Ranchi Fraud: सीमेंट डीलर से पुलिस तक, एक ही शहर में साइबर ठगी का खौफनाक जाल!

रांची में साइबर अपराधियों ने सीमेंट डीलर, महिला, ग्रामीण और पुलिसकर्मी तक को ठग लिया। जानिए कैसे एक ही शहर में लाखों की ठगी कर दिया गया अंजाम, और कैसे फैला है यह खतरनाक साइबर जाल।

May 8, 2025 - 12:44
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Ranchi Fraud: सीमेंट डीलर से पुलिस तक, एक ही शहर में साइबर ठगी का खौफनाक जाल!
Ranchi Fraud: सीमेंट डीलर से पुलिस तक, एक ही शहर में साइबर ठगी का खौफनाक जाल!

Ranchi Fraud की यह कहानी एक दो नहीं, बल्कि पूरे शहर को हिला देने वाली कई चौंकाने वाली घटनाओं से जुड़ी है। राजधानी रांची से सामने आए इन ताज़ा मामलों में साइबर अपराधियों ने चार अलग-अलग लोगों को निशाना बनाकर करीब 6.65 लाख रुपये की ठगी कर डाली। चौंकाने वाली बात यह है कि इन घटनाओं में न केवल आम नागरिक बल्कि एक पुलिसकर्मी तक को ठग लिया गया।

अब सवाल यह उठता है कि रांची जैसे शहर में साइबर ठगों का यह नेटवर्क इतना मजबूत कैसे हो गया? चलिए जानते हैं इस पूरे मामले की परत-दर-परत जानकारी और इतिहास से इसकी गंभीरता को भी समझते हैं।

सीमेंट कंपनी का नाम लेकर 2.5 लाख की ठगी

सबसे पहला मामला सिकिदिरी के सांडी गांव निवासी विनोद कुमार साहू का है, जिनकी 'साहू इंटरप्राइजेज' नामक सीमेंट और छड़ की दुकान है। उन्हें एक ब्रांडेड सीमेंट कंपनी का डीलर बनाने का झांसा दिया गया। फर्जी कागजात और कॉल के ज़रिए भरोसा दिलाया गया और उनसे 2.50 लाख रुपये वसूल लिए गए। जब तक विनोद को सच्चाई समझ में आई, तब तक उनका पैसा गायब हो चुका था।

फोन हैक कर महिला से ठगे ₹60,000

दूसरी घटना हटिया के बास्को नगर निवासी रीता रोजारियो के साथ हुई। साइबर ठगों ने किसी तकनीकी ट्रिक का इस्तेमाल करते हुए उनका फोन हैक कर लिया और ₹60,000 निकाल लिए। ठगों ने उनके बैंक डिटेल्स तक पहुंच बनाई और डिजिटल पेमेंट माध्यम से पैसे उड़ा लिए।

ग्रामीण इलाकों में भी पहुंचा साइबर जाल: बेड़ो में ठगी

तीसरी घटना रांची के बेड़ो की है, जहां दिधिया गांव निवासी प्रफल्लिता शेख साइबर ठगों का शिकार बनीं। उनके खाते से ₹1.05 लाख डिजिटल तरीके से निकाल लिए गए। यह केस यह दर्शाता है कि अब साइबर अपराध केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रह गया है।

लोन के नाम पर निकाले 2.5 लाख: हिंदपीढ़ी केस

चौथा मामला हिंदपीढ़ी के निवासी फरहान आजाद का है। उनसे साइबर अपराधियों ने लोन दिलाने का झांसा देकर ₹2.50 लाख की ठगी की। झूठे लोन ऑफर, फर्जी कॉल और फॉर्म भरवाकर उनसे बड़ी रकम वसूल ली गई।

पुलिसकर्मी भी नहीं बचे: लालपुर केस ने उड़ाए होश

इससे भी चौंकाने वाला मामला कुछ दिन पहले लालपुर थाना में पदस्थापित ट्रैफिक पुलिसकर्मी से जुड़ा है। एक ठग ने दुबई में रहने वाले उनके भाई के नाम पर WhatsApp कॉल की और ₹3.20 लाख ठग लिए। इस मामले में केस साइबर थाने में दर्ज किया गया है।

इतिहास और बढ़ती घटनाएं

भारत में साइबर क्राइम की घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में बेतहाशा बढ़ी हैं। NCRB की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साइबर अपराधों की दर में 11% की सालाना वृद्धि हो रही है। झारखंड तो विशेष रूप से साइबर अपराध के लिए बदनाम होता जा रहा है, जहां जामताड़ा को देश की साइबर क्राइम राजधानी तक कहा जाने लगा है। अब यह खतरा धीरे-धीरे रांची जैसे बड़े शहरों तक भी फैल चुका है।

जागरूकता ही बचाव है

Ranchi Fraud की इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि साइबर अपराध किसी एक वर्ग को नहीं, बल्कि सभी को निशाना बना रहे हैं—व्यापारी, महिलाएं, ग्रामीण और पुलिसकर्मी तक। डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहना अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। अगर कोई कॉल, मैसेज या लुभावना ऑफर आए—तो सोचें, जांचें, और सतर्क रहें।

क्या आपके साथ भी हुआ है ऐसा कोई धोखा? अब समय है जागरूक बनने का।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।