गरबा डांडिया: चारु चौधरी ने दिखाई एकता और विविधता की मिसाल!
गोरखपुर में गरबा डांडिया कार्यक्रम ने सांस्कृतिक एकता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। चारु चौधरी की उपस्थिति में सभी ने एकजुट होकर उत्सव मनाया।
गोरखपुर, 14 अक्टूबर 2024: विजयादशमी के मौके पर गोरखपुर के जेमिनी रेजीडेंसी, बशारतपुर में गरबा डांडिया का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम ने समाज में सांस्कृतिक एकता और सामंजस्य का संदेश दिया। इसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इसे जेमिनी रेजीडेंसी के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार बंका, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती चारु चौधरी और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद विक्रम चौधरी ने मिलकर किया। उद्घाटन में सभी अतिथियों ने सांस्कृतिक आयोजनों के महत्व पर बात की।
श्रीमती चारु चौधरी ने कहा, “गरबा और डांडिया केवल नृत्य नहीं हैं। ये हमारे समाज में सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक हैं। इस तरह के आयोजन से हम अपने पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखते हुए एकता का संदेश फैला सकते हैं।” उनके इस वक्तव्य ने सभी उपस्थित लोगों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम में महिलाओं ने गरबा और डांडिया नृत्य प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों ने रंग-बिरंगे परिधानों में सजकर नृत्य किया। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने दर्शकों का ध्यान खींचा। प्रमुख नृत्यांगनाओं में श्रीमती किरण सिंह, प्रिया सिंह, मृदुल मिश्रा और संस्कृति अग्रवाल शामिल थीं।
श्रीमती किरण सिंह ने कहा, “गरबा और डांडिया जैसे नृत्य हमें एक दूसरे से जोड़ते हैं। यह हमें हमारी संस्कृति से जोड़े रखता है।”
बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। तृषा शर्मा, कौशिकी शर्मा और शुभ अग्रहरि की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों ने अपनी उमंग और ऊर्जा से नृत्य को जीवंत किया।
बच्चों के माता-पिता ने भी आयोजन की सराहना की। एक मां, श्रीमती राधा अग्रवाल ने कहा, “इस तरह के आयोजनों से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। यह उनके सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है।”
इस आयोजन की सफलता में कई प्रमुख सदस्यों का योगदान रहा। आयोजन की रूपरेखा तैयार करने में श्रीनिवास त्रिपाठी, जेपी श्रीवास्तव और कुलदीप सिंह अरोरा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. नूतन श्रीवास्तव ने किया। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की रोचकता को बनाए रखा। अंत में, श्रीमती चारु चौधरी ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “सांस्कृतिक कार्यक्रम समाज में एकता और सद्भावना को बढ़ावा देते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि गरबा और डांडिया जैसे नृत्य समाज में नई ऊर्जा का संचार करते हैं। “ये नृत्य हमारे प्राचीन मूल्यों से जुड़े हुए हैं। इनके माध्यम से हम अपनी संस्कृति को सहेज सकते हैं।”
जेमिनी रेजीडेंसी वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष मांधाता सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम के समापन पर सभी ने मिलकर 'वंदे मातरम्' का सामूहिक गायन किया। इससे पूरे वातावरण में देशभक्ति और उत्साह की भावना फैली।
इस आयोजन ने स्पष्ट किया कि गरबा और डांडिया नृत्य समाज में सांस्कृतिक विविधता, एकता और सामंजस्य का प्रतीक हैं। इस प्रकार के आयोजन हमें यह सिखाते हैं कि विविध संस्कृतियों के बावजूद, हम सभी एकजुट होकर समाज को मजबूत बना सकते हैं। जेमिनी रेजीडेंसी का यह आयोजन समाज में सांस्कृतिक एकता की प्रेरणादायक मिसाल पेश करता है।
यह आयोजन एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि संस्कृति के माध्यम से न केवल मनोरंजन हो सकता है, बल्कि हम एकजुट और समृद्ध भी बन सकते हैं।
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