Jharkhand weather : Jharkhand Storms ने मचाया कोहराम: 6 की मौत, ऑरेंज अलर्ट फिर जारी!
झारखंड में मई की बारिश और आंधी ने मचाया कहर, छह लोगों की मौत और दर्जनों जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

मई का महीना आम तौर पर झारखंड में भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार हालात बिल्कुल उलटे हैं। झारखंड का मौसम बीते कुछ दिनों से ऐसा बदला है कि आसमान से बरस रही आफ़त लोगों की जान तक ले रही है। शुक्रवार को तेज़ बारिश, आंधी और वज्रपात ने पूरे राज्य को हिला दिया। राज्य के छह अलग-अलग जिलों में छह लोगों की मौत हो गई। कहीं पेड़ गिरने से तो कहीं आकाशीय बिजली ने कहर बरपाया।
6 मौतें और टूटता जनजीवन
गुरुवार और शुक्रवार को गिरिडीह, धनबाद, हजारीबाग, लोहरदगा, रामगढ़ और लातेहार में आंधी के बीच बिजली गिरने और पेड़ गिरने की घटनाओं में लोगों की जान चली गई। हजारीबाग और रामगढ़ में बिजली गिरने से मौत हुई, वहीं गिरिडीह और लातेहार में पेड़ गिरने से लोग मारे गए। मौसम का ये तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग, रांची ने अगले दो दिनों (शनिवार और रविवार) के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यानी खतरा अभी टला नहीं है। वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार, राज्य के अधिकांश हिस्सों में अगले 48 घंटों के दौरान तेज आंधी, बारिश और वज्रपात की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि तापमान में कोई खास वृद्धि नहीं होगी, लेकिन कहीं-कहीं मौसम बेहद उग्र रूप ले सकता है।
पलामू में ओलावृष्टि से तबाही
पलामू जिला इस बार ओलावृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आई आंधी और तेज़ बारिश ने वहां की सब्जी और फल की फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। कई घरों के छप्पर उड़ गए, और पेड़ गिरने से रास्ते अवरुद्ध हो गए।
इतिहास गवाह है, मई में भी आया है मौसमी कहर
झारखंड का मौसम अकसर अप्रत्याशित रूप लेता रहा है। 2009, 2013 और 2018 में भी मई-जून के दौरान ऐसी ही बारिश और तूफान ने तबाही मचाई थी। लेकिन इस बार चिंता इस बात की है कि मई की शुरुआत में ही मौसम ने इतना खतरनाक रूप ले लिया है।
कितनी हुई बारिश?
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दुमका में सबसे ज्यादा 94.2 मिमी बारिश हुई।
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मेदिनीनगर में 40.8 मिमी
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धनबाद में 38 मिमी
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रांची में 25.4 मिमी
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बोकारो, हजारीबाग और रामगढ़ में 24 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अभी और बारिश बाकी है!
मौसम विभाग का कहना है कि 10 मई तक प्री-मानसून गतिविधियां बनी रहेंगी, जिसके बाद कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन तब तक बिजली गिरने, आंधी आने और तेज बारिश की आशंका बनी हुई है।
सावधान रहें, सुरक्षित रहें
राज्य प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि मौसम के दौरान बाहर न निकलें, पेड़ों के नीचे खड़े न हों और बिजली के उपकरणों से दूरी बनाए रखें।
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