Red Cross quiz competition : मानवता की पाठशाला बनी प्रतियोगिता, किसने मारी बाज़ी?
ज़ेवियर पब्लिक स्कूल, डोरकासाई में विश्व रेड क्रॉस दिवस पर हुए कार्यक्रम ने विद्यार्थियों में सेवा, एकता और मानवता के सिद्धांतों को जीवंत कर दिया। जानिए कैसे एक क्विज़ ने बच्चों को दिया नया दृष्टिकोण।

डोरकासाई के ज़ेवियर पब्लिक स्कूल में 8 मई का दिन कुछ अलग ही जोश और उद्देश्य से शुरू हुआ। मौका था विश्व रेड क्रॉस दिवस का, और इस बार का आयोजन सिर्फ एक रस्म अदायगी नहीं, बल्कि छात्रों की सोच और समझ को गहराई देने वाला अनुभव बन गया।
क्या आप जानते हैं रेड क्रॉस जैसी वैश्विक संस्था की नींव किसने और क्यों रखी थी?
1859 में हेनरी ड्यूनेंट नामक एक स्विस व्यापारी ने इटली के सोल्फेरिनो युद्ध में घायल सैनिकों की हालत देखकर एक ऐसा संगठन बनाने का विचार किया, जो किसी भी देश, धर्म या रंगभेद से परे सिर्फ इंसानियत के लिए काम करे। इसी सोच ने जन्म दिया रेड क्रॉस मूवमेंट को।
विद्यालय में कार्यक्रम की शुरुआत हुई प्रातःकालीन सभा से, जहाँ पीजीटी शिक्षक श्री चंद्रकांत त्रिपाठी ने रेड क्रॉस के छः मुख्य सिद्धांत—मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वेच्छा, एकता और सार्वभौमिकता—को बेहद सरल और भावनात्मक अंदाज़ में छात्रों को समझाया। उन्होंने बताया कि इन सिद्धांतों को अपनाकर ही हम एक बेहतर समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
इसके बाद छात्रों ने एक ऐसा गीत प्रस्तुत किया, जिसने रेड क्रॉस के मूल विचारों को सुरों में पिरो दिया। यह प्रस्तुति न केवल संगीतमय थी, बल्कि हर श्रोता के दिल को छू गई। सेवा और समर्पण की भावना को गीत के माध्यम से व्यक्त करना छात्रों की भावनात्मक समझ को दर्शाता है।
लेकिन असली रोमांच शुरू हुआ क्विज़ प्रतियोगिता से।
क्या कोई सामान्य स्कूल क्विज़ इतना प्रभावशाली हो सकता है?
यहाँ हाँ है जवाब।
इस क्विज़ को दो चरणों में बांटा गया। प्रारंभिक राउंड 5 मई को आयोजित हुआ जिसमें कक्षा 7 से 12 तक के छात्रों ने भाग लिया। प्रत्येक कक्षा से 10 चुने हुए छात्र, यानी कुल 50 प्रतिभागी, फाइनल के लिए चयनित हुए।
इन 50 छात्रों को 5-5 के समूह में बाँटा गया और 10 टीमों का गठन हुआ। 8 मई को हुए फाइनल राउंड में चार चुनौतीपूर्ण राउंड्स थे—रेड क्रॉस का इतिहास, सिद्धांत, योगदान और वर्तमान गतिविधियाँ।
टीम बी बनी विजेता, जिसमें शामिल थे:
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आयुष कुमार (कक्षा X)
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राहिल सोरेन (कक्षा IX)
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दसमत मुर्मू (कक्षा VIII)
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विकास साव (कक्षा VII)
इन सभी छात्रों ने न केवल उत्तर दिए, बल्कि रेड क्रॉस के मूल्यों को आत्मसात कर प्रस्तुत किया।
द्वितीय स्थान पर रही टीम डी, जबकि टीम जी ने तृतीय स्थान पाया। विजेता टीम को स्कूल के प्राचार्य श्री राजीव रंजन ने पुरस्कार और शुभकामनाएं प्रदान कीं।
यह आयोजन क्यों था इतना खास?
क्योंकि यह केवल ज्ञान पर नहीं, मानवता की समझ पर आधारित था। बच्चों ने न सिर्फ प्रतियोगिता में भाग लिया, बल्कि सेवा और सहानुभूति के महत्व को महसूस किया। आज जब दुनिया में युद्ध, आपदा और संघर्ष आम बात हो गई है, ऐसे आयोजनों के ज़रिए आने वाली पीढ़ियों को संवेदनशील और ज़िम्मेदार नागरिक बनाना समय की माँग है।
ज़ेवियर पब्लिक स्कूल ने न केवल छात्रों को रेड क्रॉस के इतिहास और मूल्यों से जोड़ा, बल्कि उन्हें कर्मयोग की भावना से भी प्रेरित किया। रेड क्रॉस सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि मानवता का प्रतीक है—और यही भावना हर बच्चे के मन में अंकित कर दी गई।
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