Kanpur Horror: बड़ी बहन ने 'अय्याशी' छिपाने के लिए प्रेमी के दोस्तों से करवाया छोटी बहनों का रेप!
कानपुर के फजलगंज इलाके से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां एक बड़ी बहन ने अपनी अय्याशी छुपाने के लिए अपनी दो छोटी बहनों का रेप करवाया। जानिए इस चौंकाने वाली वारदात की पूरी कहानी।

कानपुर का फजलगंज इलाका इन दिनों एक सनसनीखेज घटना की वजह से चर्चा में है। रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर देने वाली यह घटना न सिर्फ समाज को झकझोरती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि क्या अब भरोसा सबसे नजदीकी रिश्तों पर भी नहीं किया जा सकता?
कहानी शुरू होती है एक सामान्य परिवार से, जहां तीन बहनें, उनका पिता और एक बुजुर्ग दादी रहते थे। मां की मौत बीमारी के चलते कुछ साल पहले हो चुकी थी। बड़ी बेटी की उम्र लगभग 20-22 साल थी और वह पड़ोस के एक लड़के के साथ प्रेम-संबंध में थी। संबंध केवल भावनाओं तक सीमित नहीं थे, बल्कि शारीरिक स्तर तक पहुँच चुके थे।
जब ‘राज़’ बना खतरा
छोटी बहनों को इस रिश्ते की भनक लग चुकी थी। उन्होंने इस बारे में दादी से बात करने की बात भी कही। यहीं से शुरू होता है एक डरावना खेल। बड़ी बहन को डर था कि उसका 'राज़' खुल गया तो परिवार में बदनामी होगी, और प्रेमी से उसका रिश्ता टूट सकता है।
उसने एक खौफनाक रास्ता चुना— अपनी ही छोटी बहनों को खामोश करने के लिए उन्हें हवस का शिकार बनवाया। उसने अपने प्रेमी और उसके दोस्तों से मिलकर यह साजिश रची और अपनी ही मासूम बहनों का बलात्कार करवा दिया।
धमकियों से डराने की नाकाम कोशिश
रेप के बाद भी बड़ी बहन ने अपनी बहनों को धमकाया कि अगर उन्होंने यह बात किसी को बताई, तो वह खुद को मार डालेगी या उन्हें मरवा देगी। लेकिन छोटी बहनों ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी दादी को सब कुछ बता दिया।
फिर आया आत्महत्या का मोड़
22 अप्रैल को जब दादी ने बड़ी बहन को इस बारे में फटकार लगाई, तो उसने आत्महत्या कर ली। उस समय किसी को अंदाजा नहीं था कि वह इतनी बड़ी साजिश की दोषी थी।
लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, छोटी बहनों की आपबीती ने पूरे मामले की परतें खोल दीं। पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की, तो सामने आया कि आत्महत्या करने वाली बड़ी बहन ही अपनी दोनों बहनों के साथ हुए इस जघन्य अपराध की मास्टरमाइंड थी।
पुलिस की कार्रवाई शुरू
फिलहाल, दादी की शिकायत के आधार पर फजलगंज पुलिस ने मृतका के प्रेमी और उसके एक दोस्त के खिलाफ रेप और साजिश के तहत केस दर्ज कर लिया है। पीड़ित बहनों का मेडिकल कराया गया है और उनके बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं।
इतिहास से मिलती है सीख
ऐसी घटनाएं हमें बार-बार याद दिलाती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा केवल बाहरी तत्वों से नहीं, बल्कि घर के अंदर से भी खतरे में हो सकती है। पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में 'भरोसे का खून' करने वाली घटनाएं सामने आती रही हैं—चाहे वह दिल्ली की निर्भया हो या फिर मथुरा की दो बहनें।
यह घटना कानपुर जैसे बड़े शहर में सामने आना और उसमें एक बहन द्वारा बहनों को ही निशाना बनाना, समाज की सोच को झकझोरता है।
कानपुर की इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि जब नैतिकता खत्म हो जाती है, तब इंसान अपने ही खून को मिटाने से भी नहीं चूकता। यह खबर केवल एक घटना नहीं, एक चेतावनी है कि रिश्तों की असलियत को पहचानने की ज़रूरत है।
क्या आपको लगता है कि इस तरह के अपराधों के लिए कठोरतम सज़ा होनी चाहिए?
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