Saraikela Protest: सैकड़ों महिलाओं ने शराब की दुकान बंद करने की मांग को लेकर रेलवे ओवरब्रिज को किया जाम
सरायकेला खरसावां के हाड़ीसाई क्षेत्र की महिलाओं ने शराब की दुकान बंद करने की मांग को लेकर बुरुडीह रेलवे ओवरब्रिज को 1.15 घंटे तक जाम कर दिया। प्रशासन ने महिलाओं को समझाकर जाम हटाया।

सरायकेला खरसावां जिले के खरसावां थाना क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं ने गुरुवार को हाड़ीसाई, शिमला, गुरूडीह, महालीसाई, असुरा, गोजुडीह, पोटका, देवली आदि गांवों से एकजुट होकर बुरुडीह रेलवे ओवरब्रिज को करीब 1.15 घंटे तक जाम कर दिया। महिलाओं का यह प्रदर्शन महालीसाइ में संचालित सरकारी शराब की दुकान को बंद करने की मांग को लेकर था। इस दौरान खरसावां जिला मुख्यालय का संपर्क अन्य इलाकों से पूरी तरह कट गया और सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
क्यों उठी महिलाओं की आवाज?
- शराब की दुकान के चलते महिलाओं और युवतियों के साथ छेड़खानी की घटनाएं बढ़ गईं
- आए दिन मनचले युवकों द्वारा महिलाओं को परेशान किया जाना
- शराब के प्रभाव में होने वाली अपराधिक घटनाओं में वृद्धि
- पहले भी कई बार प्रशासन को शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही:
- एसडीपीओ समीर कुमार सवैया मौके पर पहुंचे
- सर्किल इंस्पेक्टर नितिन कुमार सिंह ने महिलाओं से बातचीत की
- खरसावां थाना के एएसआई प्रकाश कुमार ने स्थिति को संभाला
- बीडीओ प्रधान माझी और सीओ कप्तान सिंकू ने महिलाओं को समझाया
महिलाओं की मांगें
- महालीसाइ में संचालित सरकारी शराब की दुकान को तत्काल बंद किया जाए
- महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं
- गांवों में शराब के दुष्प्रभावों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाए
पिछले विरोध प्रदर्शनों का इतिहास
पिछले 2 वर्षों में यह क्षेत्र:
- तीसरी बार है जब महिलाओं ने शराब की दुकान बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया
- 2022 में भी महिलाओं ने सड़क जाम कर विरोध जताया था
- 2023 में ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर शराब दुकान हटाने की मांग की गई थी
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
- ग्रामीणों का कहना है कि शराब ने युवाओं को बर्बाद कर दिया है
- महिलाएं दिन-रात असुरक्षा की भावना से जूझ रही हैं
- गांव के बुजुर्गों ने भी महिलाओं के प्रदर्शन का समर्थन किया
प्रशासन का रुख
एसडीपीओ समीर कुमार सवैया ने बताया:
"हम महिलाओं की मांगों को गंभीरता से ले रहे हैं।
जिला प्रशासन को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी।"
आगे की कार्रवाई
- प्रशासन ने शराब दुकान के संचालन की समीक्षा का आश्वासन दिया
- गांवों में सुरक्षा के लिए पुलिस गश्त बढ़ाने का निर्णय
- महिलाओं के साथ बैठक कर समस्या का स्थायी समाधान खोजा जाएगा
यह प्रदर्शन एक बार फिर साबित करता है कि ग्रामीण महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही हैं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से नहीं हिचकतीं। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से स्थिति पर काबू पाया गया, लेकिन अब नजर इस बात पर है कि महिलाओं की मांगों पर कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से अमल किया जाता है। समाज के हर वर्ग को महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए आगे आना होगा।
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