Goa Stampede: श्रद्धालुओं की चीख-पुकार से दहला शिरगांव, 6 की मौत और लाशों के बीच दौड़ते लोग!
गोवा के शिरगांव में श्री लैराई देवी की जात्रा के दौरान मची भीषण भगदड़ में 6 लोगों की मौत और 75 से अधिक घायल हो गए। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और पीएम मोदी ने घटना पर दुख जताया है। हादसे के पीछे की लापरवाही की जांच के आदेश दिए गए हैं।

Goa Stampede: गोवा का शांत और सुंदर इलाका शिरगांव शनिवार सुबह एक भयावह हादसे का गवाह बन गया, जब श्रद्धा और आस्था का उत्सव चीख-पुकार और भगदड़ में तब्दील हो गया। श्री लैराई देवी की वार्षिक जात्रा के दौरान मची भगदड़ में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 75 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस घटना ने पूरे गोवा और पड़ोसी राज्यों को झकझोर दिया है।
क्या है श्री लैराई देवी की जात्रा?
हर साल गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक से हजारों श्रद्धालु शिरगांव गांव में स्थित लैराई मंदिर में जुटते हैं। यह जात्रा गोवा की सबसे प्रसिद्ध धार्मिक परंपराओं में से एक मानी जाती है, जिसमें श्रद्धालु आग पर चलने की कठिन परीक्षा भी देते हैं। यह आयोजन सदियों पुराना है और गोवा की सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा रहा है।
हादसे का मंजर
शनिवार सुबह मंदिर परिसर में अचानक भगदड़ मच गई, जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु एक साथ मंदिर में प्रवेश करने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक अफवाह या हलचल ने भीड़ को घबरा दिया और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इसी अफरातफरी में कई लोग जमीन पर गिर गए और कुचले गए।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि भगदड़ का असली कारण अब तक साफ नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच में प्रशासनिक चूक और भीड़ नियंत्रण में असफलता को जिम्मेदार माना जा रहा है।
प्रशासन का जवाब और राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तुरंत घटनास्थल और अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों से मिलकर चिकित्सा सुविधा की जानकारी ली और अधिकारियों को हादसे की गहन जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैंने हर अस्पताल का दौरा किया है। इलाज जारी है और सभी घायलों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।"
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि आठ घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल दो लोगों को गोवा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने मौके पर 108 एंबुलेंस सेवा और ICU सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराईं।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दर्दनाक हादसे को लेकर मुख्यमंत्री सावंत से बात की और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।
राजनीतिक बयानबाजी भी तेज
गोवा कांग्रेस ने घटना पर दुख जताया और लिखा कि यह लापरवाही की पराकाष्ठा है। पार्टी ने प्रशासन से इस त्रासदी की जवाबदेही तय करने की मांग की है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाए जाने की जरूरत बताई है।
क्या कहते हैं जानकार?
विशेषज्ञों का मानना है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन के लिए पूर्व नियोजित रणनीति और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। आग पर चलने जैसी परंपराएं आज भी लाखों लोगों को आकर्षित करती हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में चूक जानलेवा साबित हो सकती है।
अंतिम सवाल: क्या यह रोका जा सकता था?
हर साल आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम न होना कई सवाल खड़े करता है। क्या समय रहते स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित कर सकता था? क्या भीड़ नियंत्रित करने के लिए कोई योजना थी? इन सभी सवालों के जवाब आने वाली जांच रिपोर्ट में मिल सकते हैं, लेकिन एक बात तो साफ है—श्रद्धा के नाम पर अगर जानें जाती रहीं, तो सवाल उठते रहेंगे।
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