Jamshedpur Accident Drama: आधी रात को बेकाबू कार सब्जी दुकान में जा घुसी, खून से सनी सड़क और मचा हड़कंप!
जमशेदपुर के मानगो में आधी रात को एक तेज रफ्तार कार सड़क किनारे खड़ी कार से टकरा गई, जिससे वह कार सीधे सब्जी दुकान में जा घुसी। हादसे में दो युवक घायल, दुकान का डेढ़ लाख का नुकसान।

जमशेदपुर के मानगो थाना क्षेत्र में बुधवार की आधी रात एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसने इलाके में सन्नाटा तोड़कर हड़कंप मचा दिया।
जवाहरनगर रोड नंबर 10 पर करीब 2 बजे एक तेज रफ्तार कार ने सड़क किनारे खड़ी एक अन्य कार को इतनी जोर से टक्कर मार दी कि वह कार सीधे एक सब्जी की दुकान में जा घुसी।
घटना के बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई, और जब गुरुवार सुबह लोगों ने टूटी दुकान, खून से सनी सड़क और बिखरी सब्जियाँ देखीं, तो पूरा मोहल्ला सन्न रह गया।
टक्कर से दुकान तबाह, ड्राइवर और साथी गंभीर रूप से घायल
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सब्जी विक्रेता मुमताज अहमद की दुकान पूरी तरह बर्बाद हो गई।
उनके अनुसार, “करीब डेढ़ लाख रुपये का नुकसान हुआ है। सब्जियाँ, काउंटर, वज़न मशीनें—सब कुछ चकनाचूर हो गया।”
इतना ही नहीं, बगल में बनी एक चाय की गुमटी भी पूरी तरह टूट गई, जिससे एक और स्थानीय दुकानदार को भी नुकसान हुआ।
कार चला रहे युवक की पहचान अनस के रूप में हुई है, जो अपने एक साथी के साथ कार में सवार था।
टक्कर के वक्त कार की रफ्तार इतनी ज्यादा थी कि उसका नियंत्रण पूरी तरह खत्म हो गया।
हालांकि, कार का एयरबैग खुल जाने से दोनों की जान बच गई, लेकिन उन्हें गंभीर चोटें आई हैं और अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हादसे की पूरी घटना कैद हुई कैमरे में
इस दर्दनाक हादसे की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है, जो अब सबूत और जांच का अहम हिस्सा बन चुकी है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह कार अनियंत्रित होकर तेज गति में सीधे दूसरी खड़ी कार में भिड़ती है और फिर दुकान को चीरते हुए अंदर जा घुसती है।
इस फुटेज के आधार पर स्थानीय पुलिस जांच में जुट गई है, और हादसे के पीछे की वजहों का पता लगाया जा रहा है।
प्राथमिक जांच में तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाना ही मुख्य कारण बताया जा रहा है।
सड़क हादसों का इतिहास: जमशेदपुर नहीं है अछूता
जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहर में सड़क हादसे कोई नई बात नहीं हैं।
साल 2022 में मानगो क्षेत्र में ही एक तेज रफ्तार बाइक की टक्कर से एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी।
वहीं, 2023 में भी जवाहरनगर रोड पर एक स्कूटी और ट्रक की टक्कर में एक महिला की जान चली गई थी।
इन घटनाओं से साफ है कि तेज रफ्तार और लापरवाही अब सिर्फ दुर्घटनाएं नहीं, बल्कि नुकसान और मौत का कारण बन चुकी हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में हर साल करीब 5000 से अधिक सड़क हादसे होते हैं, जिनमें से 30% से अधिक हादसे शहरी क्षेत्रों में होते हैं।
सवालों के घेरे में सिस्टम और संवेदनशीलता
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन, ड्राइविंग अनुशासन और सड़क सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
क्या हर रात की शांति अब किसी तेज रफ्तार गाड़ी की गूंज से टूटेगी?
क्या आम दुकानदार अपने व्यवसाय को लेकर अब हर रात डरे रहेंगे?
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क पर स्पीड ब्रेकर लगाने और सीसीटीवी की निगरानी बढ़ाने की मांग की है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
आपकी राय ज़रूरी है
क्या आपको लगता है कि तेज रफ्तार वाहनों पर अब कानूनी शिकंजा और सख्त होना चाहिए?
या फिर ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को और कठोर बनाना ज़रूरी है?
अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर दें और इस खबर को शेयर करें ताकि और लोग भी सतर्क रहें।
क्योंकि अगली बार यह हादसा किसी और का नहीं, आपके घर के सामने भी हो सकता है।
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