Jamshedpur Cyber Fraud: महिला से 23 हजार की ठगी, CBI के नाम पर रची गई साजिश
जमशेदपुर की जसबीर कौर से साइबर ठगों ने सीबीआई का नाम लेकर 23 हजार रुपये की ठगी कर ली। जानें पूरी घटना और बढ़ते साइबर अपराधों से बचने के उपाय।
जमशेदपुर : डिजिटल युग में साइबर अपराधियों के जाल में फंसने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ताजा मामला सीतारामडेरा की रहने वाली जसबीर कौर का है, जिनसे 23 हजार रुपये की ठगी की गई। यह मामला चौंकाने वाला है, क्योंकि ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए न केवल धमकाया, बल्कि उन्हें हैदराबाद बुलाने की भी धमकी दी।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
जसबीर कौर ने बिष्टुपुर साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। उनके अनुसार, मंगलवार को सुबह 11 बजे उन्हें एसबीआई कस्टमर केयर मुख्यालय मुंबई से फोन आया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि उनके नाम से जारी क्रेडिट कार्ड में एक लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद, उन्हें दूसरे व्यक्ति से बात करने के लिए कहा गया।
दूसरी कॉल पर एक व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और धमकी देते हुए कहा कि यदि वह उनकी बात नहीं मानेंगी, तो सीबीआई उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। डर और दहशत के माहौल में जसबीर कौर से 45 हजार रुपये की मांग की गई। उन्होंने तुरंत 23 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
साजिश का पर्दाफाश
पैसे ट्रांसफर करने के बाद जब जसबीर कौर को शक हुआ, तो उन्होंने अधिवक्ता से संपर्क किया। अधिवक्ता ने जब ठगों के नंबर पर फोन किया और उन्हें सख्त चेतावनी दी, तब जाकर यह मामला पूरी तरह से खुला।
डिजिटल ठगी के बढ़ते मामले
साइबर अपराधों की यह घटना जमशेदपुर में कोई नई नहीं है। झारखंड साइबर क्राइम का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, ठग अक्सर बड़े-बड़े सरकारी संस्थानों जैसे सीबीआई, बैंक, या पुलिस का नाम लेकर भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं।
2019 में एक ऐसा ही मामला तब सामने आया था, जब साकची के एक व्यापारी से 50 हजार रुपये की ठगी हुई थी। इसी तरह, 2021 में मानगो के एक निवासी से आधार और पैन अपडेट के नाम पर ठगों ने 1 लाख रुपये ऐंठ लिए थे।
ठगी का मनोवैज्ञानिक पहलू
साइबर ठग अक्सर लोगों को डराने के लिए आधिकारिक भाषा और धमकी भरे शब्दों का उपयोग करते हैं। जसबीर कौर के मामले में भी ठगों ने यही किया। सीबीआई और पुलिस का नाम लेकर उन्हें मानसिक रूप से इतना परेशान किया गया कि वह बिना किसी जांच-पड़ताल के पैसे देने को मजबूर हो गईं।
पुलिस की सलाह: सतर्क रहें
बिष्टुपुर साइबर थाने के अधिकारियों ने कहा कि ऐसे मामलों में सबसे पहले व्यक्ति को कॉल की सच्चाई की जांच करनी चाहिए। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही फोन पर बैंक से संबंधित जानकारी साझा करें।
क्या करें यदि आप फंस जाएं?
- थाने में शिकायत दर्ज करें: साइबर अपराध की सूचना तुरंत स्थानीय थाने या साइबर क्राइम सेल को दें।
- बैंक को सूचित करें: अगर ठगी में आपका बैंक खाता या कार्ड शामिल है, तो बैंक को तुरंत सूचित करें।
- साइबर हेल्पलाइन का उपयोग करें: 155260 पर कॉल कर अपने पैसे की रिकवरी का प्रयास करें।
- सावधानी बरतें: अज्ञात कॉल्स और संदेशों से बचें।
साइबर अपराध का इतिहास
भारत में साइबर क्राइम के मामले 2000 के दशक की शुरुआत में तेजी से बढ़ने लगे। खासकर झारखंड के कुछ इलाकों को साइबर ठगी का केंद्र माना जाता है। यहां से ठग कॉल सेंटर बनाकर बड़े शहरों में रहने वाले लोगों को निशाना बनाते हैं।
जमशेदपुर में बढ़ते साइबर अपराध
जमशेदपुर जैसे शहर में जहां डिजिटल जागरूकता अभी भी कम है, वहां साइबर ठगी के मामलों में तेजी देखी गई है। पुलिस की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन ठगों के नए-नए तरीकों के कारण लोग अक्सर इनके जाल में फंस जाते हैं।
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