Chakradharpur Murder: शराब की रात बना खूनी संघर्ष, झाड़ियों से मिला हत्या का राज!
चक्रधरपुर में एक शराबी झगड़े में युवक की हत्या, स्कूल के पीछे झाड़ियों में मिला शव। जानें पुलिस ने कैसे आरोपी को पकड़ा।

चक्रधरपुर का बाइपी पंचायत इन दिनों एक सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर सुर्खियों में है। बोरदीरी नव प्राथमिक विद्यालय की घनी झाड़ियों से एक ऐसी सच्चाई सामने आई, जिसने न केवल पूरे गांव को हिलाकर रख दिया, बल्कि झारखंड पुलिस की सक्रियता और तेज जांच प्रणाली की भी मिसाल पेश की। यह घटना उस वक्त और रहस्यमयी बन गई जब शव के आसपास से खून से सना फरसा बरामद हुआ, और चक्रधरपुर के मोरन सिंह पूर्ति को पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
हत्या, शराब और झगड़े का खौफनाक मेल
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह हत्या कोई पूर्व नियोजित षड्यंत्र नहीं थी, बल्कि एक आपसी विवाद का खौफनाक परिणाम थी। सत्य प्रकाश पूर्ति और मोरन सिंह पूर्ति के बीच पहले से कुछ मनमुटाव था, और जब दोनों एक साथ शराब पी रहे थे, तो विवाद इतना बढ़ा कि मोरन ने नशे की हालत में फरसे से वार कर सत्य प्रकाश की हत्या कर दी।
झारखंड के ग्रामीण इलाकों में शराब सेवन और उससे जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यह घटना न केवल इस सामाजिक बुराई को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे मामूली झगड़े जानलेवा रूप ले लेते हैं।
कैसे सामने आया झाड़ियों से राज?
बोरदीरी नव प्राथमिक विद्यालय, जो आमतौर पर शिक्षा का केंद्र माना जाता है, इस बार चर्चा में आया किसी सच्चाई को छिपाने की वजह से। स्थानीय ग्रामीणों को स्कूल के पीछे झाड़ियों में कुछ संदिग्ध हलचल महसूस हुई, जिसके बाद सूचना पुलिस तक पहुंची। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने सत्य प्रकाश पूर्ति का शव बरामद किया और पास से खून से सना फरसा भी जब्त किया।
पुलिस को संदेह था कि आरोपी कहीं आसपास ही हो सकता है। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी दल का गठन किया और बाइपी क्षेत्र में मोरन सिंह पूर्ति के घर पर छापा मारा गया। वहां से आरोपी को पकड़ लिया गया और साक्ष्यों के आधार पर हत्या का आरोप सिद्ध होने पर उसे गुरुवार को जेल भेज दिया गया।
क्या कहती है पुलिस?
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी और मृतक के बीच विवाद पहले से था, लेकिन शराब के नशे में यह मामला नियंत्रण से बाहर हो गया। उन्होंने कहा कि, "यह घटना हमें बताती है कि नशा न केवल व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बनाता है, बल्कि उसे कानून और मानवीय मर्यादा दोनों से परे कर देता है।"
क्षेत्र में डर और सवाल
इस हत्याकांड के बाद पूरे बाइपी पंचायत और चक्रधरपुर क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। गांव वालों में भय और आशंका का माहौल है। लोगों का कहना है कि यदि स्कूल जैसी जगह के पास ऐसी घटनाएं होंगी, तो बच्चों की सुरक्षा और गांव के भविष्य पर सवाल खड़ा होता है। कई ग्रामीणों ने प्रशासन से क्षेत्र में सख्त निगरानी की मांग की है।
अपराध का इतिहास और नशे का जाल
झारखंड के कई ग्रामीण इलाकों में शराब सेवन और उससे जुड़ी घटनाएं लगातार प्रशासन के लिए चुनौती बन रही हैं। चक्रधरपुर और आसपास के इलाकों में घरेलू शराब की उपलब्धता और इससे उपजे अपराध प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय है। यह घटना इस कड़ी का एक ताजा उदाहरण है।
चक्रधरपुर की यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है। यह दिखाती है कि कैसे नशा, आपसी विवाद और आक्रोश, एक जीवन को खत्म कर सकता है और दूसरे को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है। इस घटना से सबक लेने का समय है — समाज को ऐसे मुद्दों पर जागरूक करना और प्रशासन को ज़मीन पर सख्ती बरतनी होगी।
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