Bihar Accident: शादी से लौट रहे थे खुश, लेकिन रास्ते में 8 लोगों की मौत हो गई – कटिहार की रात बनी खौफनाक
बिहार के कटिहार में एक दर्दनाक सड़क हादसे में SUV और ट्रैक्टर की टक्कर में 8 लोगों की मौत हो गई, सभी मृतक सुपौल जिले के बताए जा रहे हैं। हादसे की जांच तेज़ी से जारी है।

Bihar Accident: बिहार का कटिहार जिला एक बार फिर एक दिल दहला देने वाले सड़क हादसे का गवाह बना। सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात, NH-31 पर स्थित समेली ब्लॉक कार्यालय के पास एक तेज रफ्तार SUV और ट्रैक्टर की आमने-सामने टक्कर में 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस हादसे ने न सिर्फ सुपौल जिले बल्कि पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है।
हादसे के वक्त सभी यात्री एक शादी समारोह से लौट रहे थे। हंसी-खुशी भरे माहौल से भरी यह यात्रा महज कुछ पलों में मातम में बदल गई। पुलिस के मुताबिक, सभी मृतक पुरुष थे और एक ही SUV कार में सवार थे। कटिहार पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने पुष्टि की कि हादसा उस समय हुआ जब सामने से आ रहा एक ट्रैक्टर अचानक से SUV के सामने आ गया और टक्कर इतनी जोरदार थी कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए।
इतिहास गवाह है – NH-31 पर हादसों की लंबी फेहरिस्त
NH-31 बिहार और पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने वाला एक व्यस्त और अहम नेशनल हाईवे है। लेकिन इसी रास्ते पर वर्षों से लगातार हादसों की खबरें आती रही हैं। खासकर समेली ब्लॉक क्षेत्र के आसपास, जहां सड़क संकरी और ट्रैफिक अव्यवस्थित रहता है, यह हादसा कोई पहला नहीं है।
पिछले कुछ वर्षों में, इसी हाईवे पर हुए दर्जनों सड़क हादसों में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। स्थानीय प्रशासन पर इन हादसों को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं, लेकिन ज़मीनी बदलाव शायद ही हो पाया है।
पुलिस की सक्रियता और जांच का दायरा
घटना के तुरंत बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने 8 लोगों को मृत घोषित कर दिया। घायल दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है। पुलिस फिलहाल मृतकों की पहचान में जुटी हुई है, लेकिन शुरुआती जांच में सामने आया है कि सभी मृतक सुपौल जिले के निवासी थे।
शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और हादसे की जांच की दिशा में अधिकारियों ने जांच तेज कर दी है। ट्रैक्टर चालक की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं—क्या ट्रैक्टर तेज गति से चल रहा था? क्या वह गलत दिशा में आ रहा था? ये सारे सवाल जांच के दायरे में हैं।
परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़
हादसे की खबर जब सुपौल पहुंची, तो मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया। एक ही गांव के कई युवक जो शादी के जश्न से लौट रहे थे, अब ताबूत में लौटे। यह हादसा न केवल उनकी ज़िंदगी छीन ले गया, बल्कि उनके परिवारों के सपनों को भी चकनाचूर कर गया।
सवाल प्रशासन से – कब मिलेगा समाधान?
NH-31 पर लगातार होते हादसों के बावजूद, स्थानीय प्रशासन और सड़क निर्माण एजेंसियों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। न सड़क चौड़ी की गई, न ट्रैफिक कंट्रोल के पुख्ता इंतजाम किए गए। क्या यह हादसा फिर एक आंकड़ा बनकर रह जाएगा? या फिर अब कुछ सार्थक और ठोस कदम उठाए जाएंगे?
कटिहार हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि बिहार की सड़क सुरक्षा व्यवस्था कितनी लचर है। जब तक सिस्टम में जिम्मेदारी और जागरूकता नहीं आएगी, तब तक NH-31 जैसे रास्तों पर हादसों की यह भयावह कहानी दोहराई जाती रहेगी।
क्या आप मानते हैं कि अब समय आ गया है जब सड़क सुरक्षा पर गंभीर कदम उठाए जाएं? आपकी राय क्या है? हमें नीचे कमेंट में बताएं।
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