Chhath Puja Kharna 2025: 36 घंटे के निर्जला व्रत का राज जानकर रह जाएंगे दंग! कैसे बदल देता है शरीर और भाग्य?

क्या आप जानते हैं खरना के प्रसाद का वो गुप्त राज जो त्वचा और आंखों के रोग दूर करता है? 36 घंटे निर्जला व्रत का विज्ञान और छठी मैया की कृपा का रहस्य! पूरी जानकारी यहां पढ़ें!

Oct 26, 2025 - 15:03
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Chhath Puja Kharna 2025: 36 घंटे के निर्जला व्रत का राज जानकर रह जाएंगे दंग! कैसे बदल देता है शरीर और भाग्य?
Chhath Puja Kharna 2025: 36 घंटे के निर्जला व्रत का राज जानकर रह जाएंगे दंग! कैसे बदल देता है शरीर और भाग्य?

पटना: देशभर में भक्ति और आस्था का महापर्व छठ अब अपने सबसे निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। खरना के साथ ही व्रती अब 36 घंटे के कठोर निर्जला व्रत की ओर बढ़ चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो शरीर और मन को पूरी तरह बदल देती है?

क्या है खरना का गुप्त विज्ञान?

आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से देखें तो खरना का प्रसाद एक संपूर्ण डिटॉक्स डाइट है। मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से बनी खीर और रोटी में छुपे हैं कई स्वास्थ्य रहस्य:

  • गुड़ और ईख का रस: त्वचा और आंखों के रोगों को दूर करते हैं

  • मिट्टी के चूल्हे का प्रभाव: शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार

  • आम की लकड़ी: वातावरण को शुद्ध करने का गुण

36 घंटे निर्जला व्रत: क्या कहता है विज्ञान?

चिकित्सा विजेष्कों के अनुसार 36 घंटे का निर्जला व्रत शरीर के लिए एक स्वचालित क्लीनिंग प्रोसेस है:

  • शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं

  • डाइजेस्टिव सिस्टम को आराम मिलता है

  • मेटाबॉलिज्म रीसेट होता है

  • इम्यून सिस्टम मजबूत होता है

क्या आप जानते हैं छठी मैया का ऐतिहासिक रहस्य?

छठी मैया को सूर्य देव की बहन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार:

  • यह पर्व महाभारत काल से चला आ रहा है

  • द्रौपदी ने भी पांडवों के लिए छठ व्रत रखा था

  • कर्ण भी सूर्य उपासना के लिए प्रसिद्ध थे

अर्घ्य का खगोलीय महत्व

सूर्य को अर्घ्य देने का समय कोई आकस्मिक नहीं है। विज्ञान कहता है:

  • सूर्यास्त और सूर्योदय का समय सूर्य की किरणों का सबसे अधिक लाभकारी प्रभाव

  • उल्टा अर्घ्य (पानी में सूर्य का प्रतिबिंब) एक विशेष प्रकार की एनर्जी का संचार

  • तांबे के बर्तन का पानी शरीर के लिए अमृत समान

क्या होता है शरीर में 36 घंटे व्रत के दौरान?

  1. पहले 12 घंटे: शरीर में जमा एक्स्ट्रा ग्लूकोज खत्म

  2. अगले 12 घंटे: फैट बर्निंग प्रोसेस शुरू

  3. आखिरी 12 घंटे: डीप डिटॉक्सिफिकेशन

क्या आप मिस कर रहे हैं इस चमत्कारिक पर्व का लाभ?

अगर आपने आज तक छठ व्रत नहीं रखा है, तो हो सकता है आप:

  • शारीरिक स्वास्थ्य के एक बड़े लाभ से वंचित रह गए हों

  • मानसिक शांति के एक गहन अनुभव को नहीं जान पाए हों

  • आध्यात्मिक ऊर्जा के संचार को महसूस नहीं किया हो

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. अंकित शर्मा कहते हैं, "छठ व्रत का वैज्ञानिक आधार बहुत मजबूत है। यह शरीर के सभी सिस्टम को रीसेट करने का एक प्राकृतिक तरीका है।"

क्या आप तैयार हैं इस चमत्कार को अनुभव करने के लिए?

अगले साल के छठ पर्व के लिए खुद को तैयार करें:

  • मानसिक रूप से खुद को प्रेरित करें

  • शारीरिक रूप से पहले से तैयारी शुरू करें

  • आध्यात्मिक रूप से ज्ञान प्राप्त करें

सिर्फ पर्व नहीं, एक संपूर्ण जीवनशैली

छठ पर्व सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है जो हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाना सिखाती है। यह हमें याद दिलाती है कि सूर्य हमारे जीवन का आधार है और उसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना हमारा कर्तव्य है।

क्या आपने कभी छठ व्रत रखा है? अपने अनुभव कमेंट में जरूर शेयर करें!

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।