Bokaro Betrayal Story: बड़े भाई ने किया छोटे भाई की सुपारी में सौदा, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान!
बोकारो में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां एक बड़े भाई ने महज एकतरफा प्यार की वजह से अपने छोटे भाई की हत्या करवा दी। पढ़ें पूरी कहानी जो रिश्तों की कीमत पर आधारित है।

Bokaro Betrayal Story: बोकारो जिले के पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र से एक ऐसी खबर सामने आई है जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी। जहां रिश्तों को सबसे बड़ा माना जाता है, वहीं एक बड़े भाई ने अपने सगे छोटे भाई की जिंदगी को महज ₹1,40,000 में बेच डाला।
यह घटना 5 मई की सुबह उजागर हुई जब पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र में NH-23 फोरलेन के किनारे एक शो रूम के पास एक युवक की लाश बरामद की गई। जांच में पता चला कि यह शव 23 वर्षीय धनंजय गुप्ता का है, जिसकी हत्या उसी के बड़े भाई अजय गुप्ता ने करवाई थी।
इतिहास के पन्नों में दर्ज कई भाई-भाई के झगड़ों ने हमें चौंकाया है – चाहे वो मुगलों के बीच की आपसी लड़ाइयाँ हों या आधुनिक काल की संपत्ति विवाद वाली घटनाएं। लेकिन बोकारो का यह मामला दिल को झकझोर देने वाला है, क्योंकि इसमें सिर्फ पैसे ही नहीं, एकतरफा प्रेम और ईर्ष्या की भूमिका भी सामने आई है।
धनंजय एक सामान्य जीवन जी रहा था। वह टोटो चलाकर अपनी पत्नी काजल कुमारी के साथ गुजर-बसर करता था। काजल, उसकी भाभी (अजय की पत्नी) की छोटी बहन थी। यही बात अजय गुप्ता को नागवार गुजर रही थी।
एकतरफा प्यार बना खून की वजह
एसडीपीओ प्रवीण सिंह के अनुसार, अजय गुप्ता अपनी पत्नी लक्ष्मी की छोटी बहन काजल से एकतरफा प्रेम करता था। वह उससे शादी करना चाहता था, लेकिन काजल ने अजय के छोटे भाई धनंजय को जीवन साथी चुना। यह बात अजय के अहं को ठेस पहुंचाती रही।
शैतानी साजिश की शुरुआत
अपने अपमान और असफल प्रेम का बदला लेने के लिए अजय ने अपने दोस्त करण राय के साथ मिलकर साजिश रची। उसने करण, रोहित यादव और अभिषेक कुमार महतो को मिलाकर ₹1,40,000 में अपने ही भाई की हत्या का सौदा तय कर डाला। ₹1 लाख एडवांस में देकर 4 मई को योजना को अंजाम देने की तैयारी की गई।
करण ने 5 मई को धनंजय को बहाने से शो रूम के पास बुलाया, जहां पहले से मौजूद रोहित और अभिषेक ने उस पर धारदार चाकू से वार किया और उसकी जान ले ली। इसके बाद सभी हत्यारे मौके से फरार हो गए।
72 घंटे में बड़ा खुलासा
घटना के बाद बोकारो पुलिस एक्टिव हुई। डॉग स्क्वाड, एफएसएल और तकनीकी शाखा की मदद से एसपी मनोज स्वर्गियारी के नेतृत्व में एसआईटी टीम बनाई गई। 72 घंटे की मेहनत के बाद रोहित यादव और अभिषेक महतो को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद जब पूछताछ हुई तो पूरा मामला सामने आया। अजय गुप्ता इस पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड था, जो अब भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
एसआईटी में ये अधिकारी शामिल थे:
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चास मु अंचल इंस्पेक्टर रूपेंद्र कुमार राणा
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पिंड्राजोरा थाना प्रभारी अभिषेक कुमार रंजन
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पुअनि शुभम कुमार गोप
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पुअनि विवेक कुमार पांडेय
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पुअनि उदय शंकर शर्मा
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पुअनि धीरज उरांव
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पुअनि धमेंद्र कुमार
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पुअनि अनिकेत कुमार
क्या कहती है समाजशास्त्र की नजर?
एकतरफा प्रेम कई बार विकृत मानसिकता का रूप ले लेता है। सामाजिक अस्वीकृति, ईर्ष्या और आत्मसम्मान को चोट जब मिलती है, तो रिश्ते भी कुर्बान हो जाते हैं।
यह मामला न केवल कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती बना, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे निजी भावनाएं, जब कंट्रोल से बाहर हो जाती हैं, तो रिश्तों की कीमत भी लगाई जा सकती है।
बोकारो का यह मामला रिश्तों, प्रेम और बदले की एक खौफनाक मिसाल बन चुका है। जब भाई ही भाई का हत्यारा बन जाए, तो इंसानियत पर से भरोसा उठना लाजिमी है।
क्या अजय गुप्ता को सजा मिल पाएगी? क्या काजल अपने पति के हत्यारे को न्याय के कटघरे तक पहुंचा पाएगी? इन सवालों का जवाब समय देगा, लेकिन आज समाज को इनसे सबक लेने की जरूरत है।
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