Mango Cyber Fraud: मानगो में दो लोगों से 2.35 लाख की ठगी, जानिए कैसे रचा गया जाल

जमशेदपुर के मानगो में साइबर ठगों ने दो लोगों से 2.35 लाख रुपये की ठगी की। जानें कैसे हुई ठगी और इससे बचने के उपाय।

Dec 6, 2024 - 09:26
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Mango Cyber Fraud: मानगो में  दो लोगों से 2.35 लाख की ठगी, जानिए कैसे रचा गया जाल
Mango Cyber Fraud: मानगो में दो लोगों से 2.35 लाख की ठगी, जानिए कैसे रचा गया जाल

जमशेदपुर : साइबर अपराधियों का जाल लगातार फैलता जा रहा है, और जमशेदपुर का मानगो क्षेत्र इसका नया शिकार बन गया है। ताजा मामला मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड और हाईवे स्थित दो निवासियों का है, जिनसे ठगों ने चतुराई से 2 लाख 35 हजार रुपये उड़ा लिए। ये घटना लोगों को सतर्क रहने का संदेश देती है, लेकिन साथ ही डिजिटल सुरक्षा पर सवाल भी खड़े करती है।

कैसे हुई ठगी?

पहला मामला: किताब के बहाने 42 हजार की ठगी

मानगो के अशोका टावर निवासी दीपंजय श्रीवास्तव ने ऑनलाइन एक किताब मंगाई थी। जब पुस्तक समय पर नहीं पहुंची, तो उन्होंने सपोर्ट के लिए दिए गए नंबर पर संपर्क किया। ठग ने दावा किया कि उनकी शिकायत दर्ज करने के लिए दो रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करने होंगे। जैसे ही दीपंजय ने पैसे ट्रांसफर किए, उनके खाते से 42 हजार रुपये उड़ा लिए गए।

दूसरा मामला: क्रेडिट कार्ड से 1.93 लाख की चोरी

हाईवे स्थित आशियाना अनंतरा निवासी प्रतिभा मिश्रा का मामला और भी चौंकाने वाला है। प्रतिभा के एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड से 22 नवंबर को 1 लाख 93 हजार रुपये निकाल लिए गए। ठगों ने उनके कार्ड की जानकारी के साथ छेड़छाड़ कर यह बड़ी रकम उड़ा ली।

साइबर पुलिस की कार्रवाई और स्थिति

मानगो थाना में दोनों मामलों को लेकर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा है कि नंबर के आधार पर ठगों की पहचान की जा रही है। साइबर सेल का कहना है कि इस तरह के मामलों में तकनीकी जांच और सतर्कता जरूरी है।

हालांकि, पुलिस के अनुसार जमशेदपुर में साइबर अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हर दिन एक-दो मामले सामने आ रहे हैं। कई बार आरोपियों की गिरफ्तारी होती है, लेकिन ठगों के नए-नए तरीकों के चलते लोगों का शिकार होना जारी है।

डिजिटल ठगी: इतिहास और बढ़ती घटनाएं

भारत में डिजिटल लेन-देन की शुरुआत ने जीवन को आसान तो बनाया, लेकिन साइबर अपराधियों को भी नए अवसर दिए। 2010 के बाद से झारखंड, खासकर जमशेदपुर, साइबर ठगी का हॉटस्पॉट बनकर उभरा है।

साल 2020 में, जमशेदपुर के एक व्यवसायी से फर्जी कस्टमर केयर कॉल के जरिए 5 लाख रुपये ठगे गए थे। इसी तरह 2022 में, मानगो के एक छात्र से उसके आधार अपडेट के बहाने 75 हजार रुपये निकाल लिए गए।

लोग क्यों फंसते हैं ठगों के जाल में?

  1. डर और हड़बड़ी: ठग अक्सर लोगों को डरा-धमका कर या जल्दी फैसला लेने पर मजबूर करते हैं।
  2. तकनीकी जानकारी की कमी: ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के नियमों की पूरी जानकारी न होना भी इसका मुख्य कारण है।
  3. लुभावने ऑफर: कम दामों पर सामान या सेवाएं देने का वादा भी लोगों को फंसाता है।

सावधानी के उपाय

  • ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय सतर्क रहें: अज्ञात लिंक या फोन कॉल से बचें।
  • शिकायत के लिए आधिकारिक माध्यम अपनाएं: कस्टमर केयर के नंबर हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।
  • संदेहजनक गतिविधियों की तुरंत सूचना दें: किसी भी ठगी का संकेत मिलते ही साइबर सेल को रिपोर्ट करें।

पुलिस की सलाह

जमशेदपुर साइबर सेल के अधिकारियों ने कहा है कि ठगी से बचने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने कुछ अहम बिंदु बताए हैं:

  1. बैंक कभी भी फोन पर निजी जानकारी नहीं मांगते।
  2. OTP या बैंक डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें।
  3. किसी भी संदिग्ध कॉल या ईमेल को अनदेखा करें।

आगे का रास्ता

इन घटनाओं ने एक बार फिर डिजिटल सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। पुलिस और प्रशासन को न केवल अपराधियों को पकड़ने की कोशिश करनी चाहिए, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाने चाहिए।

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