, जिंदगी पर भारी पड़ सकती है।
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