Aligarh Accident में पुलिस वैन की भयानक टक्कर, कैदी समेत पांच की मौत ने मचाया हड़कंप
अलीगढ़ के लोधा थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे पर पुलिस वैन की खड़े कैंटर से जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसे में चार पुलिसकर्मी और एक कैदी की मौत हो गई, जबकि वाहन के परखच्चे उड़ गए। हादसे की वजह ड्राइवर को आई झपकी मानी जा रही है।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नेशनल हाईवे पर एक ऐसा मंजर सामने आया, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। शुक्रवार सुबह लोधा थाना क्षेत्र में फिरोजाबाद पुलिस की एक वैन सड़क किनारे खड़े कैंटर से इतनी जबरदस्त टकरा गई कि वैन के परखच्चे उड़ गए। इस भयानक टक्कर में चार पुलिसकर्मियों और एक विचाराधीन कैदी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कुछ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस दर्दनाक हादसे की तस्वीरें सामने आते ही पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। आशंका जताई जा रही है कि पुलिस वैन के चालक को झपकी आ गई थी, जिस कारण यह टक्कर हुई।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा सुबह-सुबह उस वक्त हुआ, जब फिरोजाबाद पुलिस एक विचाराधीन कैदी गुलशन को लेकर गाजियाबाद की ओर जा रही थी। गाड़ी में पांच लोग सवार थे — एक चालक, चार पुलिसकर्मी और कैदी। नेशनल हाईवे पर चिकावटी मोड़ के पास अचानक पुलिस वैन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े कैंटर में जा घुसी।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि पुलिस वैन का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने जब गाड़ी की हालत देखी तो उनके होश उड़ गए। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को बाहर निकाला गया और मलखान सिंह जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने पांच लोगों को मृत घोषित कर दिया।
मारे गए लोग कौन थे?
इस भयानक टक्कर में जिनकी मौत हुई, उनमें शामिल हैं:
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एसआई राम सजीवन
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कांस्टेबल बलवीर सिंह
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चालक चंद्रपाल
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कैदी गुलशन
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एक अन्य पुलिसकर्मी, जिसकी मौत इलाज के दौरान हुई
इन सभी के परिजनों को सूचना दे दी गई है। शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है।
इतिहास में ऐसे हादसे पहले भी बने हैं त्रासदी
यह पहली बार नहीं है जब पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान हादसे का शिकार हुए हों। उत्तर प्रदेश में इससे पहले भी कई बार पुलिस वाहन तेज रफ्तार या चालक की गलती के कारण हादसे का शिकार हो चुके हैं। साल 2022 में कानपुर में भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था, जहां पुलिस जीप ट्रक से टकरा गई थी और दो पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी। ऐसे हादसे न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि पुलिसकर्मी खुद कितने असुरक्षित हैं।
क्या झपकी बनी मौत की वजह?
सीओ गभाना संजीव तौमर के मुताबिक, प्राथमिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि चालक को नींद की झपकी आई थी, जिस कारण वाहन अनियंत्रित हो गया और खड़ी कैंटर में जा घुसा। हालांकि, पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और कैंटर चालक को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
क्या है आगे की कार्यवाही?
मामले की गंभीरता को देखते हुए लोधा थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। कैंटर और पुलिस वैन को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच की जा रही है। उच्चाधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और दुर्घटना के कारणों की पुष्टि के लिए CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
सिस्टम की लापरवाही या मानवीय चूक?
इस हादसे ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन और परिवहन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिसकर्मियों को लंबी यात्राओं से पहले पर्याप्त विश्राम दिया जाता है? क्या ड्राइवरों की नींद और थकावट की स्थिति की जांच की जाती है? यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है।
अलीगढ़ की यह घटना बताती है कि कैसे एक छोटी सी चूक ने पांच परिवारों की दुनिया उजाड़ दी। अब देखना है कि प्रशासन इससे क्या सबक लेता है और क्या भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।
क्या आप मानते हैं कि ऐसे हादसे प्रशासन की लापरवाही का नतीजा हैं?
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