Ranchi Attack: JPSC रिजल्ट पर भड़के बाबूलाल मरांडी, सरकार पर लगाए चाटुकारिता के संगीन आरोप
जेपीएससी रिजल्ट में देरी को लेकर बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार और चाटुकारों की नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए आंदोलनरत छात्रों की आवाज़ बुलंद की।

झारखंड में जेपीएससी मुख्य परीक्षा के नतीजों को लेकर घमासान तेज़ हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि जेपीएससी जैसे महत्वपूर्ण आयोग को सरकार ने "भ्रष्टाचार और चाटुकारिता का अड्डा" बना दिया है।
10 महीने से लटके रिजल्ट, छात्र आंदोलन में
जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 24 जून 2024 को आयोजित की गई थी। अब जबकि इस परीक्षा को 10 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, परीक्षार्थी परिणाम की राह ताक रहे हैं। कई छात्र संगठन और उम्मीदवार लगातार आंदोलन और धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार और आयोग की तरफ से अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।
बाबूलाल मरांडी का ट्वीट वार
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर तीखा ट्वीट करते हुए लिखा:
"हेमंत सोरेन जी ने प्रतिवर्ष JPSC परीक्षा कराने का वादा किया था, लेकिन मुख्य परीक्षा के 10 महीने बीत जाने के बावजूद अब तक रिजल्ट नहीं आया। JPSC में भ्रष्ट अधिकारियों और चाटुकार नेताओं के रिश्तेदारों को नियुक्त कर आयोग को पंगु बना दिया गया है।"
इतिहास दोहराने की कगार पर JPSC विवाद
यह पहला मौका नहीं है जब झारखंड लोक सेवा आयोग विवादों में है। 2006 में भी जेपीएससी पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप लगे थे, जिसके बाद से आयोग की निष्पक्षता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। तब भी सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों को लेकर न्यायिक जांच और आंदोलन हुए थे।
अब 2024 में भी स्थिति कुछ वैसी ही नजर आ रही है — छात्र सड़कों पर हैं, आयोग चुप है और सरकार तमाशबीन बनी हुई है।
आयोग में नियुक्तियों पर भी सवाल
मरांडी का आरोप है कि जेपीएससी में जो नए अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं, उन्होंने भी अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह नियुक्ति छात्रों के आंदोलन को शांत करने की एक अस्थायी रणनीति मात्र थी, न कि समाधान निकालने का प्रयास।
उन्होंने कहा कि आयोग के सदस्य सिर्फ वेतन उठा रहे हैं, जबकि लाखों परीक्षार्थी भविष्य के संकट में जी रहे हैं।
राजनीतिक संदेश या जनता की आवाज़?
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि बाबूलाल मरांडी का यह हमला सिर्फ सरकार की आलोचना भर नहीं है, बल्कि आगामी चुनावों से पहले छात्र वर्ग को साधने की रणनीति भी है। हालांकि, इस बहस के केंद्र में हैं वे लाखों परीक्षार्थी जो नौकरी और करियर की राह देख रहे हैं।
छात्रों का धैर्य अब टूटने की कगार पर
झारखंड के कोने-कोने से युवा राजधानी रांची में जुटकर रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं। इन युवाओं का कहना है कि अगर जल्द परिणाम घोषित नहीं हुआ तो आंदोलन और व्यापक होगा।
जेपीएससी की निष्क्रियता ने झारखंड के छात्र वर्ग को निराश किया है। सरकार पर लगे गंभीर आरोपों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आने वाले दिनों में रिजल्ट जारी होता है या यह मामला भी इतिहास के पन्नों में एक और असफलता के रूप में दर्ज हो जाएगा।
क्या आप भी जेपीएससी के उम्मीदवार हैं? अपनी राय नीचे कमेंट में ज़रूर दें।
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